मैं वह 'वक्त' सलीके से खर्च कर रहा हूं ताकि अपनी देह और सांसों के साथ को कुछ और 'वक्त' दे सकूं । इसलिए मैंने 'वक्त' पर 'वक्त' को खर्च करना सीख लिया है। मैं जानता हूं कि इस डेबिट कार्ड सी जिंदगी की एक वैधता भी है। वह तारीख पहले से मुकर्रर है। मानो कोई स्क्रैच कार्ड हो, जो तय वक्त पर खुद ही स्क्रैच हो जाए और पता चल जाए कि आज जिंदगी की अंतिम तारीख है। जाहिर है मैं उस एक्सपायरी डेट से पहले अपने वक्त का जुडीशस इस्तेमाल करना चाहूंगा। मैं वही कर रहा हूं। मेरी जिंदगी में रोज एक नया दिन जुड़ता है। दूसरा सच यह कि मैं अपनी डेबिट कार्ड वाली जिंदगी की जमा पूंजी से रोज एक नया दिन खर्च भी कर रहा हूं। मेरी जिंदगी के दिन हर नई सुबह के साथ कम हो रहे हैं। जी हां, यह जिंदगी खर्च हो रही है।
लेकिन, ऐसा पहले नहीं था। मैं बिल्कुल आपकी तरह था।
मेरी जिंदगी तब समंदर सी थी। उसमें लहरें आती-जाती रहती थीं। अंधेरा होता, तो लहरें और ऊर्जावान हो जातीं। उजाला होता, तो इन लहरों के किनारे एक दुनिया बस जाती। मेरी जिंदगी अपनी गति से चल रही थी। तभी एक रोज अचानक वक्त ने करवट बदली। मेरी देह में मौजूद लाखों कोशिकाओं में से एक में कैंसर ने जगह बना ली। जब मुझे इसका पता चला, तब तक वह अपने चौथे स्टेज में पहुंच चुका था। सामान्य बोलचाल में इसे कैंसर की अंतिम स्टेज कहते हैं। मेरी दूसरी कोशिकाओं में भी कैंसर का विस्तार हो चुका था। मेडिकल साइंस इसे 'मेटास्टेसिस' होना कहता है।
यह वह स्थिति है, जब कैंसर ठीक नहीं हो सकता। मेरा इलाज 'क्योरेटिव' न होकर 'पैलियेटिव' है। मुझे अपनी बाकी जिंदगी कैंसर के साथ ही गुजारनी होगी। लिहाजा, मैंने कैंसर से दोस्ती कर ली है।
Denne historien er fra July 24, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम