![एक ही सिक्के के दो पहलू एक ही सिक्के के दो पहलू](https://cdn.magzter.com/Outlook Hindi/1699895286/articles/cH82thjx61700049965136/1700050127129.jpg)
इजरायल के ऊपर हमास ने जो बर्बरता बरपायी है उसकी बिना किसी किंतु-परंतु के बेशर्त निंदा की जानी चाहिए। नरसंहार, बलात्कार, गांवों और सामूहिक खेतों से लोगों को उठाकर बंधक बनाया जाना, और एक संगीत समारोह में किया गया कत्लेआम यह पुष्ट करता है कि हमास का वास्तविक लक्ष्य इजरायली राज्य और सारे इजरायलियों को नष्ट करना है। इतना कहने के बाद अब मौजूदा परिस्थिति ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण की मांग करती है। इसे किसी सफाई के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि आगे के रास्ते पर स्पष्टता कायम करने के लिए यह जरूरी है।
सबसे पहले तो चौतरफा व्याप्त विषाद पर बात होनी चाहिए, जिसने ज्यादातर फलस्तीनियों की जिंदगी को जकड़ा हुआ है। याद करें करीब दशक भर पहले यरूशलम की सड़कों पर चला छिटपुट आत्मघाती हमलों का वह सिलसिला, जब एक आम फलस्तीनी किसी यहूदी को देखते ही चाकू निकाल कर मार देता था, यह अच्छे से जानते हुए कि उसके बाद उसकी मौत होना तय थी। इन कथित आतंकी गतिविधियों में कोई संदेश नहीं होता था, ‘फलस्तीन को आजाद करो’ का नारा नहीं गूंजता था। न ही ऐसी घटनाओं के पीछे कोई बड़ा संगठन था। ये सब हताशा में डूबे हुए लोगों की निजी हिंसात्मक कार्रवाइयां थीं।
हालात अचानक तब बुरे हुए जब बेन्यामिन नेतन्याहू ने ऐसे धुर दक्षिणपंथी दलों के साथ मिलकर नई सरकार बना ली, जो वेस्ट बैंक की फलस्तीनी बस्तियों को कब्जाने और वहां यहूदियों को बसाने की खुलेआम पैरवी करती हैं। मसलन, राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रभारी नए मंत्री इतमार बेन-ग्विर यह मानते हैं कि “(वेस्ट बैंक में) स्वतंत्र होकर घूमने-फिरने के मेरे अधिकार, मेरी पत्नी के अधिकार, मेरे बच्चों के अधिकार अरबों के अधिकारों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।” इस आदमी को अरब विरोधी चरमपंथी दलों से जुड़े होने के चलते सैन्य सेवा से प्रतिबंधित किया जा चुका है। जिन दलों से उसका जुड़ाव था, उन्हें 1994 में हेब्रॉन में हुए अरबों के नरसंहार के बाद आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया था।
Denne historien er fra November 27, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra November 27, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
![दिल्ली से निकलती सियासत दिल्ली से निकलती सियासत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/-MA_6DNi31739535740400/1739535854348.jpg)
दिल्ली से निकलती सियासत
आम आदमी पार्टी के दिल्ली में चुनावी पराभव से क्या राष्ट्रीय राजनीति निकलेगी, आज सबसे मौजूं सवाल यही होना चाहिए
![अरविंद नहीं, कमल अरविंद नहीं, कमल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/_T_pnHjaq1739535854031/1739536018749.jpg)
अरविंद नहीं, कमल
मतदान से पहले तक दिल्ली की फिजाओं में गूंजती बदलाव की आहटें सच साबित हुईं, ये आहटें कितनी हकीकत थीं कितना फसाना, दिल्ली चुनाव की कहानी इसी बहस में उलझी है, लेकिन असल सवाल आप और उसके नेताओं के भविष्य का है, जिसे बचाने की कवायद जारी
![निराशा और विनाश के बीच निराशा और विनाश के बीच](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/tDGFYx2jb1739536472076/1739536625666.jpg)
निराशा और विनाश के बीच
इंटरसेप्टेड और सॉन्ग्स ऑफ स्लो बर्निंग अर्थ जैसे वृत्तचित्र यूक्रेन पर रूसी कब्जे के मुद्दे को उजागर करती हैं, फोकस विनाश की कहानियों से आगे निकलकर युद्ध के मानवीय पहलू पर
![गेमिंग का नया युग गेमिंग का नया युग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/hi1jZakB61739536377660/1739536467982.jpg)
गेमिंग का नया युग
सरकारी समर्थन और बढ़ते करियर विकल्पों के कारण भारत में बढ़ रहा ऑनलाइन गेमिंग का बाजार, ठोस नीति की कमी और टैक्स से जुड़ी चिंताएं अब भी भारी
![आया गया अडा आया गया अडा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/Jhb5W8myz1739535453409/1739535555515.jpg)
आया गया अडा
पिछली महायुति सरकार ने मिड-डे मील में अंडा जोड़ा, तो इस सरकार ने हटा दिया
![अमन के दावों पर मौतें भारी अमन के दावों पर मौतें भारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/GmXgS4D7p1739535559497/1739535739240.jpg)
अमन के दावों पर मौतें भारी
घाटी में पिछले दिनों सिलसिलेवार हुई उत्पीड़न और हत्या की घटनाओं ने उठाए अमन-चैन के केंद्र के दावे पर सवाल
![आध्यात्म और संस्कृति का अनोखा संगम आध्यात्म और संस्कृति का अनोखा संगम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/e4X5E_XRM1739536199237/1739536375444.jpg)
आध्यात्म और संस्कृति का अनोखा संगम
महाकुंभ में देश और विदेश से पहुंचे करोड़ों लोगों ने गंगा, \"यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाई
![भविष्य का रास्ता भविष्य का रास्ता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/v6djOauBB1739536028854/1739536195259.jpg)
भविष्य का रास्ता
असल संदेश भविष्य की उस राजनीति का है जो मोदी की सियासत को चुनौती दे सके, अगर यह विचारधारा की लड़ाई की मुनादी है, तो फिर राहुल गांधी को भी बदलना होगा
![ट्रम्प की जल्दबाजी ट्रम्प की जल्दबाजी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/5yRnvNpVH1739534817581/1739535038876.jpg)
ट्रम्प की जल्दबाजी
पद संभालते ही आदेशों का शुरू हुआ सिलसिला कहां ले जाएगा अमेरिका को?
![जंजीरों में लौटे आज के गिरमिटिया जंजीरों में लौटे आज के गिरमिटिया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/266/1994503/xOwgyItvk1739535040091/1739535449146.jpg)
जंजीरों में लौटे आज के गिरमिटिया
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही अवैध आप्रवासियों को उनके देश भेजने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसकी गूंज भारत की घरेलू राजनीति और संसद को हिला रही