आम चुनाव जैसे-जैसे समापन वाले चरण की ओर बढ़ रहा है राज्य में चुनावी रंग दिलचस्प होता जा रहा है। जोड़-तोड़ सतह पर है। सड़क पर नेताओं के बैनर, पोस्टर, होर्डिंग का अभाव है मगर पार्टी दफ्तरों में डिजिटल मीडिया की टीम पूरी तेजी में है। नेताओं का जनसंपर्क पर ज्यादा जोर है। उधर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के कदम भी तेज हो गए हैं। पहले चरण के चुनाव के बाद ईडी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता, ग्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही जमीन घोटाला मामले में जेल में हैं। इससे 'इंडिया' गठबंधन की परेशानी बढ़ गई है, हालांकि उसे उम्मीद है कि ईडी की कार्रवाइयों से खास तबकों में सहानुभूति पैदा हुई है जिसका लाभ उसे चुनाव में मिल रहा है।
आलम विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और प्रदेश में कांग्रेस का मजबूत अल्पसंख्यक चेहरा भी हैं। टेंडर कमीशन घोटाला और उससे संबद्ध मनी लांड्रिंग मामले में जांच कर रही ईडी ने आलम के सचिव संजीव लाल के नौकर के घर से 35 करोड़ रुपये नकद जब्त किया था। इसी से जुड़े मामले में ग्रामीण विकास के मुख्य अभियंता सहित कई लोग पहले से जेल में हैं। हाल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के रांची दौरे पर उनसे मिलने पहुंचे न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल की तस्वीर वायरल हुई थी। साथ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी थे। ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन है और विष्णु अग्रवाल जमीन घोटाला मामले में ईडी के एक्शन के बाद जमानत पर हैं। विपक्ष ने इस तस्वीर को मुद्दा बना दिया। घटना को एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि ईडी ने दोबारा न्यूक्लियस मॉल पर सर्वे के नाम पर दबिश डाल दी।
आलमगीर की गिरफ्तारी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैं कि यह राजनीति से प्रेरित है। वे पूछते हैं कि क्या एक सप्ताह के अंदर ही ईडी की जांच पूरी हो गई। पाकुड़ और करीबी इलाकों में आलम की अच्छी पकड़ है। उनकी गिरफ्तारी से राजमहल से भाजपा प्रत्याशी की राह के रोड़े कम हो सकते हैं।
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