चर्चा फिल्म 'एनिमल' के बराबर ही रणबीर कपूर की ऐक्टिंग की भी हो रही है. यह कोई पहला मौका नहीं है जब रणबीर कपूर तारीफ हासिल कर रहे हों बल्कि इस से पहले भी उन की ऐक्टिंग 'ये जवानी है दीवानी', 'संजू', 'बर्फी' और 'राजनीति' जैसी फिल्मों के चलते चर्चाओं में रही है.
निश्चित रूप से भारत से लगभग 2000 किलोमीटर दूर मालदीव में बैठे कुमार गौरव तक भी फिल्म 'एनिमल' और रणबीर कपूर की धमक पहुंची होगी और निश्चित रूप से उन्हें साल 1982 में प्रदर्शित अपनी पहली फिल्म 'लव स्टोरी' की याद आई होगी जिस के सामने फिल्म 'एनिमल' की सफलता कुछ भी नहीं.
पहले हिट बाद में फ्लौप
इस रोमांटिक फिल्म ने बौक्स औफिस पर हाहाकार मचा दिया था. फिल्म 'लव स्टोरी' में नया कुछ नहीं था. यह उस दौर के प्रेमियों की दुश्वारियां बयां करती फिल्म थी जिस के तहत प्यार करने वालों के पहले दुश्मन उन के अपने पेरैंट्स ही होते हैं. प्रेमी जुदाई बरदाश्त नहीं कर पाते थे तो घर से भाग जाते थे. इस के बाद शुरू होता था परेशानियों का सिलसिला जो फिल्म के अंत में मांबाप की सहमति पर जा कर खत्म होता था.
फिल्म 'लव स्टोरी' में कुमार गौरव के अपोजिट विजेयता पंडित थीं, जो उन्हीं की तरह बेहद ताजे चेहरे वाली मासूम और नाजुक करैक्टर की मांग के लिहाज से थीं. कुमार गौरव और वे रातोंरात युवाओं के दिलोदिमाग पर कुछ इस तरह छा गए थे कि लगता था अब इन के सिवाय फिल्म इंडस्ट्री में कोई और चलेगा ही नहीं. कोई 150 सप्ताह यह फिल्म थिएटरों में चली थी और कुमार गौरव असीमित संभावनाओं वाले हीरो फिल्मी पंडितों को लगने लगे थे.
पहली ही फिल्म से सुपर स्टार करार दे दिए गए कुमार गौरव अपने दौर के मशहूर ऐक्टर राजेंद्र कुमार के बेटे थे, जिन्हें जुबली कुमार के खिताब से नवाज दिया गया था.
काम न आया नाम
60 से ले कर 80 के दशक तक राजेंद्र कुमार ने एक के बाद एक हिट फिल्में दी थीं जिन में से अधिकांश सिल्वर जुबली मनाती थीं और जो उस वक्त बौक्स औफिस पर बड़े कलैक्शन की गारंटी होती थी.
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