प्लेसमेंट पर चिंता
■ पाठ्यक्रम में उद्योग की मांग के अनुरूप बदलाव करने की पहल
■ छात्रों के अनुमानित वेतन में 5 से 10 फीसदी कमी
■ कैंपस के छात्र भी कम वेतन की अपेक्षा कर रहे हैं
देश में बिजनेस के पाठ्यक्रम पढ़ने वालों के लिए नौकरी का बाजार मंद चल रहा है और फ्रेशरों को नौकरी पाने में दिक्कत हो रही है। इसका असर बिजनेस स्कूलों में प्लेसमेंट पर भी पड़ा है। चाहे बहुत नामी-गिरामी संस्थान हों या छोटे प्रबंधन संस्थान हों, यह तपिश सभी महसूस कर रहे हैं। इसी वजह से वे भर्ती और प्लेसमेंट की बदलती तस्वीर के हिसाब से ही खुद को ढालने में जुट गए हैं। डेलॉयट कैंपस वर्कफोर्स ट्रेंड्स 2024 सर्वेक्षण से पता चला कि इस साल प्रबंधन छात्रों (एमबीए) का अनुमानित वेतन 5 से 10 फीसदी कम हो गया है। ऐसा पांच साल में पहली बार हुआ है। इसलिए कैंपस में छात्र भी पहले से कम वेतन पाने को तैयार दिख रहे हैं।
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) कलकत्ता के एमबीए पाठ्यक्रम के लिए प्लेसमेंट का आखिरी दौर फरवरी 2024 में पूरा हो गया। संस्थान ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि बाजार में चुनौतियां देखते हुए पहले से ज्यादा कंपनियों के पास जाना पड़ा। आखिरकार संस्थान अपने सभी 464 छात्रों को नौकरियां दिलाने में कामयाब रहा। उन्हें 194 कंपनियों से नौकरी के 529 ऑफर मिले। संस्थान ने कहा, ‘बाजार चुनौती से भरा है, इसलिए पिछला प्लेसमेंट मुश्किल रहा। आगे के प्लेसमेंट के बारे कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।’
Denne historien er fra June 24, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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महत्त्वपूर्ण खनिज में सहयोग बढ़ाने पर अमेरिका से बात
वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने बुधवार को महत्त्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला मजबूत करने की राह निकालने पर बातचीत की।
ट्राई ने रिजर्व बैंक से मदद मांगी
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प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में होगा आरक्षण
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप के पदों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों और दिव्यांगों को मिलने वाले आरक्षण की नीति लागू की जाएगी। इस योजना के तहत 21 साल से 24 साल की उम्र के 1,25,000 युवाओं को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इंटर्नशिप कराने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
रुपया 15 पैसे कमजोर, कच्चे तेल में तेजी
डीलरों ने बताया कि एशियाई मुद्राओं में कमजोरी और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक संघर्ष बढ़ने के बीच कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के चलते रुपया 15 पैसे कमजोर हुआ। गुरुवार को रुपया 83.97 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि बुधवार को यह 83.82 पर था।
डाबर इंडिया को कमजोर राजस्व का अनुमान
डाबर इंडिया का शेयर गुरुवार को दिन के कारोबार में 8 प्रतिशत गिरकर 571.25 रुपये पर आ गया। यह चार महीने में उसका सबसे निचला स्तर है। कंपनी प्रबंधन ने दूसरी तिमाही में एकीकृत राजस्व में गिरावट का अनुमान जताया है।