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कब होती है ग्रहबाधा?
भविष्य का आकलन करने के लिए ज्योतिष में अनेक विधाएँ प्रचलित हैं। घर से किसी काम के लिए निकलते समय शुभ शकुन मिल जाते हैं, तो कार्य पूरा होने की उम्मीद बंध जाती है, इसके विपरीत अशुभ शकुन मिलने पर सफलता पर प्रश्नवाचक चिह्न ला जाता है।
धन-सम्पन्नता और सुख देने वाली हस्तरेखाएँ
मनुष्य को कर्म तो सतत करना पड़ता है, क्योंकि जीवन चलने का बाग है, परन्तु सतत कर्म के बाद जो चीज मिलती है, उसे ही अंत में 'किस्मत' कहा जाता है। मनुष्य के जीवन में किस्मत की ऐसी अवधारणा के बीच हाधों की लकीरों में छिपे अपने भाग्य को जानने और समझने के लिए हस्त अध्ययन भी एक कारवार उपकरण के रूप में साबित होता है ...
रिचर्ड ब्रैन्सन- अन्तरिक्ष व्यवसाय में ऐतिहासिक छलाँग
एयरलाइंस के क्षेत्र में इनको अच्छी सफलता मिली, अन्य अन्तरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में भी अच्छी सफलता मिलने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार लगभग 600 लोगों ने अन्तरिक्ष सैर की एडवांस बुकिंग करवा रखी है।
पर्यटन के लिए खुला अन्तरिक्ष
अन्तरिक्ष की सैर
जानें कब होगा कल्कि अवतार?
सतयुग में भगवान् श्रीविष्णु के चार अबतार हुए-मत्स्यावतार, कूमवितार, बराहावतार और नृसिंहावतार। दैत्य शंखासुर का बध करने तथा वेदों का उद्धार करने हेतु मत्स्यावतार, पृथ्वी का भार बहन करने हेतु कूर्मावतार, सागर में विलीन धरती का उद्धार करने तथा दैत्य हिरण्याक्ष का बध करने हेतु बराहावतार तथा हिरण्यकशिपु का बध करने तथा भक्तराज प्रहाद की रक्षा के लिए नृसिंहावतार सतयुग में हुए।
ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार- हिन्दी सिनेमा के स्वर्णिम युग का अन्त
अमिताभ बच्चन ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि एक संस्थान चला गया। हिन्दी सिनेमा का इतिहास जब कभी लिखा जाएगा, यह हमेशा दिलीप कुमार से पहले और उनके बाद कहलाएगा। एक युग पर परदा गिरा, दुबारा कभी न होने के लिए।
उपलब्धिदायक हैं दशाएँ
लियोनेल मेस्सी
सर्वसिद्धिप्रद ब्रह्माण्ड पावन श्रीकृष्ण कवच
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष
रुद्राक्ष थेरेपी- रुद्राक्ष-चिकित्सा पद्धति
रुद्राक्ष का उपयोग धर्म, अध्यात्म एवं ज्योतिष में ही नहीं, वरन् इसके औषधीय गुणों के कारण चिकित्सा विज्ञान में भी इसका उपयोग किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसके बढ़ते उपयोगों के कारण इससे सम्बन्धित चिकित्सा पद्धति को 'रुद्राक्ष आयुर्वेद', 'रुद्राक्ष थैरेपी' आदि नामों से सम्बोधित किया जाने लगा है।
राफेल नडाल- जल्दी ही कोर्ट में वापस लौटेंगे नडाल
विंबलडन 28 जून से आरम्भ हो रहा है और 23 जुलाई से टोक्यो ओलम्प्रेिक आरम्भ होंगे। नडाल द्वारा इन दोनों टूर्नामेंटों के हटने की घोषणा को कुछ विशेषज्ञ उनके कॅरिअर की समाप्ति मान रहे हैं, परन्तु स्वयं नडाल इसे आगे तक कॅरिअर को चलाने के लिए एक तैयारी के रूप में ले रहे हैं। आइए, ज्योतिष की दृष्टि से देखें कि क्या नडाल टेनिस कोर्ट में वापस लौटेंगे अथवा यह कॅरिअर की समाप्ति है?
1 से 21 मुखी रुद्राक्षः परिचय और लाभ
रुद्राक्ष विशेषांक
रुद्राक्ष- परिचय, प्रजाति एवं उत्पत्ति
हिन्दू धर्म में तुलसी, बिल्व, पीपल आदि वृक्षों के समान आदर प्राप्त करने वाला रुद्राक्ष वृक्ष Elaeocarpus वंश की लगभग 350 जातियों में से एक है। रुद्राक्ष का वानस्पतिक नाम 'Elaeocarpus gairnes' है। आंग्ल भाषा में इसे 'Utrasum Beed' कहते हैं।
गुप्तनवरात्र में करें मनोकामनापरक साधना
आषाढ़ीय गुप्तनवरात्र पर विशेष
वृश्चिक लग्न के अष्टम भाव में स्थित चन्द्रमा-मंगल के फल
धर्म के स्वामी का अष्टम भाव में स्थित होना अध्यात्म के मामलों में अनुकूल फलदायक होता है। जातक का अध्यात्म के प्रति रुझान होता है, परन्तु धर्म-अध्यात्म के प्रति प्रवृत्ति में उतारचढ़ाव अवश्य आता है।
ब्लैक फंगस के ज्योतिषीय योग
पोस्ट कोविड कॉम्पलीकेशंस और ज्योतिष
राजर फेडरर- संन्यास अभी दर है!
18 मई, 2021 को जेनेवा ओपन में आठवीं वरीयता प्राप्त रोजर फेडरर लगभग अनजान खिलाड़ी 75वीं वरीयता प्राप्त पाब्लो एंडुजार से अपने पहले ही मैच में हार गए, तो जहाँ आलोचकों ने उनके कॅरिअर की समाप्ति की घोषणा कर दी, वहीं समर्थकों का तर्क था कि फेडरर का मुख्य लक्ष्य विंबलडन है जो कि जून-जुलाई में होने वाला है। क्लेकोर्ट की उनकी तैयारी नहीं थी।
बिल गेट्स- विवाह के 27 साल बाद तलाक की ओर कदम
दुनिया के चौथे सबसे अमीर बिल गेट्स ने वशिंगटन के किंग काउंटी कोर्ट में 27 साल तक दाम्पत्य जीवन बिताने के बाद तलाक की अर्जी दखिल की है।
प्राचीन भारत में स्वर्ण बनाने की कला!
प्राचीन भारत में रसायन विज्ञान में काफी उन्नति कर ली गई थी। ऋषि-मुनियों ने रसायन विज्ञान में कई तथ्यों को खोज निकाला था।
कोरोना से कभी नहीं पड़ेगा रोना यदि सीखा योगमय होकर जीना
कोरोना वायरस को आजकल कहर मचा हुआ है। यह आप सभी को ज्ञात है कि कोरोना वायरस का इफेक्ट हमारे शरीर पर कहाँ होता है और क्यों? फिर भी बता देते हैं इसका प्रभाव हमारे फेफड़ों और गले में होता है।
आँख का तारा बदनसीबी का मारा!
'मेरी बेटी मेरी आँखों का तारा है, लेकिन बदनसीबी की मारी भी है। जहाँ वह अच्छे से सारा बिजनस सम्भाल रही है, वहीं उसकी बदनसीबी तो देखो, उसका विवाह नहीं हो पाया। लोग मुझसे पूछते रहे कि इतनी सुन्दर सुशील, उत्तम कदकाठी की लड़की है आपकी, फिर भी अविवाहिता क्यों है?'
CLAT में सफलता के ज्योतिषीय योग
कन्सोर्टियम ऑव नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज CLAT 2021 के लिए 1 जून से 15 जून के मध्य आवेदन आमंत्रित कर रहा है। वर्तमान समय में युवाओं में CLAT अत्यधिक लोकप्रिय बन चुका है। लाखों की संख्या में परीक्षार्थी इस परीक्षा को देते हैं और इसके माध्यम से 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में एलएलबी में प्रवेश लेकर लॉ से सम्बन्धित कॅरिअर सुनिश्चित करते हैं।
शनि-ज्योतिष का व्यावहारिक स्वरूप
शनि जयन्ती (10 जून, 2021) पर विशेष ...
लक्ष्मीनृसिंह की उपासना से अभीष्ट सिद्धि
श्री नृसिंह जयन्ती (25 मई, 2021)
महर्षि अत्रि के आश्रम में श्रीराम
मुझपराधड़ों श्रीराम को देखकर शरभंग जी अति प्रसन्न हुए और बोले “हे कृपालु रघुवीर मैं ब्रह्मलोक को जा रहा था, इतने में ही मैंने सुना की आप वन में आ रहे हैं, तब से मैं आपकी राह देख रहा हूँ। आज आपको देखकर मेरी छाती शीतल हो गई। हे नाथ! मैं सब साधनों से हीन हूँ। आपने अपना दीन सेवक जानकर की है। अब इस दीन के कल्याण के लिए तब तक यहाँ ठहरिए, जब तक मैं शरीर को छोड़कर आपसे आपके धाम में न मिलूँ।"
दर्द से राहत अब मृत्यु ही दे सकती है
जीवन और कालचक्र को कोई समझ नहीं पाया।जब व्यक्ति को लगता है कि उसने सब समझ लिया, तभी कुछ ऐसा घटित होता है कि मामला फिर असमंजस में दिखता है।
महारानी को दिया सदैव समर्थन
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप का 99 वर्ष की आयु में 09 अप्रैल, 2021 को देहान्त हो गया।
रजनीकान्त 'थलाइवा' को दादा साहब फाल्के
भारत सरकार ने सन् 2019 का फिल्मी क्षेत्र का सर्वोच्च पुरस्कार 'दादा साहब फाल्के' प्रसिद्ध अभिनेता लोकप्रिय रजनीकान्त को देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार उन्हें 3 मई, 2021 को होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा दिया जाएगा।
दान-पुण्य
व्यक्ति के पास धन होना साधारण-सी बात है। बाणभट्ट ने कादम्बारी में कहा है यह लक्ष्मी विद्वान् के पास जाती है, मूर्ख के पास भी जाती है।
नमामि पुण्य निर्झरणी
भारत में प्रकृति के पूजन की परम्परा अति प्राचीन है। सिन्धु सभ्यता के अध्ययन से ज्ञात होता है कि तत्कालीन समय में पशु-पूजा, अग्निपूजा, सूर्य-पूजा, वृक्ष-पूजा एवं जल-पूजा का विधान था।
कुण्डली में आजीविका कारक ग्रहयोग एवं तत्त्व समीक्षा
लग्न कुण्डली पर सर्वाधिक प्रभाव रखने वाला ग्रह द्वारा सर्वप्रथम आजीविका का कारक होता है। आजीविका अर्थ प्राप्ति का वह साधन है, जिसके माध्यम से मनुष्य इस संसार में सुखी जीवन निर्वाह कर सकता है। किसी भी जातक की कुण्डली के आजीविका के स्वरूप को निश्चित करने के पश्चात् आजीविका के विषयों पर गम्भीरतापूर्वक विचार करना चाहिए।