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मरती खेल भावना ट्रोल होते खिलाड़ी
क्रिकेट ट्वेंटी20 वर्ल्ड कप
जूलियट की अनोखी मुहब्बत
जय एक अमीर घर का लड़का था, पर वह खुद लोगों का गाइड बन कर पर्यटन स्थलों पर घुमाने ले जाता था. जूलियट अपनी मां के साथ विदेश से ताजमहल देखने आई थी. वह जय को अपना दिल दे बैठी. इसी बीच जय की शादी कहीं और तय कर दी गई. क्या जूलियट को अपना प्यार मिल पाया?
ज्योति
ज्योति को अपने घरपरिवार से आगे कुछ नहीं दिखाई देता था. अगर कभी वह बीमार भी पड़ती तो दूसरे सदस्य अनदेखा कर देते. एक दिन ज्योति घर में ही गिर पड़ी. उसे अस्पताल ले जाया गया. डाक्टर ने जो कहा, वह सब के होश उड़ा देने वाला था.
अनकहा प्यार
मुक्ता और महत्त्व की मुलाकात औफिस जाने के दौरान एक बस में हुई थी, फिर उन का मेलजोल बढ़ने लगा. एक दिन तेज बारिश के समय महत्त्व ने मुक्ता को औफिस न जाने को कहा और अपनी बाइक पर उसे घुमाने ले गया. आगे क्या हुआ?
'वो' केवल चाहे पैसा
'यार दिलदार तुझे कैसा चाहिए, प्यार चाहिए या पैसा चाहिए...' कोई भी सच्चा हमसफर तो प्यार की ही बात करेगा, पर वे हमसफर जो सिर्फ पैसे के चलते ही किसी के हमकदम बनते हैं, वे पैसे को ही तवज्जुह देंगे.
पत्नी की करें मनुहार
सुबहसुबह छोटी सी बात पर ही दिवाकर की अपनी पत्नी नीलम से लड़ाई हो गई. दोनों ही देर तक बहस करते रहे और आखिर में नीलम रोने बैठ गई.
मर्द डाक्टर से न झिझकें
हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म 'बाला' हो या फिर 'विकी डोनर'. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.
हेमंत सोरेन की चुनौती और भाजपा
आजकल देश में एक तरह से राजनीतिक गृह युद्ध के हालात हैं. एक तरफ है केंद्र की सरकार, जिस का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ है देश के अनेक प्रदेशों के मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय राजनीतिक दल, साथ में कांग्रेस.
क्या चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ आजादी बचा सकेंगे ?
देश की सब से बड़ी अदालत के 50वें चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ अपनेआप में इसलिए अलग हैं कि उन्होंने ऐसे अनेक फैसले लिए हैं, जिन से यह कहा जा सकता है कि वे सच्चे माने में भारत के जनमानस की आवाज बन कर देश के चीफ जस्टिस पद की कुरसी पाए हैं.
अदालत का इंसाफ और नरेंद्र मोदी
संजय राउत जेल से लौटे
तेजस्वी यादव भाजपा के लिए खतरा
राज्य के मोकामा और गोपालगंज विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव राष्ट्रीय जनता दल के लिए बेहद खास थे. जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के अलग होने के बाद ये पहले चुनाव थे. भारतीय जनता पार्टी चाहती थी कि राजद एक भी सीट न जीते, जिस से उस की साख पर बट्टा लग सके.
बेबस हैं लड़कियां चाहे शादीशुदा चाहे लिवइन
श्रद्धा हत्याकांड
नाइंसाफी देख कर मैं भी 'अनारकली' की तरह नाराज हो जाती हूं - स्वरा भास्कर
इन दिनों पूरे देश में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उस के चलते हिंदी फिल्म इंडस्ट्री 2 हिस्सों में बंटती दिखाई दे रही है. दोनों पक्ष एकदूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. यहां तक तो ठीक है, मगर अब वैचारिक विरोध करने के नाम पर सामने वाले के कैरियर को बरबाद करने पर लोग आमादा नजर आ रहे हैं. इस का खमियाजा अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हीरोइन स्वरा भास्कर को भी भुगतना पड़ रहा है.
पढ़ाईलिखाई की कीमत
राजस्थान की तिंवरी तहसील में रहने वाले एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी समता ने 21 साल की उम्र में पढ़लिख कर यह जान लिया था कि उस की जिंदगी का मकसद घरेलू काम या मजदूरी करना नहीं, बल्कि अपने परिवार को मजदूरी की गुलामी से छुड़वाना है.
मासूम की बलि यह कैसा देश?
आज जब हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और अगर ऐसे समय में हमारे आसपास लोग बलि प्रथा पर यकीन कर रहे हैं, तो यह समाज और हमारे देश की सरकार के लिए शर्म की बात है. सिर्फ एक ही सवाल मन में उठता है कि हर तरह की शिक्षादीक्षा और जागरूकता के बाद भी अगर कोई बेवकूफ अंधविश्वास के चलते किसी मासूम बच्चे की बलि चढ़ाता है, तो क्या यह समाज और देश के लिए डूब मरने की बात नहीं है?
बेटे की चाहत में बेटियों पर जुल्म
आज भी भारत में बेटियों से ज्यादा बेटों को तरजीह दी जाती है. बहुत से इलाकों में तो बेटा पाने की चाहत में बेटियों पर बेतहाशा जुल्म किए जाते हैं. कुछ मामलों से इस बात की गंभीरता को समझा जा सकता है:
सियासत में जरूरी है मीठी बोलचाल
'ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, औरन को शीतल करे आपहू शीतल होए.'
कोरोना काल और मौत के सौदागर
साल 2021 के अप्रैलमई महीने में आई कोरोना महामारी की नई लहर की याद आज भी लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर देती है. उस दौर में ऐसा कोई परिवार नहीं बचा था, जिस ने इस महामारी के दंश को न सहा हो.
गंदी बस्ती को अपने दम पर संवारें
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज और डालीबाग के बीच एक बालू अड्डा में गरीबों की बस्ती है. बस्ती के बड़े हिस्से में कुछ लोगों ने गोदाम बना लिए हैं. इस के बाद भी वहां कुछ परिवार रहते हैं. इन परिवारों में स्कूल में जाने वाले तकरीबन 100 छोटेबड़े बच्चे भी रहते हैं.
राजेंद्र पाल गौतम मिली अंबेडकरवादी होने की सजा
आम आदमी पार्टी के सीमापुरी विधायक और सामाजिक न्याय, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रह चुके राजेंद्र पाल गौतम के एक कार्यक्रम के बाद विवाद उठ खड़ा हुआ और उन्हें 9 अक्तूबर, 2022 को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
भय और भक्ति की जानलेवा भगदड
हाल ही में गुजरात का मोरबी इलाका एकदम से सुर्खियों में छा गया. हालांकि खबरों में तो वह पहले से ही था. इस की वजह थी रूस और यूक्रेन की लड़ाई. अब आप के मन में सवाल उठ रहा होगा कि इतनी दूर की लड़ाई का भारत के मोरबी इलाके पर क्या और क्यों बुरा असर पड़ेगा?
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने की महिला खिलाड़ियों की चांदी
गुरुवार, 27 अक्तूबर, 2022 का दिन भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक बड़ी खुशखबरी ले कर आया. इस दिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह ने ट्वीट कर के बताया कि अब महिला क्रिकेटरों को भी उतनी ही मैच फीस मिलेगी, जितनी पुरुष क्रिकेटरों को मिलती है.
किन वजहों से बनते हैं नक्सली
साल 1967 में पश्चिम बंगाल नक्सलबाड़ी नामक गांव से कानू सान्याल व चारू मजूमदार की अगुआई में माओवादी नक्सलवादी आंदोलन की शुरुआत हुई थी. वजह, लोग नक्सलबाड़ी में जमींदारों और साहूकारों से भयावह रूप से शोषित व आतंकित थे.
फिल्मों में वीफएक्स का इस्तेमाल जरूरी नहीं -प्रदीप खड़का नेपाली हीरो
नेपाली सिनेमा के सुपरस्टार प्रदीप खड़का बचपन से ही हिंदी फिल्में और टैलीविजन सीरियल देखने के शौकीन रहे हैं. उन्होंने मार्केटिंग में एमबीए की डिगरी हासिल की. इस के बाद उन्हें नेपाल टीवी पर नौकरी मिल गई. कुछ समय बाद वे नेपाल टीवी पर नौकरी करते हुए रिएलिटी शो बनाने लगे.
बंदूक नहीं कलम
कुल 51 फीसदी अंक. इंटरनैट पर 10वीं जमात के इम्तिहान का नतीजा देख कर बिजली खुशी से फूली नहीं समा रही थी. शायद वह इस से ज्यादा नंबर ला पाती, अगर जिंदगी ने उस के साथ नाइंसाफी नहीं की होती और उस के 3 साल बरबाद नहीं हुए होते.
मेनिया या सनकीपन
गणेश एक कारखाने में स्टोरकीपर का काम करता है. वह जिम्मेदार आदमी माना जाता है. कुछ महीनों से वह अलग दिखने लगा है. उस ने बहुत ज्यादा बातें करनी शुरू कर दी हैं.
जब पति जाने लगे धंधे वाली के पास
29 साला छाया कुछ दिनों से अपने पति के बरताव में आए बदलाव को देख कर बहुत फिक्रमंद थी. गौरव देर रात घर लौटने लगा था और कभीकभी तो सुबह हो जाती थी.
काला जादू के नाम पर नरबलि
'भगवान का देश' कहे जाने जादू और नरबलि की एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे देश को हिला दिया है. यह कांड केरल के पथनमथिट्टा जिले के तिरुवल्ला इलाके में हुआ है.
मायावती की जमीन पर सियासत की फसल काटना चाहती हैं प्रियंका गांधी
दलित तबका कांग्रेस का सब से बड़ा वोट बैंक रहा है. जैसेजैसे बहुजन समाज पार्टी का सत्ता में दखल बढ़ा वैसेवैसे कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई.
राजनीति के पलटीमार प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार
हालफिलहाल तो प्रदेश की राजनीति का सब से हौट टौपिक पीके यानी प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच छिड़ी जबानी जंग है.