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टाटा कहने का समय?
साइरस मिस्त्री 2016 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन के पद से हटाए जाने को लेकर कानूनी लड़ाई भी हारे. अब सबकी नजरें 153 साल पुरानी दिग्गज कंपनी से मिस्त्री परिवार की सम्मानजनक विदाई पर
"हमें अपनी गलतियों को सुधारने की जरूरत है. पर्यावरण संकट को समझते हुए हर राष्ट्र को इसके समाधान में भूमिका बढ़ानी होगी"
जो बाइङन प्रशासन ने इस साल जनवरी में पदभार संभालने के बाद सबसे पहले जो फैसले किए उनमें 2015 के पेरिस समझौते में फिर से शामिल होने का निर्णय था. अके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर 2020 के अमेरिकी चुनाव से महज छह महीने पहले इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था. बाइडन 22 अप्रैल को एक जलवायु शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं. उम्मीद है कि इसमें वे भारत सहित प्रमुख उत्सर्जक देशों के प्रमुखों को 2050 तक शुद्ध कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की प्रतिबद्धता जताने को राजी करेंगे, जलवायु पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी पिछले हफ्ते भारत में थे. उन्होंने ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा के साथ इस मुद्दे पर एक्सक्लूसिव बातचीत की. उसके अंश:
किस पथ वामपंथ
ममता की तृणमूल और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होने के बावजूद वामपंथी दलों और कांग्रेस के तीसरे मोर्चे को सत्ता हासिल करने के खेल में निर्णायक माना जा रहा
मुलायम परिवार में गहरी होती दरार
प्रदेश के सबसे बड़े सियासी कुनबे में आपसी कलह गहराती जा रही.भाजपा ने इसका फायदा उठाते हुए उसके प्रभाव वाले इलाकों में अपनी मोर्चेबंदी तेज की
बीजापुर का रक्तपात
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आखिरी किले को ध्वस्त करने के लिए आगे बढ़ रहे सुरक्षाबल आ गए जानलेवा हमले की चपेट में
नई लहर की तैयारी
इस साल शेयर बाजार में कई दमदार स्टार्टअप दस्तक देने की तैयारी में हैं. स्टार्टअप की दुनिया के लिए यह बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा
फिर जले जंगल
गर्मी की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड के वनों में आग जमीन, ग्लेशियर, खेत और वन्य जीव सबके लिए भारी मुसीबत लेकर आई
डॉन की उल्टी गिनती
गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी की जेल भेजा जाना योगी सरकार की जीत के तौर पर देखा जा रहा है. इस पर आगे की राजनीति के पत्ते कैसे खुलेंगे?
मैदान में नदारद
केरल में दुश्मनी, बंगाल में गलबहियां-क्या राहुल और प्रियंका गांधी वामदलों के साथ इन दोहरे रिश्तों के कारण ही ममता के खिलाफ चुनाव अभियान में शामिल होने से परहेज कर रहे?
गिरने लगे विकेट
देशमुख रिश्वत कांड
पश्चिम बंगाल आखिर क्यों है भाजपा के लिए इतना बड़ा दांव
सन 2019 के लोकसभा चुनावों में 42 में से 18 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन भाजपा ने पश्चिम बंगाल में अपने को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में खड़ा कर लिया.
कैसे थमे कोविड का दूसरा थपेड़ा
कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन, टीका लगाने की झिझक, और अमूमन कोविड को लेकर बेपरवाही की वजहों से देश में संक्रमण के मामलों में खतरनाक दूसरा उछाल. अब हमें सतर्कता तथा निगरानी बढ़ाने और टीकाकरण के अभियान को रफ्तार देने से ज्यादा कुछ करने की दरकार
हर मोर्चे पर चौकस नजर
ममता बनर्जी को स्पष्ट बहुमत मिलने की उम्मीद, मगर जरूरत पड़ने पर राज्य में चुनाव बाद समीकरण और केंद्र में मोदी को चुनौती देने का दरवाजा भी खोला
आपकी फेसबुक वॉल में लगी सेंध
फेसबुक डेटा लीक
डगमगाए कदम
क्या पश्चिम बंगाल में आंतरिक फूट और उम्मीदवार के चयन में विवाद से भाजपा के मंसूबे पर पानी फिर जाएगा?
भविष्य के लिए कमर कसती भाजपा
मौजूदा विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए निर्णायक मोड़ होंगे. अगर वह बंगाल जीतती है तो 2024 में उसे सत्ता में लौटने से कुछ भी रोक नहीं पाएगा. अगर वह हार जाती है तो इसका दूरगामी असर पड़ेगा और उसका सुधारों का एजेंडा खतरे में पड़ जाएगा
'टी' कंपनी
मुकेश अंबानी के निवास के पास बम रखे जाने के केस में ठाणे महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरा है. सभी संदिग्ध पुलिस वाले उत्तरी मुंबई के इसी उपनगर में तैनात थे. हत्यारा और उनका शिकार भी यही रहता था
दोतरफा मार में फंसे
मिजोरम में म्यांमार के शरणार्थियों को लेकर केंद्र और मिजोरम सरकार के असामान्य रूप से आमने-सामने आ जाने की स्थिति ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय शरणार्थियों के मामले में भारत का असंगत रुख उजागर कर दिया है.
क्या कारगर होगा आदिवासी कार्ड?
राजस्थान में सियासी दलों ने अपने आदिवासी वोट बैंकों को मजबूत करने के लिए आश्चर्यजनक रूप से, धर्म का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
'राष्ट्रवादी शक्तियों को एकजुट करेगी भाजपा'
भारत के सशक्त सियासी दल के शीर्ष पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में उनके आवास पर ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा और सीनियर एडिटर अनिलेश एस. महाजन ने एक लंबी बातचीत की. इसमें नड्डा ने खुलासा किया कि उनकी पार्टी आज इतनी बड़ी संगठनात्मक शक्ति आखिर कैसे है और भविष्य के लिए वह खुद को किस तरह से तैयार कर रही है. पेश हैं उसके प्रमुख अंश:
लहर के थपेडों से बचने की तैयारी
महामारी के एक साल बाद कारोबार तत्परता के साथ उबर रहे हैं लेकिन एक बार फिर गंभीर रूप से इम्तिहान से गुजरेंगे क्योंकि भारत कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है
मोर्चे पर अकेले
पश्चिम बंगाल में करो या मरो चुनावी लड़ाई खुली तो भाजपा की भारी ताकत के खिलाफ ममता ने घायल योद्धा की तरह अकेले मोर्चा संभाला
बमकांड
भारत के सबसे अमीर आदमी से उगाही के लिए रची गई एक बचकाना सी साजिश मुंबई पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गई है. मुंबई में खाकी-खादी की साठ-गांठ का खेल खुल चुका है और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है
फोन टैपिंग की फांस
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ तख्तापलट की जुलाई 2020 की कोशिश नाकाम होने के बाद फोन टैपिंग विवाद ने एक बार फिर से राज्य की राजनीति को हिलाकर रख दिया है. गहलोत सरकार ने विधानसभा में माना कि फोन 'इंटरसेप्ट' किए गए थे और उसके बाद सरकार की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं.
किसके फायदे का सौदा
प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार की प्रस्तावित नई वाहन कबाड़ नीति पर उठे कई सवाल
दास्तान एक राष्ट्रीय त्रासदी की
यह लॉकडाउन के उन दिनों का वाकया है जब देश भर में महानगरों से लाखों प्रवासी मजदूर जान दांव पर लगाकर अपने मूल गांवजवार की ओर चल पड़े थे. कोई साइकिल से, कोई ठेले या रिक्शे पर तो कोई पैदल ही. उसी दौरान गाजियाबाद से सहरसा (बिहार) के मोहनपुर गांव जा रहे सात मजदूरों के एक समूह को हापुड़ जिले में गंगा नदी के बृजघाट पर पुलिसवालों ने घेर लिया और बहुत मारा. उनका कहना था कि ये लोग उलटे पांव गाजियाबाद लौटें. पर मजदूरों का कहना था कि वे इतने थके और निराश हैं कि वहां पहुंचते-पहुंचते उनका दम टूट सकता है.
आई दूसरी लहर
हालिया हफ्तों में संक्रमण के मामलों में भारी इजाफे से सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित, आखिर क्या है वजह?
ऊपरी असम में ऊंचे दांव
निचले असम और बराक घाटी में कांग्रेस-एआइयूडीएफ की सीटें बढ़ने की संभावना, ऐसे में भाजपा-अगप को पहले चरण की 47 सीटों पर अपना वर्चस्व बनाए रखना होगा
विधेयक पर बवाल
यह बिहार दिवस यानी कि राज्य की वर्षगांठ का अगला ही दिन था. राज्य के उत्सव और बधाइयों के संदेश राजनैतिक गलियारों में तैर रहे थे. इसी बीच बिहार विधानसभा में अभूतपूर्व हंगामा हो गया और लोकतंत्र व संसदीय मर्यादा पिटती-पीटती नजर आने लगी.
प्यास है कि बुझती ही नहीं
आजादी के सात दशक बाद भी देश के 19.1 करोड़ परिवारों में तकरीबन एक-तिहाई को ही नल कल से पीने का पानी नसीब, अब देश की उम्मीदें महत्त्वाकांक्षी जल जीवन मिशन पर टिकी