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पुराने हुए 'नवीन'
ढलती उम्र और बाहरी को सत्ता सौंपने की अफवाहों की कीमत
जोड़तोड़ का जवाब वोट से
भाजपा की हरकतों से आजिज मतदाताओं का जनादेश
आगे के लिए संदेश
देश की आबादी के बड़े हिस्से ने सत्ता पक्ष की जगह विपक्ष को अपने हितों की जिम्मेदारी सौंपी है
मुद्दों की झंडाबरदारी
कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी ने जमीनी मुद्दों के आक्रामक अभियान के जरिये चुनाव को बदला, पार्टी के कायाकल्प की कितनी संभावनाएं?
कड़क मृदुभाषी
धमक के साथ आंध्र प्रदेश की सत्ता में लौटे तेलुगुदेशम के मुखिया चंद्रबाबू नायडू राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी
नीम और शहद
नीतीश कुमार के राजनीतिक पलटाव का अतीत ऐसा है जो सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों में बराबर उम्मीद जगाता है
जनादेश सब पर भारी
आम चुनाव 2024 ने अठारहवीं लोकसभा की तस्वीर बदली, हर राज्य ने अपने मुद्दे तय किए और सभी राजनैतिक पार्टियों को अलग संदेश दिए, किसी एक को बहुमत के बदले गठबंधन से संतुलन साधने पर जोर
ममता का किला बरकरार
तमाम दुश्वारियों, दुष्प्रचार से निकल कर हासिल की जीत
दोहरी विरासत का पतन
घाटी ने इस बार दो दिग्गजों को दिखाया बाहर का रास्ता
आदिवासी आक्रोश
इंडिया गठबंधन ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पांच सीटों से भाजपा को बेदखल कर दिया
ढह गया किला
सभी सीटों पर भगवा पार्टी का कब्जा, कांग्रेस का दबदबा कमजोर
चौरस कमल
लोकसभा की चार सीटों पर भाजपा का कब्जा, विधानसभा उपचुनाव में चार सीट पर कांग्रेस
कांग्रेस की वापसी
जेल में बंद खालिस्तानी संगठन के मुखिया और उनके अनुयायी की अप्रत्याशित जीत से पैदा हुईं कई आशंकाएं
असली परीक्षा बाकी
भाजपा के लिए अभी चुनौतियां बहुत, चार महीने बाद विधानसभा चुनाव के परिणाम तय करेंगे पार्टी की ताकत
अब गठबंधन की चुनौती
आम चुनाव में जीत और सरकार बना लेने के बाद भी भाजपा को इस गिरावट का जवाब तो देना ही होगा
जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
अगला द्रोण कौन
टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती
हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
क्या बदलाव होने वाला है?
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा
मंडी के अलावा हम एकाध सीट और जीतेंगे
इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह 'सुक्खू' की चौदह महीने पुरानी सरकार भारतीय जनता पार्टी की तख्तापलट की कोशिशों के सामने बाल-बाल बच गई थी जब भाजपा ने बड़ी सफाई से राज्यसभा के चुनाव में सुक्खू के विधायकों से क्रॉस वोटिंग करवा लिया था। इस चक्कर में सत्तारूढ़ कांग्रेस अप्रत्याशित उठापटक का शिकार हो गई थी। युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे ने संकट को और बढ़ा दिया। पार्टी के भीतर चले सत्ता-संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री सुक्खू ने गजब का धैर्य दिखाया और उन्होंने उत्तर भारत में कांग्रेस की इकलौती सरकार को अस्थिर करने की तमाम कोशिशों को धता बता दिया। अब लोकसभा चुनाव और छह विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव उनके लिए लिए नई चुनौती है। आउटलुक के अश्वनी शर्मा ने राज्य में चुनावी परिदृश्य और उसके बाद की संभावनाओं पर उनसे बात की।
'चुनाव जनता और सरकार के बीच है'
हरियाणा में 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार भी मोदी मैजिक के भरोसे है जबकि कांग्रेस को इस बार हरियाणा में बड़ा बदलाव दिख रहा है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि मैजिक के बजाय हरियाणा में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे हैं जिनके आगे कोई मैजिक चलने वाला नहीं है इसलिए जनता ने भाजपा को चलता करने का मन बना लिया है। पार्टी की कमान इस बार पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ है। 25 मई को हरियाणा में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है? जनता कांग्रेस को वोट क्यों दे? ऐसे तमाम मसलों पर एसोसिएट एडिटर हरीश मानव ने चार बार के सांसद तथा पांच बार विधायक रहे हुड्डा से बातचीत की। प्रमुख अंश:
किसान, जवान, युवा कसौटी
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल से लेकर भाजपा के दिग्गज नेताओं को गांवों से लौटा रही जनता इस बार बदलाव के मूड में
दल बदलुओं का दलदल
हर दल से खड़े हुए दल बदलू उम्मीदवारों ने चुनाव को चौतरफा, दिलचस्प और अनिश्चित बना दिया है
ईवीएम बंद, बेचैनी बढ़ी
कांग्रेस ले पाएगी पिछले हार का बदला या भाजपा होगी कामयाब? महिला वोटरों के मतदान में 12 प्रतिशत गिरावट से नतीजों को लेकर शंकाएं