दर्शक क्या नया देखेंगे गन्स ऐंड गुलाब्स में? किन वजहों से यह सीरीज बाकियों से अलग होगी?
इसमें वे किरदार दिखेंगे जिन्हें आपने अस्सीनब्बे के दशक में पर्दे पर देखा होगा. वह धुंधली याद जब 360 डिग्री टर्न के साथ सामने आकर खड़ी होती है तब वह दिखता है जिसकी आपको उम्मीद बिल्कुल नहीं होती. कॉमेडी, क्राइम, ड्रामा और रोमांस से एंटरटेनमेंट की जो डिश तैयार हुई है, उसका स्वाद दिमाग में बरकरार रहेगा.
राजकुमार राव के साथ आपको दोबारा काम का मौका मिला है गन्स ऐंड गुलाब्स के जरिए, कैसा अनुभव रहा उनके साथ काम का ?
This story is from the August 30, 2023 edition of India Today Hindi.
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महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है
नकद हस्तांतरण पर नई बहस
नकद हस्तांतरण मुफ्त की रेवड़ी नहीं है, बल्कि इसकी लोकप्रियता हमारे लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखती है
भारत की एआइ शक्ति का दोहन
अपना देश बेशुमार एआइ एजेंटों यानी इसे इस्तेमालकरने वाले सॉफ्टवेयर, एप्लिकेशन, इससे जुड़ी साक्षरताऔर सुरक्षा के माध्यम से एआइ की परिवर्तनकारीक्षमताओं का फायदा उठाने को पूरी तरह से तैयार
बातचीत और रोकथाम का तरीका
भारत को सहयोग करना चाहिए, लेकिन चीन को अपने हितों को लूटने नहीं देना चाहिए
बीजिंग से निकली तबाही की सड़क
बीआरआइ का लक्ष्य चीन के माध्यम से दुनिया को बदलना था. लेकिन इसके बजाए यह एक आपदा है जिससे एक के बाद एक देश अपने को इससे बाहर निकल रहे हैं. 2025 में यह रुझान जारी बढ़ने वाला है
अबकी बार विदेशी लोगों पर प्रहार
अगर ट्रंप आव्रजन नियमों को सख्त करते हैं तो भारतीयों के लिए अमेरिकी सपने को साकार करना मुश्किल हो सकता है
अपनी व्यापार रणनीति पर पुनर्विचार करे भारत
भारत को ट्रंप 2.0 युग में कामयाब होने के लिए टैरिफ कम करने होंगे, ऊंचे मानकों वाले एफटीए को अपनाना होगा और दुनिया के बदलते हालात के साथ व्यापार नीतियों का तालमेल बिठाना होगा
मोदी के सामने दोहरी चुनौतियां
प्रधानमंत्री को देश में धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और समान विकास पक्का करने के लिए जोरदार सुधार करने होंगे. दूसरी ओर, विदेश में भारत के खिलाफ टैरिफ और आव्रजन संबंधी शिकायतों पर ट्रंप के साथ समझौता करने का तरीका निकालना होगा
कैसे रखें बरकरार अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार
साल 2025 में भारत की वृद्धि तेज करने के लिए सुधारों, लचीलेपन और वैश्विक अनिश्चितताओं के लिए तैयारी की जरूरत
व्यवस्थाओं के बीच उलझी दुनिया
विश्व अब आर्थिक मोर्चे पर बहुध्रुवीय, सैन्य लिहाज से एकध्रुवीय और राजनैतिक तौर पर विखंडित स्थिति में है. देशों में अवसरवादिता की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती नजर आ रही