नं.1 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली
पहला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) मूल रूप से कलकत्ता में स्थापित किया जाना था. मगर पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिधान चंद्र रॉय की नामंजूरी के बाद, इसे आखिरकार 1956 में नई दिल्ली में स्थापित किया गया. तब से यह संस्थान देश में मेडिकल शिक्षा और विशेषज्ञता के लिए लाखों लोगों का पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है.
इस संस्थान के छात्रों का कहना है कि वे सुविधा और अकादमिक सुधार को सबसे ज्यादा तरजीह देते हैं. नई तकनीक को अपनाने और नई प्रक्रियाओं का परीक्षण करने से एम्स कभी पीछे नहीं हटता. देश में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट और वेंटिलेटर केयर यहीं शुरू हुआ. पिछले साल इसने भारत में अपनी तरह ही पहली तीन प्रक्रियाओं को अंजाम दिया. यह दोहरी किडनी प्रत्यारोपण (मरीज की अपनी किडनी को हटाए बिना दो डोनर किडनी लगाए गए) करने वाला, रीनल ऑटोट्रांसप्लांट (किडनी शरीर के भीतर ही स्थानांतरित किए गए) करने वाला, और एक बच्चे की जान बचाने के लिए भ्रूण ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने वाला पहला संस्थान बना.
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