चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi|December 25, 2025
भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
सोनल खेत्रपाल
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

लगभग आधी रात का वक्त. बेंगलूरू में लैंगिक कानून सलाहकार फर्म अनजेंडर की संस्थापक 39 वर्षीया पल्लवी पारीक जब सोने की तैयारी कर रही होती हैं तो उन्हें महसूस होता है कि उन्हें सैनेटरी नैपकिन की जरूरत है. वे अपना स्मार्टफोन उठाती हैं, क्विक कॉमर्स ऐप पर ऑर्डर दे देती हैं. 10 मिनट के भीतर डिलिवरी पहुंच जाती है. पल्लवी कहती हैं, "क्यू-कॉमर्स मेरे परिवार की रीढ़ है." वे ऐन वक्त की जरूरत और रोजमर्रा के किराने के सामान, बिना पर्चे की दवा और यहां तक कि उपहारों के लिए भी क्विक कॉमर्स ऐप पर निर्भर रहती हैं.

पल्लवी की कहानी महानगरों में समय की तंगी से जूझते उन परिवारों और पेशेवरों की झलक है जिन्होंने शहर के भारी ट्रैफिक और पार्किंग के झंझट को दरकिनार करते हुए अपना कीमती समय बचाने की तलाश में क्यू-कॉमर्स मार्केटप्लेस को अपना लिया है. ऐन वक्त और तुरंत खरीद के समाधान के रूप में जो चीज शुरू हुई, वह अब एक जरूरत में तब्दील हो गई है, जिसमें 10-15 मिनट के भीतर लगभग हर चीज मुहैया कराने की क्षमता है. इन ऑनलाइन मार्केटप्लेस से मिलने वाली सुविधाओं को पल्लवी कुछ इस तरह बयान करती हैं, "जैसे कोई आपके लिए दरवाजे पर खड़ा है."

This story is from the December 25, 2025 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the December 25, 2025 edition of India Today Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView All
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 mins  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 mins  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 mins  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 mins  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 mins  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 mins  |
December 25, 2025