अगस्त की 8 तारीख को कोलकाता के सरकारी आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीया ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बर बलात्कार और हत्या की घिनौनी दास्तान में इनकार ही स्वाभाविक प्रतिक्रिया नजर आता है. सबसे पहले अस्पताल ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह डॉक्टर बलात्कार और हत्या की शिकार हुई थीं, फिर पुलिस ने इसे अस्वाभाविक मौत का मामला बताने की कोशिश की, और उसके बाद प्रशासन लोगों के गुस्से की गंभीरता को समझने और यह बताने में नाकाम रहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अस्पताल परिसर में की गई तोड़फोड़ तृणमूल कांग्रेस के अपने समर्थकों की ही कारस्तानी थी.
इनकार के दूसरी तरफ और मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर सूचनाओं और जानकारियों का अतिरेक था. अफवाहों, असत्यों और शरारतों का एक अस्वस्थ और अप्रिय गुबार वायरल ताकत के बल पर चक्कर लगा रहा था. उसने सत्य की खाल ओढ़ रखी थी जबकि वास्तव में वह सच्चाई को छिपा रहा था. उम्मीद के मुताबिक यह सारा अतिउत्साह खतरनाक साबित हुआ, क्योंकि इसका हश्र पीड़िता का नाम और मुर्दाघर में रखे उसके अधढके शव की तस्वीरें उजागर करने में हुआ.
दस दिन बाद भी तमाशा थमा नहीं. कलकत्ता हाइकोर्ट में कई याचिकाओं के बाद मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया; सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की और पूरे मामले में हुई भूल-चूकों के लिए कड़ी फटकार लगाई. मामले के सारे तथ्यों के सामने आने में हालांकि वक्त लग सकता है, मगर इस मामले में हुई कई आपराधिक चूकों को याद करना बेहद जरूरी है. हम कुछ मूर्खताओं और चूकों का पता लगा पाए जो यहां पेश किए गए हैं.
पीड़िता
This story is from the September 04, 2024 edition of India Today Hindi.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.