गायन के क्षेत्र में एक ऊंचा मुकाम प्राप्त करने के बाद अनुराधा पौडवाल अब पूर्ण रूप से समाजसेवा को समर्पित हैं। उनके द्वारा ऐसे बच्चों को हियरिंग मशीन प्रदान की जा रही है, जो ठीक से सुन सकने में असमर्थ हैं। अनुराधा पौडवाल से उनके फिल्मी करियर, भक्ति संगीत के सफर और सामाजिक कार्यों के विषय में आउटलुक से मनीष पाण्डेय ने बातचीत की।
जब अपनी यात्रा में पीछे मुड़कर देखती हैं, तो किस तरह के अनुभव नजर आते हैं?
मेरे लिए यह यात्रा अलौकिक रही है। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं फिल्मों में गाने गाऊंगी। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं इतने गाने रिकॉर्ड कर पाऊंगी और मुझे श्रोताओं का इतना प्यार मिल पाएगा। इन सभी उपलब्धियों के लिए मैं अपने माता-पिता, सास-ससुर, गुरु और ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। इस पूरी यात्रा में मेरे पति, मेरे बच्चों ने पूरा साथ दिया। उनके सहयोग के बिना मेरे लिए इस स्तर पर पहुंच पाना संभव नहीं था। एक कलाकार की यात्रा यूं भी कई लोगों के सहयोग से आगे बढ़ती है। मेरी यात्रा में परिवार, मीडिया, श्रोताओं, म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का बड़ा योगदान रहा है। इस पूरी यात्रा के दौरान मुझे यह संतुष्टि मिली है कि मेरा काम लोगों को पसंद आया। लोगों के मन में मेरे काम के प्रति प्रेम उमड़ पाया। यही मेरी यात्रा का हासिल है।
बचपन से जुड़ी, ऐसी कौन सी यादें हैं, जिसका ख्याल आते ही चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है?
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