राष्ट्रीय स्तर पर 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं की एकजुटता कायम करने में जुटे हैं, लेकिन अपने ही राज्य में उनकी चुनौतियां कम होती नहीं दिख रही हैं। 23 जून को पटना में विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक से पहले ही उनके सहयोगी जीतन राम माझी ने उनका साथ छोड़ दिया और माझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। माझी का कहना है कि नीतीश उनसे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) का अपनी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) में विलय चाहते थे जिसके लिए वे तैयार नहीं। एक पखवाड़े के भीतर नीतीश के लिए यह दूसरा झटका है।
इससे पहले 7 जून को भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित नीतीश के सपनों का सेतु, भागलपुर- खगड़िया- अगुवानी पुल बनने से पहले ही गिर गया। 1716 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल सहित चार लेन की सड़क गिरने से नदी में मलबे का पहाड़ खड़ा हो गया है। पटना हाइकोर्ट ने पुल निर्माण करने वाली एजेंसी एसपी सिंगला कंपनी के एमडी को 21 जून को हाजिर होने का आदेश दिया है। एक जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति पूर्णेदु सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार को भी 'ऐक्शन टेकन' रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
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नई लीक के सूत्रधार
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खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
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