ईरान-इजराइल की बढ़ती दुश्मनी से भारत चिंतित
Sarita|May First 2024
ईरान-इजराइल के बीच जंग की स्थिति पैदा होने और मध्यपूर्व के अस्थिर होने से भारत की ऊर्जा, सुरक्षा और व्यापार मार्ग प्रभावित होगा. आसपास के देश लड़ाई में शामिल हुए तो भारत के लिए स्थिति बेहद जटिल हो सकती है.
नसीम अंसारी कोचर
ईरान-इजराइल की बढ़ती दुश्मनी से भारत चिंतित

इजराइल पर ईरान के अटैक करने के बाद दुनिया के सामने युद्ध का नया 'चैप्टर खुल गया लगता है. 13 अप्रैल की रात ईरानी सेना ने इजराइल के नवातिम एयरबेस को निशाना बना कर 200 से ज्यादा ड्रोन और दर्जनों मिसाइलों से ताबड़तोड़ अटैक किया. ईरान के ताबड़तोड़ हमले के बाद इजराइल के साथसाथ पूरी दुनिया में डर का माहौल है. इस हमले में इजराइल को हुए नुकसान की खबरें भी सामने आ रही हैं, हालांकि इजराइल नुकसान से इनकार कर रहा है. इजराइल अब एक्शन मोड में है और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के हमले का बदला लेने की कसम खा ली है. उन्होंने कहा है कि इजराइल जवाबी कार्रवाई करने और ईरान से कीमत वसूलने के लिए उचित समय और तरीका चुनेगा.

ईरान और इजराइल के बीच शुरुआत, दरअसल 1 अप्रैल से हुई थी जब इजराइल ने सीरिया में स्थित ईरानी दूतावास पर हमला किया था, जिस में 2 कमांडर और 7 नागरिकों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद ईरान ने बदला लेने की चेतावनी दी थी और 13 अप्रैल की रात ईरान ने इजराइल पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. ईरान के हमले के बाद इजराइल उसे आतंकवादी देश कह रहा है जबकि वह खुद लंबे समय से निर्दोष फिलिस्तीनियों का लहू बहा रहा है.

गौरतलब है कि एक समय ऐसा भी था जब ईरान और इजराइल अच्छे दोस्त थे. 1979 में राजशाही के अपदस्थ होने तक ईरान और इजराइल के बीच तेल और हथियारों के सौदों सहित राजनयिक और आर्थिक संबंध थे. इराक के साथ ईरान के युद्ध के दौरान ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ता गया. बाद में यह तनाव इतना बढ़ गया कि 2005 में ईरान के राष्ट्रपति ने यहां तक कह दिया कि इजराइल को मानचित्र से हटा देना चाहिए.

कैसे शुरू हुई दुश्मनी 

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