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केंचुए की खाद को कैसे तैयार करें
केंचुआ खाद
अमरूद के बागों में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन कैसे करें
बागवानी - अमरूद
नाइट्रोजन ऑक्साइड कम करने से बढ़ सकता है उत्पादन
यदि भारत में नाइट्रोजन ऑक्साइड (नॉक्स) के उत्सर्जन को करीब आधा कर दिया जाए तो उससे कृषि उत्पादन में करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
लेजर लैंड लेवलर का कार्य, विशेषता, लाभ, कीमत की संपूर्ण जानकारी
हम लोग भूमि का समतलीकरण लेजर लैंड लेवलिंग मशीन से करते हैं तो लेजर लैंड लेवेलिंग मशीन में जमीन की मिट्टी का समतलीकरण करने के फलस्वरूप जमीन का ऊबर-खाबर, ऊंची नीची जमीन पूर्ण रूप से समतल हो जाती है। कृषि कार्य करने से जमीन ऊंची नीची हो जाती है तो जलजमाव कहीं ज्यादा तो कहीं कम हो जाता है।
सरसों का तेल गुणवत्ता भरपूर एवं सफल व्यापार
"सरसों के तेल के आयात की माँग को घटाने, निर्यात बढ़ाने एवं कटाई के बाद के नुक्सान को कम करने के लिए उत्पादकों की ओर से सरसों के बीजों से सरसों का तेल तैयार करना एवं उसका सीधा मंडीकरण करके आर्थिक एवं तकनीकी उन्नति करके सफल उद्यमी बनने के लिए बहुत लाभदायक है।"
सिंचाई के तरीकों में सुधार की आवश्यकता
भारत के अधिकतर शहरों में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है।
सीएसीपी की ओर से फसली विभिन्नता को प्रोत्साहित करने के प्रयास
तिलहन और वनस्पति तेलों में वैश्विक महंगाई के बीच कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने तिलहन फसलों के पक्ष में फसलों के विविधीकरण को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने की सिफारिश की है।
पानी में बढ़ रहे नाइट्रेट सेहत के लिए हानिकारक
भारत में रासायनिक खाद तथा कीटनाशकों के उपयोग से भूजल प्रदूषित हो रहा है।
चारा विज्ञानी - डॉ. मार्क मार्सालिस
डॉ. मार्क मार्सालिस के अनुभव कम पानी का प्रयोग करके मक्का व सोरगम की पैदावार करने पर आधारित है। चारे की फसलों संबंधी उनकी खोज का मुख्य उद्देश्य यह है कि डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों को मक्का व सोरगम की ऐसी किस्में उपलब्ध करवाई जा सकें, जिनकी पैदावार कम पानी का प्रयोग करके किया जाये।
धान में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी तथा उसके सुधार
प्राय: यह देखा गया है कि पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए कुछ तत्व अधिक मात्रा में तथा कुछ तत्व कम मात्रा में आवश्यक होते हैं, जो तत्व पौधों द्वारा अल्प मात्रा में ग्रहण किये जाते हैं।
दलहनी फसलों का जैविक खेती में महत्व
दलहन किसानों के लिए कम लागत का सौदा है क्योंकि इनके लिये नत्रजन उर्वरक खरीदने की जरूरत नहीं है। इसके अतिरिक्त दलहनी फसलों में कीटनाशकों का इस्तेमाल भी ना के सामान होता है।
गाभिन भैंस की इस तरह करें देखभाल
पशुपालकों को अपने पशुओं की देखभाल करने में सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। खास करके उनके गाभिन होने पर। ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि कैसे पशुपालक अपनी गाभिन भैंस का ध्यान रख सकते है।
गुलाबी सुंडी की वृद्धि को रोकने के लिए आई मेटिंग डिसरप्शन तकनीक
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विभाग नये आविष्कार कर रहा है।
कैसे करें गाजर घास का एकीकृत नियंत्रण
गाजर घास की पत्तियों का रस अलसी के बीजों की अंकुरण क्षमता को बढ़ाता हैं। अतः इस हानिकारक पौधे का उपयोग बीज अंकुरण हेतु किया जा सकता हैं। पत्तियों से ही प्राप्त अर्क का उपयोग पिस्सू को दूर करने में किया जा सकता हैं।
केंद्र सरकार नहीं कर रही कृषि पर खर्च, राज्य सरकारों पर पड़ रहा है बोझ
फाउंडेशन ऑफ अग्रेरियन स्टडीज (एफएएस) के अध्ययन में यह दावा किया गया है कि पिछले एक दशक के दौरान कृषि पर भारत का सार्वजनिक खर्च घट गया है।
नींबू वर्गीय फसलों के रोग एवं उनकी रोकथाम
फसल सुरक्षा
पशुओं के हरे चारे का विकल्प बन सकती है नैपियर घास - उत्पादन तकनीक एवं प्रबंधन
पशु चारा
पशुओं मंखुरपका-मुंहपका रोग, कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव
पशुपालन
जैविक खेती का सूत्रकृमि प्रबंधन में योगदान
जैविक खेती
धान की खेती में नवीनतम प्रजातियों की भूमिका
खरीफ फसल
एलोवेरा की खेती भी किसानों को लाभ देती
औषधीय फसल
ग्रीष्मऋतु में आहार-विहार
पौष्टिक भोजन
'गन्ना उद्योग : चुनौतियां एवं संभावनाएं'
गन्ना उद्योग
उचित स्प्रे टैक्नॉलोजी समय की आवश्यकता
स्प्रे करने के लिए सही नोज़ल का चुनाव एवं उसका सही प्रयोग करना बहुत आवश्यक है। दवाओं को सही स्थान पर पहुंचाने का कार्य छिड़काव करते समय प्रयोग की गई नोजलों पर निर्भर करता है। सही छिड़काव करने के लिए नोज़लों की बहुत बड़ी अहमियत है। स्प्रे करते समय नोजलों का सही चुनाव होना बहुत आवश्यक है।
फलदार पौधों में फल-फूल गिरना व फल फटने की समस्या से बचाव
फलदार पौधों में फल-फूल गिरने अथवा झड़ने की समस्या प्राय: देखी गई है। इस समस्या के प्रमुख कारक जलवायु में परिवर्तन, सिंचाई अथवा मृदा में नमी के असंतुलन, पोषक तत्वों की पौधों में कमी, कीट एवं बीमारियों का प्रकोप तथा अत्याधिक फलन आदि है।
खाद्यान्न की बंपर पैदावार बनेगी संजीवनी
खाद्यान्न की बंपर पैदावार से खाद्य वस्तुओं की महंगाई को थामने में मदद मिलेगी। चावल और गेहूं के पर्याप्त अनाज के अलावा दालों के पर्याप्त उत्पादन का अनुमान है।
वर्ल्ड फूड प्राईज प्राप्त करने वाले - डॉ. फिलिप नेल्सन
विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता एवं परदू विश्वविद्यालय में शोल चेयर प्रोफैसर फिलिप नेल्सन ने अपना खाद्य विज्ञान व्यवसाय 1961 में टमाटर प्रोसैस्सिंग प्लांट में बतौर प्लांट मैनेजर के तौर पर शुरू किया था।
सास- बहू ने मिलकर बदले खेती के मायने चमेली देवी व अनीता जाखड़
सास-बहू ने लहसुन की खेती में मिलकर बंपर पैदावार लेकर खेती के मायने ही बदल दिये।
मध्य प्रदेश में गेहूं की बढ़ती मांग से महंगा बिक रहा है गेहूं
मध्य प्रदेश भारत में गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। राज्य में विशेष रूप से उगाई जाने वाली शरबती और कठिया (दुरुम) जैसी गेहूं की किस्मों की मांग मौजूदा संकट के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों में गेहूं की फसल में कमी के कारण भी मध्य प्रदेश में कीमतें अधिक हैं।
भारत में गेहूं निर्यात के लिए दबाव ?
भारत की तरफ से गेहूँ का निर्यात एवं पाबंदी लगाने के बाद कई देशों में हाहाकार मच गई है। भारत के निर्णय के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूँ के मूल्य बढ़ने लगे हैं। अमेरिका ने भी भारत को इस निर्णय पर नजरसानी करने की अपील की है।