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शिव का आभूषण है नाग
भगवान शिव के मस्तिष्क पर चन्द्रमा जटाओं में गंगा तो गले में सदैव नाग विद्यमान रहता है। शिव के गले में नाग की क्या महत्ता है आइए जानते हैं।
शिवः विध्वंसक भी रक्षक भी
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि एक महत्त्वपूर्ण पर्व है, पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन महादेव के विशालतम स्वरूप अग्निलिंग से सृष्टि का उदय हुआ था।
संन्यासियों का क्या धर्म है
यह अपने मन में निश्चित जाने कि दण्ड, कमण्डलु और काषायवस्त्र आदि चिह्न धारण धर्म का कारण नहीं है, सब मनुष्यादि प्राणियों की सत्योपदेश और विद्यादान से उन्नति करना संन्यासी का मुख्य कर्म है।
सपने मार्गदर्शक हैं अपने
मनुष्य गहरी नींद में सूक्ष्माकार होकर अपने भूत और भविष्य से संपर्क स्थापित करता है। यही संपर्क स्वप्न का कारण और स्वप्न का माध्यम बनता है। स्वप्न के मूल में हमारे जीवन में घटित घटनाएं होती हैं। सभी प्राणियों में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो स्वप्न देरव सकता है । जानते हैं इन सपनों का रहस्य इस आलेख से।
प्रज्ञापुरुष आचार्य महाप्रज्ञ
महाप्रज्ञ शब्द सामने आते ही एक | जिज्ञासा उभरती है कि महाप्रज्ञ कौन हो सकता है? यदा कदा 'महाप्रज्ञ' की शाब्दिक और आर्थी मीमांसा का प्रयत्न करती रहती हूं । शब्द और अर्थ मीमांसा के क्षणों में मुझे यह अनुभव होता है कि' महाप्रज्ञ' शब्द में एक शक्ति है, एक अर्थगांभीर्य है, प्राणवत्ता और गुणवत्ता है, उदात्त चेतना का अवबोध है, आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण का संबोध है ।
दूसरों के लिए जीने में भी आनंद है
जब कोई व्यक्ति दूसरों का ध्यान रख कर पहले उनके बारे में सोचता है, तो उसके भीतर एक अद्भुत भावना उत्पन्न होती है। जैसे ही आप किसी और के बारे में सोचते हैं, तो न केवल वह व्यक्ति आपके प्रति सोचता है बल्कि ईश्वर भी आपके लिए सोचते हैं।
ताज महल से कम सुंदर नहीं ताज महोत्सव
देश की ऐतिहासिक धरोहर और दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताज महल दुनिया भर में प्रसिद्ध है। प्रेम की मिसाल, हस्तशिल्प-कारीगरी का बेहतरीन नमूनों में ताज महल का नाम आता है। और यह रखूबसूरती दोगुनी हो जाती है जब आयोजन होता है ताज महोत्सव का।
जीवन में राग रंग का मेल है होली
"होली वास्तव में बसंत उत्सव श्रृंखला की पूर्णता का प्रतीक उत्सव है। होली का एक ही अर्थ है राग और रंग अर्थात् संगीत के उन सातों स्वरों का सान्निध्य जिनके बिना प्रकृति भी नहीं रह सकती और रंग अर्थात प्रकृति का सर्वाधिक मोहक स्वरूप।"
जिन्होंने बदल दिया शहादत के मायने...
23 मार्च 1931, भारत में दमनकारी ब्रिटिश हुकूमत के विरोध में उठे तीन क्रांतिकारियों को फांसी दी गई। इस दिन से पहले तक इन तीनों युवाओं भगत सिंह, शिवराम राजगुरू और सुरवदेव थापर को केवल भारत के लोग जानते थे। लेकिन फांसी के बाद ये तीनों विश्व भर में क्रांति के प्रतीक बन गए।
चलो बरसाने खेलैं होरी...
ब्रज के बरसाना गांव की लट्ठमार होली की मस्ती राधा-कृष्ण की भक्ति के रंग में भी रंगी होती है। यहां की होली में प्रमुरव रूप से नंदगांव के पुरुष और बरसाने की महिलाएं शामिल होती हैं। जब नंदगांव के पुरुषों की टोली रंग रवेलने पिचकारियां लेकर बरसाना पहुंचती हैं तो यहां की महिलाएं उनपर जमकर लाठियां बरसाती हैं, लेकिन फिर भी यह द्वेष का नहीं प्रेम और मस्ती का रंग होता है।
ग्रामीण भारत की महिलाओं के साहस को सलाम
भारत की आधी आबादी आज अपने हाथों अपनी किस्मत लिरव रही है, अपनी दुनिया बदल रही है और देश एवं समाज को तरक्की की राह दिरवा रही है और इसमें ग्रामीण महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। तो मिलते हैं कुछ ऐसी ही ग्रामीण नायिकाओं से जिन्होंने अर्थिक अभावों में भी संभावनाओं को तलाश लिया।
ओशो का इंद्रधनुषी अध्यात्म: मायाजाल या समाधान
स्वामी अंतर जगदीश कई वर्षों से ओशो के अनुयायी हैं और ध्यान शिविरों का आयोजन करते रहे हैं । प्रस्तुत है उनसे साक्षात्कार के प्रमुख अंश ।
ओशो हैं इक प्यार का सागर
स्वामी ईशान महेश आध्यात्मिक उपन्यासकार एवं शिक्षक हैं । अपनी ध्यान-यात्रा में जाने का श्रेय वे ओशो के अंतरंग शिष्यों को देते हैं। प्रस्तुत है ओशो के प्रति स्वामी ईशान महेश का दृष्टिकोण।
खान-पान पर हो ध्यान तो जीवन हो आसान
खान-पान मानव जीवन का एक अहम हिस्सा है। अगर अच्छा स्वास्थ्य पाना है तो हमारा आहार कुछ इस तरह होना चाहिए कि उससे हमारी पाचन व्यवस्था प्रभावित न हो।
घर का मुख्य द्वार बने खुशियों का द्वार
घर के मुख्य द्वार को खुशियों का प्रवेश द्वार माना जाता है। यहीं से घर में सम्पन्नता और समृद्धि आती है। इसी स्थान से घर में रहने वाले लोगों का भाग्य भी निर्धारित होता है। घर के मुख्य द्वार को शुभ और उत्तम बनाए रखने के लिए तमाम वस्तुएं लगाई जाती हैं। इन वस्तुओं को अगर सही तरीके से लगाया जाए तो लाभ हो सकता है। आइए जानते हैं घर के मुख्यद्वार से जुड़े कुछ वास्तु सुझाव।
गर्म पानी दूर करे परेशानी
आयुर्वेद में जल को पंच महाभूतों में से एक माना गया है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक कई शारीरिक क्रियाएं पानी पर निर्भर होती हैं जो हमें कई रोगों से भी बचाती हैं, रवासकर तब जब हम गुनगुने या गर्म पानी का सेवन करें।
गुरु ने दी आवाज और प्रकट हो गए गोरखनाथ
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के प्रमुर्व जिलों में शुमार गोरख़पुर की पहचान जिस गुरु गोरख़नाथ से हुई है, उनका जन्म अमेठी जिले के जायस में हुआ था। सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी की तरह ही जायस के सपूत गोरख़नाथ को भी बहत प्रसिद्धि मिली है तथा नाथ संप्रदाय में इनका विशेष स्थान है।
क्यों न आजमाएं कुछ घरेलू नुसवे!
तुलसी, नीम, काली मिर्च, अदरक, हल्दी और न जाने कितने फल-फूल, सब्जियां हमारे शरीर के लिए अमृत तुल्य हैं । डालते हैं इनके कुछ ऐसे ही औषधीय गुणों पर एक नजर।
कैसे करें बच्चे परीक्षा की तैयारी?
मार्च-अप्रैल का महीना आता नहीं कि बच्चों पर पढ़ाई का अनावश्यक बोझ बढ़ जाता है। प्रतियोगिता के दौर में अधिक-से-अधिक अंक लाने की होड़ में कई बार वो तनावग्रस्त हो जाते हैं और साथ ही उनमें असफल होने की घबराहट भी घर कर लेती है। इस परीक्षा की घड़ी में उनके माता-पिता और अभिभावक का साथ ही उनमें आत्मविश्वास जगा सकता है। जानने के लिए पढ़ें यह लेव।
ओशो ने ही मुझे अत्यंत सफल फिल्मकर बनाया : सुभाष घई
सुभाष घई फिल्म जगत के प्रसिद्ध निर्माता - निर्देशक हैं । उन्होंने कर्ज, हीरो, खलनायक, ताल आदि अनेक सुपरहिट फिल्में दीं। उन्हें अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं । उनका मानना है कि ओशो ने ही उन्हें अति सफल फिल्मकार बनाया है ।
क्या दुनिया बचेगी ?
ओशो 1960 से ही नए मनुष्य के बीज बोते रहे । नया मनुष्य ही अपनी व पृथ्वी की रक्षा कर सकता है । किन्तु लोग उनको नहीं समझ पाए । और यही दुर्भाग्य बन गया है ।
कश्मीर में एक नए सुनहरे अध्याय की शुरूआत...
करीब तीन महीने बीत चुके हैं जम्मू कश्मीर - लद्दाख में राजनैतिक परिस्थितियां बदले हुए, सविंधान की धारा 370 और 35A हटे और पूर्ण राज्य के 2 केंद्र शासित प्रदेशों में परिवर्तित हुए।
ओशो ने नारी को गौरवान्वित किया है
ओशो स्त्री को इस सृष्टि और जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग ही नहीं मानते, अपितु उच्चतम दर्जा भी देते हैं। ओशो ने संपूर्ण मानव इतिहास की गलतियों को सुधारते हुए अपनी पहली संन्यास दीक्षा स्त्री को ही दी। ओशो ने स्त्रियों को संन्यास देते हए उनके नाम के साथ 'मा' शब्द को जोड़ा और इस तरह उन्होंने स्त्री की आंतरिक संभावना को आवाज दी।
ओशो के अष्टावक्र महागीता पर महाभाष्य
ओशो की यह महागीता जीवन के सभी सोपानों की तार्किक विवेचना करती है । गीता की मीमांसा करके ओशो ने जीवन की तलाश कर ली थी।
ओशो का सर्वाधिक लोकप्रिय 'सक्रिय ध्यान'
प्रतिस्पर्धा, एवं अति व्यस्तता के कारण आज का मनुष्य अति जटिल, कुंठित, चिंतित, निरूत्साहित, अवसादग्रस्त व तनावग्रस्त होता जा रहा है।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो ने उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09,1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
उपासना, साधना और आराधना
आत्मिक उन्नति के लिए उपासना, साधना एवं आराधना की जीवन में निरंतरता एवं नियमितता अत्यंत आवश्यक है।
घर में समाए, सौंदर्य के उपाय
आजकल खूबसूरती हासिल करने के लिए अधिक कीमती लोशन, क़ीम तथा फेस पैक रवरीदे जाते हैं किंतु उनमें न जाने कितने रसायन मिले हैं जिनसे त्वचा पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इनके स्थान पर आप घरेलू उपाय अपनाकर अपनी त्वचा और सौंदर्य को निखार सकते हैं।
ओशो की प्रथम शिष्या मा आनंद मधु
मा मधु वर्तमान में त्रिवेणी घाट के निकट गंगा किनारे एक गुजराती आश्रम में निवासित हैं। ओशो की पहली शिष्या होने के कारण, उनके दर्शन के लिए विश्व भर से लोग आते हैं।
ओशो का अमृत संदेश कैसे फैलाएं ?
ओशो के अमृत संदेश को जनमानस तक कैसे पहुंचाया जाए ? यह प्रश्न अनेक परिपक्व मित्रों के मन में अक्सर उठता है , खासकर उनके , जिन्होंने ध्यान साधना द्वारा परम सत्य का रसास्वादन किया है ।