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![क्यों होती है लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त पूजा?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/546542/sXuUGx4O61604570183983/crp_1604570534.jpg)
क्यों होती है लक्ष्मी-गणेश की संयुक्त पूजा?
दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ भगवान् विष्णु की पूजा नहीं होती है, वरन गणेश जी की पूजा होती है। कभी आपने विचार किया है कि ऐसा क्यों होता है?
![दीपावली महापर्व का प्रथम त्योहार धनत्रयोदशी (13 नवम्बर, 2020, शुक्रवार)](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/546542/xFVRvrFI41604568132849/crp_1604570538.jpg)
दीपावली महापर्व का प्रथम त्योहार धनत्रयोदशी (13 नवम्बर, 2020, शुक्रवार)
धनत्रयोदशी पंचत्योहारों के महापर्व दीपावली का प्रथम त्योहार है। इस वर्ष धनत्रयोदशी 13 नवम्बर, 2020 (शुक्रवार) को है। इस वर्ष इस दिन किए जाने वाले प्रमुख धार्मिक कर्म निम्नलिखित हैं :
![दीपोत्सव एक प्राचीन लोकपर्व](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/546542/RGios3nBq1604569171809/crp_1604570540.jpg)
दीपोत्सव एक प्राचीन लोकपर्व
दीपावली एक प्राकशमय लोकपर्व है जो कि अति प्राचीनकाल से भारत ही नहीं, वरन् विश्व के अनेक देशों में मनाया जाता रहा है। यह भारत का अत्यन्त प्राचीन सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय पर्व रहा है।
![घट-स्थापन एवं दुर्गा-पूजन विधि](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/529915/udR3oIr5z1602075638555/crp_1602075893.jpg)
घट-स्थापन एवं दुर्गा-पूजन विधि
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक का महापर्व माँ भगवती के पर्व नवरात्र के नाम से जगप्रसिद्ध है। नवरात्र के प्रथम दिन जहाँ घट-स्थापन एवं दुर्गापूजन के माध्यम से इस महापर्व का आरम्भ होता है, वहीं इन नौ दिनों में प्रत्येक हिन्दूधर्मावलम्बी जगज्जननी माँ भगवती की पूजा, उपासना, व्रत, कीर्तन, जागरण इत्यादि करते हैं। इस वर्ष 17 अक्टूबर, 2020 को यह पावन पर्व आरम्भ हो रहा है। पाठकों की सुविधार्थ हम यहाँ घट-स्थापन एवं दुर्गा पूजन की शास्त्रोक्त विधि प्रस्तुत कर रहे हैं।
![नौकरी सम्बन्धी उपाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/529915/Uv60Y82Dp1602076114583/crp_1602076728.jpg)
नौकरी सम्बन्धी उपाय
हम सभी यह जानते है कि किसी व्यक्ति के कॅरिअर के विकास के लिए कड़ी मेहनत और धैर्य के साथ प्रतिस्पर्धा करने से बेहतर कुछ नहीं है।
![देवताओं का मिलन-पर्व है कुल्लू दशहरा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/529915/SDYyZGyo01602076384516/crp_1602076733.jpg)
देवताओं का मिलन-पर्व है कुल्लू दशहरा
अद्भुत लोक संस्कृति के प्रदेश हिमाचल में साल भर कोई न कोई लोक-उत्सव आयोजित होता ही रहता है। यहाँ के अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी विशिष्ट परम्पराएँ, रीति-रिवाज, बोलियाँ तथा वेशभूषाएँ हैं, किंतु अपने लोक-उत्सव के प्रति आस्था तथा उमंग प्रत्येक के मन में समान रूप से परिलक्षित होती है।
![रूप, जय और यश की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/529915/95dpYiyFy1602076274170/crp_1602076731.jpg)
रूप, जय और यश की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा
मान्यता है कि जिस समय मौसम परिवर्तन हो रहा हो, उस समय व्यक्ति को आहार, दिनचर्या तथा जीवन शैली को लेकर कुछ ऐसे नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि वह बदलते मौसम के अनुरूप स्वयं को ढाल सकें।
![शक्ति तत्त्व](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/529915/uPlkTd2bx1602075879674/crp_1602076736.jpg)
शक्ति तत्त्व
जिस प्रकार विष्णु और शिव एक हैं, उसी प्रकार शक्ति भी उनसे अभिन्न है। एक ही परमतत्त्व के विभिन्न नाम हैं। जैसाकि 'मुण्डमालातन्त्र' में कहा गया है जैसे शिव हैं, वैसे ही दुर्गा हैं और जो दुर्गा हैं, वहीं विष्णु हैं। इनमें जो भेद मानता है, वह दुर्बुद्धि मनुष्य मूर्ख है। देवी, विष्णु और शिव आदि में एकतत्त्व ही देखना चाहिए।
![स्पन्दकारिका एवं स्पन्द की अवधारणा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/505669/PKP0RbIKt1598524843633/crp_1598526035.jpg)
स्पन्दकारिका एवं स्पन्द की अवधारणा
भारतीय तन्त्र-दर्शन साहित्य-परम्परा
![कैसा रहेगा राहु का गोचर भारत के लिए?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/505669/hxWLsBHlG1598523429801/crp_1598526029.jpg)
कैसा रहेगा राहु का गोचर भारत के लिए?
भारत की दृष्टि से राहु का गोचर परिवर्तन अधिक प्रभावशाली इसलिए माना जाता है, क्योंकि स्वतन्त्रताकालिक कुण्डली में अनन्तसंज्ञक कालसर्पयोग का निर्माण हो रहा है। इसके अतिरिक्त वर्तमान परिस्थितियों में राहु की महती भूमिका होने के कारण भी इस गोचर परिवर्तन के प्रति ज्योतिर्विद्वान् अपेक्षाकृत अधिक गम्भीर हैं।
![भगवान विष्णु का बैकुण्ठ धाम वेंकटेश्वर बालाजी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/505669/DSMC87WAN1598525502062/crp_1598526037.jpg)
भगवान विष्णु का बैकुण्ठ धाम वेंकटेश्वर बालाजी
भारत का सबसे अधिक संपदा वाला मंदिर
![श्राद्धकर्म गया में ही क्यों?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/505669/RCH6AEVd11598525695725/crp_1598526034.jpg)
श्राद्धकर्म गया में ही क्यों?
भगवान् रामचन्द्र रुद्रपद आकर जब पिंडदान करने के लिए उद्यत हुए, तब उनके पिता महाराज दशरथ स्वर्ग से हाथ फैलाए वहाँ आए। प्रभु ने उनके हाथ में पिंडदान नहीं देकर रुद्रपद पर ही उस पिंड को रखा, तब दशरथ जी ने कहा, 'पुत्र! तुमने मुझे तार दिया। रुद्रपद पर पिंडदान से मुझे रुद्रलोक की प्राप्ति हुई। ... तुम्हारे साथ अयोध्या के सब लोग, कीड़े-मकोड़े तक बैकुंठधाम जाएँगे।' ...
![जन्मपत्रिका में कालसर्पयोग और राहु का वृषभ राशि में गोचर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/505669/pdxsU2Mik1598524063563/crp_1598524558.jpg)
जन्मपत्रिका में कालसर्पयोग और राहु का वृषभ राशि में गोचर
राहु के राशिपरिवर्तन पर विशेष
![सन्तति सुख सुख की प्राप्ति में सहायक गर्भगौरी रुद्राक्ष!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/488998/CfqPQlT8V1596525692912/crp_1596527220.jpg)
सन्तति सुख सुख की प्राप्ति में सहायक गर्भगौरी रुद्राक्ष!
सन्तति सुख पर विशेष
![मधुमेह और ज्योतिष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/488998/_M9ONKatv1596525912849/crp_1596527219.jpg)
मधुमेह और ज्योतिष
मधुमेह आजकल के सर्वाधिक प्रचलित रोगों में से एक है। पूरे विश्व में मधुमेह का फैलाव बढ़ रहा है। आज विश्व के 3 से 12 प्रतिशत लोग या तो मधुमेह से पीड़ित हैं अथवा उनके मधुमेह से पीड़ित होने की आशंका है।
![ग्रहों के दोष के निवारण हेतु गणेश की पूजा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/488998/6sPFuRAaO1596526894073/crp_1596527218.jpg)
ग्रहों के दोष के निवारण हेतु गणेश की पूजा
भगवान् श्री गणेश के अलग-अलग नाम एवं अलग-अलग स्वरूप हैं, लेकिन वास्तु में गणेश जी का कितना महत्त्व है, यह शायद कम ही लोगों को पता होगा।
![कल्कि का चामत्कारिक मन्दिर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/4QTUZ618z1593692649119/crp_1593694580.jpg)
कल्कि का चामत्कारिक मन्दिर
कलियुग के अन्तिम चरण में भगवान् विष्णु कल्कि भगवान् के रूप में अवतार लेंगे। यह उनका 24वाँ (अथवा 10वाँ) अवतार होगा। भगवान् राम 12 कलाओं के अवतार, भगवान् श्रीकृष्ण 16 कलाओं के अवतार हैं, तो भगवान् कल्कि 64 कलाओं के अवतार होंगे। इनका अवतरण उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल (28:35 उत्तर 78:37 दक्षिण) नामक स्थान पर विष्णुयश नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर में होगा। वे देवदत्त नामक शीघ्रगामी घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का तलवार से नाश करेंगे।
![ज्योतिष में मंगल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/yTjU6w2zl1593690149299/crp_1593694581.jpg)
ज्योतिष में मंगल
वैदिक ज्योतिष में 'मंगली दोष' बहुत प्रसिद्ध है, इसलिए विवाह के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से पहले लड़के और लड़की दोनों की कुण्डली का मिलान किया जाता है। इस दोष के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में बाधा, टूट, विवाद और यहाँ तक कि तलाक हो सकता है।
![तुलसी सठ की को सुनै, कलि कुचाल पर प्रीति](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/z2K4crMfl1593692094616/crp_1593694582.jpg)
तुलसी सठ की को सुनै, कलि कुचाल पर प्रीति
वर्ष में एक बार श्रावण शुक्ल सप्तमी के आस- पास किसी भी दिन अपनी सुविधा के अनुसार तुलसीदासजी की जयन्ती मनाने के नाम पर भगवान् श्रीराम के नाम और चरित का नगाड़ा बजा लेने वाले तुलसी भक्तों के ऐसे प्रबल पुरुषार्थ का ही एक प्रतिफल है कि तुलसी जयन्ती और रामनवमी इन दोनों समारोहों में होने वाले भाषण-प्रवचन हूबहू एक ही साँचे में ढले हुए प्रतीत होते हैं। यह तथ्य तुलसी जयन्ती में प्रतिवर्ष उजागर होते देखा-सुना जा सकता है।
![शुभ का प्रतीक 'स्वस्तिक'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/RrlcpGOb01593691430652/crp_1593694593.jpg)
शुभ का प्रतीक 'स्वस्तिक'
स्वस्तिक का चिह्न भारतीय संस्कृति में शुभ एवं मांगलिक प्रतीक है। स्वस्तिक का सामान्य अर्थ है चारों दिशाओं में जाने वाला रास्ता-चौराहा! वेदों एवं अन्य वाङ्मय में भी इसका वर्णन आया है।
![नागलोक की देवी मनसा देवी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/IYUG2u1YO1593691180948/crp_1593694587.jpg)
नागलोक की देवी मनसा देवी
सर्प का नाम सुनते ही किसी के भी तन में एक बार तो भय की लहर दौड़ ही जाती है, सर्पदंश का जीवन पर असर सभी जानते हैं, लेकिन सर्प की उपयोगिता कितनी महत्त्वशाली है, इस पर कम ही ध्यान दिया जाता है।
![नाभाजी का परिचय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/VOndybdhk1593691801767/crp_1593694590.jpg)
नाभाजी का परिचय
गोस्वामी नाभाजी कृत श्रीभक्तमाल (भाग-5)
![भरत जी की चित्रकूट यात्रा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/JbFoGz6jh1593692422935/crp_1593694588.jpg)
भरत जी की चित्रकूट यात्रा
गंगातट पर चल रही रामकथा में 20वें दिन की कथा को श्रोतागण पूर्ण एकाग्रता से सुन रहे हैं। सुनें भी क्यों न? एक ओर तो जहाँ भरत जी की चित्रकूट यात्रा का मार्मिक प्रसंग है, तो वहीं दूसरी ओर व्यास पीठ पर विराजमान स्वामी जी की शैली ही ऐसी है कि सभी प्रकरण मनोहारी प्रतीत होते हैं।
![शेयर बाजार में निवेश ग्रहों पर निर्भर है हार-जीत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/472359/ZjZ4ufJxA1593689084377/crp_1593694592.jpg)
शेयर बाजार में निवेश ग्रहों पर निर्भर है हार-जीत
शेयर बाजार शीघ्र धन लाभ और शीघ्र सफलता देने वाला बाजार है। यही वजह है कि प्रत्येक व्यक्ति इसकी और शीघ्र आकृष्ट हो जाता है।
![भरत जी की चित्रकूट यात्रा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/454721/7fE48tmCW1590574540975/crp_1590576290.jpg)
भरत जी की चित्रकूट यात्रा
श्रीरामचन्द्रजी पुनः सोच में पड़ गए कि भरत के आने का क्या कारण है? फिर किसी ने आकर कहा कि उनके पास में बड़ी भारी चतुरंगिणी सेना भी है।
![संघर्षों से कामयाबी दिलाते हैं नीचभंग राजयोग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/454721/20DGO7gMe1590572243783/crp_1590576291.jpg)
संघर्षों से कामयाबी दिलाते हैं नीचभंग राजयोग
जन्मपत्रिका में ग्रह जिस राशि में नीच का है उस राशि में दूसरा कोई ग्रह उच्च का होकर स्थित हो, तो पहले ग्रह का नीचभंग हो जाता है। उदाहरण के लिए कर्क राशि में मंगल नीच का है, परन्तु वहाँ बृहस्पति उच्चराशिस्थ होकर स्थित हो, तो मंगल नीचभंग राजयोग बनाएगा।
![कोरोना वायरस और ज्योतिष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/454721/cBNaIKtWb1590575019169/crp_1590575502.jpg)
कोरोना वायरस और ज्योतिष
इस लेख का प्रथम भाग ज्योतिष सागर' के अप्रैल अंक में तथा दूसरा भाग मई अंक में प्रकाशित हुआ है। उससे आगे यहाँ प्रस्तुत है।
![भीमसेन एकादशी निर्जला एकादशी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/454721/y-KIsJv171590573341035/crp_1590576288.jpg)
भीमसेन एकादशी निर्जला एकादशी
एकादशी के व्रत करने से वर्षभर की सभी एकदशियों के पुण्य का फल मिलता है
![कबीर का एक-एक वचन हजारों शास्त्रों का सार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/454721/xRUu8Ezhe1590573816766/crp_1590576283.jpg)
कबीर का एक-एक वचन हजारों शास्त्रों का सार
(05 जून, 2020 संत कबीर जयन्ती)
!['शनि की वापसी' कभी उन्नतिकारक कभी मृत्युकारक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/4730/454721/qWYWixPUw1590567759402/crp_1590576281.jpg)
'शनि की वापसी' कभी उन्नतिकारक कभी मृत्युकारक
ग्रहों की स्थिति का दो प्रकार से विश्लेषण किया जाता है। दोनों ही स्थितियों में इनसे मिलने वाले परिणामों की व्याख्या भी भिन्न-भिन्न प्रकार से की जाती है।