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दुनिया कोरोना से महसूस करें प्रकृति की प्रबलता
भारत सहित कई देशों में इंसानों की अनगिनत मौत हो रही है और इस चुनौती का हाल कोई देश नहीं निकाल पा रहा है। आखिरकार प्रकृति प्रबल है। वैश्विक महामारी प्रकृति की ही देन है। इस इशारे को दुनिया अभी भी समझ जाए, तो बेहतर ही होगा।
विष युक्त से विष मुक्त कृषि
धरती मां की गोद में प्रफुल्लित होकर पैदा हो रही वनस्पति उसकी कृषि ही है। प्रकृति के नियम अटल हैं। इस ग्रह पर चल रहा जीवन इन नियमों पर ही आधारित है।
सघन खेती में हरी खाद का महत्व'
भगत सिंह, ए.के.ढाका एवं मुकेश कुमार, सस्य विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार मो.094160-74166
अमरूद की खेती
अमरूद को अंग्रेजी में गुआवा कहते हैं। वानस्पतिक नाम सीडियम ग्वायवा, प्रजाति सीडियम, जाति ग्वायवा, कुल मिटसी। वैज्ञानिकों का विचार है कि अमरूद की उत्पति अमरीका के उष्ण कटिबंधीय भाग तथा वेस्ट इंडीज़ से हुई है।
किसान रथ ऐप
केविन क्रिस्टोफर', शशिता एक्का, डॉ. एडलिन टिम्गा, प्रसार शिक्षा विभाग, बिहार कृषि विवि. सबौर पर्यावरण विज्ञान विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विवि., अमरकंटक
कोरोना की दहशत में डूबेगी खेती
कटाई के इंतजार में खड़ी फसलों पर उमड़ घुमड़ कर आते बादल किसानों की धड़कने बढ़ा रहे हैं। राजस्थान के किसान पहले ही टिड्डियों का भयंकर आक्रमण झेल चुके हैं। खरीफ की फसलों का सफाया कर चुकी है ओलावृष्टि।
कोरोना वायरस एवं कृषि संकट
कोरोना वायरस एवं कृषि संकट
हल्दी की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए रोगों का प्रबंधन
जय कुमार यादव, वी.पी. पांडे, एस.के.सिंह, दिव्या सिंह एवं *साध्वी यादव, नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, फैजाबाद, *श्रीमती जैदेवी महिला, महाविद्यालय बभनान गोंडा
अरंड की खेती के लिए उन्नत कृषि क्रियाएं
ज्यादातर किसान अरंड की फसल में खाद का प्रयोग नहीं करते। परंतु सही मात्रा व सही समय पर खादों के प्रयोग से इसका उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
बदलती जनसंख्या के परिदृश्य में मशरूम की खेती का महत्व
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है, जिस हिसाब से बाजार में इसकी मांग है, उस हिसाब से अभी तक इसका उत्पादन नहीं हो रहा है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसे देखते हुए मशरूम के बड़े पैमाने पर उत्पादन की आवश्यकता है।
फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
नरेन्द्र कुमार गोयल, प्रताप सांगवान, दिनेश तोमर व रणवीर मलिक, चौ. च. सिंह हरियाणा कृषि विवि., कृषि विज्ञान केन्द्र दामला, यमुनानगर
अरंड उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाएं
अरंड की अच्छी पैदावार के लिये खादों की सही मात्रा का उपयुक्त आवश्यकता पर प्रयोग करना अति आवश्यक है। वर्षा आधारित अरंड में 8 कि.ग्रा. नाइट्रोजन व 16 कि.ग्रा. फास्फोर्स प्रति एकड़ बिजाई से पहले डालें।
खेती और नैनो टेक्नोलॉजी
राघवेन्द्र सिंह (यंग प्रोफैशनल) कृषि विज्ञान केन्द्र बसुली, महराजगंज आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या
उपयोगी सब्जी भिंडी की उत्पादन तकनीकी
परिचय : भिंडी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय में उगाई जाने वाली एक वार्षिक सब्जी है। हरे फलों की करी और सूप बनाया जाता है। जड़ और तना का उपयोग 'गुड़' की तैयारी और गन्ने के रस को साफ करना एवं फलों की उच्च आयोडीन सामग्री जो घेघा नामक बीमारी को नियंत्रित करने में मदद करती है।
स्वास्थ्य एवं स्वाद की पहचान बने जैविक कृषि उत्पाद
वर्तमान परिवेश में विश्व उपभोक्ता की जैविक कृषि उत्पादों में रूचि एवं मांग बढ़ रही है। लेकिन इसके विपरीत सर्वाधिक जैविक खेती का रकबा रखने वाला भारत उत्पादन एवं विश्व बाजार में अपने जैविक कृषि उत्पाद के विक्रय प्रदर्शन में कमतर साबित हो रहा है।
संरक्षित खेती का वर्तमान परिस्थिति में महत्व एवं संभावनाएं
संरक्षित खेती का वर्तमान परिस्थिति में महत्व एवं संभावनाएं
मौसमी घटनाओं का मंहगाई पर प्रभाव
मुख्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में औसतन दोगुना से अधिक वृद्धि हो गई है। इसकी बड़ी वजह तापमान में वृद्धि या अत्याधिक बारिश या बारिश के पैटर्न में बदलाव साबित होंगे।" इसमें एक और डरावना पूर्वानुमान है, जो भारत के लिए प्रासंगिक है।
मक्का की उन्नत खेती
अंकज तिवारी, निरुपमा सिंह, शिवम दूबे, शोधछात्र- आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौ.विवि.,कुमारगंज, अयोध्या (उ.प्र.) शोध छात्र, चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौ. विवि., कानपुर (उ.प्र.)
भारत में बीज उद्योग : स्थिति एवं भविष्य
केविन क्रिस्टोफर, विपिन कुमार मौर्यः, अमन कुमार, चैताली कुमारी, प्रतीक कुमार, प्रसार शिक्षा विभाग, BAU, साबौर, सब्जी विज्ञान विभाग, ANDUAT फैजाबाद आनुवांशिकी और पादप प्रजनन विभाग, JNKVV, जबलपुर
भारत में बीज उत्पादन एवं उद्योगका परिदृश्य
डॉ. अम्बरीष सिंह यादव एवं डॉ. संजीव कुमार, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद, अष्टम तल, किसान मंडी भवन, विभूती खंड, गोमती नगर, लखनऊ
बीज प्रसंस्करण तकनीकी
आधुनिक बीज प्रसंस्करण यूनिट यदि साफ-सफाई अच्छी हो तो प्रसंस्करण खर्चा भी कम लगता है। फसलों के बीज को खरीद कर एक स्थान पर इकट्ठा करके अच्छी साफ-सफाई करके सुरक्षित भंडारण करना चाहिए। यदि मौसम खराब हो तो भी कोई दिक्कत न हो सके।
फसल उत्पादन में बीज के चुनाव का महत्व
बीज उत्पादन के लिए लगाए गए फसल में विभिन्न पौधों के लक्षणों का निरीक्षण करके किसान यह जान सकता है कि कौन सा पौधा बेहतर विकास कर रहा है। एक रिबन या छड़ी से पसंदीदा पौधों को चिह्नित कर लें।
फल बीजों का प्रसंस्करण
बीजों को हम एक नए जीवन की इकाई के रूप में देख सकते हैं। पुरातन काल से बीजों का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए होता आया है। औषधीय गुणों से भरपूर ये बीज जिनमें विशिष्ट प्रकार के गंध तेल, एंजाइम और प्रोटीन पाए जाते हैं।
पपीता फल बीजों का व्यापारिक उत्पादन एक लाभदायक उद्यम
पूरी तरह से पके फलों से बीज निकालकर अच्छी तरह से धो लिया जाता है तथा इन्हें मिट्टी, रेट और एफ वाय एम 1:1:1 अनुपात का पॉटिंग मिक्सचर बनाकर उसमें लगाया जाता है।
पपीता की पौध तैयार करने की विधि
सम्पूर्णा नन्द सिंह, अंकित कुमार पांडे, दीपक मौर्य, विशाल त्रिपाठी, राकेश कुमार पांडे, राम निवास, माधवेन्द्र बहादुर सिंह, गौतम प्रताप सिंह और कुलदीप बिहार कृषि विश्वविद्यालय, साबौर, भागलपुर, बिहार और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली
दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है भारत
दलहनों के उत्पादन बढ़ाने की भारत में काफी संभावना है। इस क्षेत्र में ऐसे बीज तैयार किए गए हैं, जिनके इस्तेमाल से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। दलहनों को क्लामेट स्मार्ट क्रॉप माना जाता है। लिहाजा, इसकी खेती किसानों के लिए
कोरोनावायरस के कारण चिकन की बिक्री में गिरावट
कोरोनावायरस के बारे में व्हाट्सएप या फिर अन्य तरह से फैलाई गई अफवाह के कारण पूरा पोल्ट्री उद्योग और किसान प्रभावित हुए हैं। नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के आंकड़ों के अनुसार, अंडे की कीमतें एक साल पहले के मुकाबले लगभग 15 प्रतिशत तक कम हुई हैं।
टमाटर के रोग एवं नियंत्रण
टमाटर एक महत्वपूर्ण फसल है जिसे वर्ष भर उगाया जा सकता है तथा इसका उत्पादन करना बहुत सरल है। इसका सब्जी उत्पादन में विशेष योगदान है। टमाटर का उपयोग सब्जी सूप, सलाद, अचार, कैचप, पयूरी एवं साँस बनाने में किया जाता है।
कृषि के विकास में दूरसंचार का महत्व
इफको किसान एप किसान के लिए लगभग कृषि एप में से सबसे अच्छा एप है यह उपयोग करने के लिए एक आसान इंटरफेस के साथ स्मृति के मामले के एक छोटा एंड्रॉएड एप है। यह एंड्रॉएड एप्लिकेशन नवीनतम कृषि सलाह, नवीनतम मंडी कीमतों और खेती के विभिन्न सुझावों के बारे में जानकारी के साथ-साथ मौसम के भविष्यवाणी की भी जानकारी प्रदान करता है।
किसान अपनी आमदनी कैसे बढ़ायें
डॉ. रविन्द्र कुमार राजपूत, विषय वस्तु विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान ), के.वी.के. दुवासु, मथुरा अनुपमा वर्मा, परास्नातक छात्रा, शस्य दैहिकी विभाग कृषि महाविद्यालय, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि. कानपुर डॉ. प्रदीप राजपूत, शोध छात्र (सस्य विज्ञान), सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रो.विवि., मोदीपुरम मेरठ श्रीमती ज्योति वर्मा, परास्नातक छात्रा सस्य विज्ञान, संस्कृति विवि. मथुरा