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हसन की उम्मीदें
नींद में डूबी श्रीनगर घाटी को ठंडी हवा ने अपने आगोश में ले रखा था. बैकग्राउंड में पहाड़ की चोटियां और चीड़ के पेड़ उसे और भी खूबसूरत बना रहे थे. खिड़की के पास बैठा हसन एकदम मौन दिखाई दे रहा था.
बदल गया फौक्सी
ग्रीनवुड फौरेस्ट की पहाड़ी पर फौक्सी लोमड़ रहता था. अन्य जानवरों से वह शरारत किया करता था और ऐसा करने में उसे मजा आता था.
जबीन की साइकिल
सोनवन का जंगल सब से बड़े जंगलों में से एक था. साल में एक बार सोनवन में वन महोत्सव का आयोजन किया जाता था. जहां विभिन्न प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता था. सोनवन का वन महोत्सव आसपास के सभी वनों में प्रसिद्ध था. वन महोत्सव देखने दूरदूर से जानवर सोनवन पहुंचते थे.
कोरोना का डर
चंपकवन के निवासी कोरोना बीमारी के कारण काफी डरे हुए थे.
निसर्ग का कहर
निसर्ग तूफान ने रायगढ़ जिले में कहर ढाया था. जिले के कई घरों की दीवारों और छतों को नष्ट कर दिया था. विनीत और उस की फैमिली टीवी पर न्यूज देख रहे थे, क्योंकि विनीत का गांव भी रायगढ़ जिले का ही एक गांव श्रीवर्धन था.
राखी मैं बांधूंगा
श्रेयांश ने झट से थाली उठाई और बोला, “दीदी, आप को राखी मैं बांधूंगा.'' इस का समृद्धि ने विरोध किया और उस के हाथ से थाली छीन ली, "नहीं, राखी मैं बांधूंगी.
अनजाना खतरा
राज क्रिकेट बैट लहराते हुए, सिर पर टोपी लगाए अपने घर से बाहर निकला और अपने दोस्त विनीत के घर की ओर भागा. जैसे ही उस ने डोरबैल बजाई, विनीत ने तुरंत दरवाजा खोल दिया.
ध्रुव का गुब्बारा
ध्रुव बहुत गरीब घर से था. उस के पापा मजदूरी 'करते थे और मम्मी लोगों के घरों में चौकाबर्तन करती थीं. वह स्कूल जाना चाहता था, लेकिन उस के पापा के पास इतने रुपए नहीं थे कि वे उसे स्कूल में पढ़ा सकें. वे जितना कमाते सब खानेपीने में ही खर्च हो जाता.
किंजल का नया स्कूल
लौकडाउन के कारण देशभर के सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे, लेकिन जुलाई और अगस्त में बड़ी क्लास के बच्चों के स्कूल कुछ शहरों में फिर से खुल रहे थे. सब बच्चे स्कूल की तैयारी में जुट गए थे.
जब अंदाजा नहीं लगा
चंपकवन पब्लिक स्कूल चंपकवन के प्रतिष्टित स्कूलों में से एक था. सभी पैरेंट्स चाहते थे कि उन के बच्चे वहां पढ़ें, क्योंकि इस में कई अच्छे शिक्षक और सुविधाएं थीं. टोटो कछुआ भी इसी स्कूल का छात्र था. हालांकि वह धीरेधीरे आगे बढ़ा, उस का दिमाग काफी तेज था और वह होनहार छात्र था. वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता था.
भीलवाड़ा मौडल
राघव बहुत परेशान था. इम्तिहान सिर पर थे और पापा का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया था. मां को अच्छा नहीं लग रहा था और उन की तबीयत ठीक नहीं थी उन से कोई काम नहीं हो पा रहा था. उन्हें अभी आराम की बहुत आवश्यकता थी. घर में कोई देखभाल करने वाला नहीं था और आज खबर मिली थी कि उन के कुछ रिश्तेदार उन से मिलने आ रहे हैं.
अंतरिक्ष में गूंजी आवाज
स्पूनिक उस नए उपग्रह के पास आया. उसे देख कर वह अचानक चौंक पड़ा.
चंपकवन में तूफान
राजा से अभी बात करनी है, जैसे भी हो 'मुझ से बात करवाइए, राजा के पहरेदार चीकू खरगोश ने कहा.
बारिश और स्नैक्स
जीना बहुत खुश थी. बरसात का मौसम आ गया था जोकि उस का पसंदीदा मौसम था. हर साल वह बारिश का आनंद लेती थी. इस साल वह काफी खुश थी, क्योंकि उस के घर के पास ही एक तले हुए स्नैक्स जैसे प्याज के पकौड़े, चाट, आलू की टिक्की, समोसे, कचौरी और कई तरह की बैरायटी की दुकान खुली थी.
बीमारी से दूर रहें
किकी ऊंट को खजूर खाने का बहुत शौक था. खजूर उस का पसंदीदा फल था. अकसर वह बिना हाथ और फल धोए ही खा लेता था.
सब्जियों का राजा
कहानी आशा शर्मा ब्राउनी बैंगन, लकी भिंडी, गोगो हरीमिर्च और ओली प्याज बहुत अच्छे दोस्त थे. इन की दोस्ती का एक बड़ा कारण यह भी था कि इन सब के सिर पर ताज था. एक दिन चारों मित्र बैठे बतिया रहे थे तभी उन्होंने पीलू आलू को उधर से जाते देखा.
पिंजरे में इंसान
चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था. सड़कें और पार्क वीरान थे, दूरदूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था. ऐसा लग रहा था कि लोग घरों में दुबके हुए हैं. कुछ दिनों से हवा शुद्ध हो गई थी. काला धुंआ आसमान से गायब था. नदियों का पानी भी साफ हो चुका था. आखिर यह कैसा बदलाव था. यह सब कैसे हो गया था?
पर्यावरण दिवस
बैडी लोमड़ चंपकवन के पेड़ों काटने करने की योजना बना रहा था. वह चंपकवन के जानवरों को पसंद नहीं करता था और हमेशा उन्हें नुकसान पहुंचाने की नई तरकीब सोचता रहता था. इस के लिए उस ने कुछ लोगों से सांठगांठ कर ली थी.
बच गया नौटी
'नौटी, जल्दी करो, तुम्हें स्कूल नहीं जाना क्या?” शोकेस पर चढ़े नौटी चूहे ने सुना तो और ऊपर चढ़ गया.
आधुनिक भारत के निर्माता
आधुनिक भारत के निर्माता
लौकडाउन का मजा
देवांश, संस्कृति और समृद्धि कन्फ्यूज्ड थीं, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे लौकडाउन के दौरान घर में क्या करें? उन्होंने मम्मी से पूछा, "मम्मी, हम घर में बंद रह कर समय कैसे बिता सकते हैं? हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि हम क्या करें?"
बातूनी चार्ली
चार्ली बंदर बहुत बातूनी था. जंगल के बाकी बच्चों की तरह उस की हौबी पेंटिंग, ड्राइंग, खेल या गीतसंगीत न हो कर सिर्फ बातें करना था.
वजन निकालो
पिकनिक पर आए छात्रों को संबोधित करते हुए गुरूजी ने कहा, “क्या तुम लोग इस गधे का वजन बता सकते हो?' उन्होंने वहां चर रहे एक गधे की ओर इशारा कर के कहा, "मैं यह देखना चाहता हूं कि कौन इस का सटीक वजन बता सकता है."
सजा जो मजा बन गई
रिची आज सुबह से ही परेशान था. प्रधानमंत्री ने लौकडाउन बढ़ाने का ऐलान जो कर दिया था. 22 मार्च को जब एक दिन के साधारण कर्फ्यू की उद्घोषणा हुई थी तब मजा आया था. मम्मी, पापा, भैया सब घर पर ही थे. शाम को जब थाली बजाई थी तो बहुत अच्छा लगा था पर अब तो लौकडाउन लंबे समय के लिए बढ़ा दिया था.
सरलता का आनंद
एक समय की बात है, लियोनार नाम का राजा था. उसे अच्छा खाना खाना बहुत पसंद था. वह अलगअलग साम्राज्यों में तरहतरह के पकवान और खास खाद्य सामग्रियों की तलाश में अपने दूत भेजा करता था.
हवाओं का महल
हवाओं का महल
खूबसूरत शिल्प उपकरण
नारायण 10 वर्ष का था. उसे आउटडोर और इनडोर दोनों ही तरह के खेल बहुत पसंद थे.वह एक बिल्डिंग कौंप्लेक्स में रहता था और उस के हरउम्र के बहुत सारे दोस्त थे. उसे क्रिकेट, फुटबौल और गिल्लीडंडा खेलना पसंद था.
पापा का उपहार
रोहन इस बार अपनी कक्षा में प्रथम आया था. उस की साल भर की मेहनत रंग लाई थी. दिनभर उसे पापा का इंतजार रहा. शाम को पापा घर आए तो रोहन बोला. “पापा, मैं क्लास में फर्स्ट आया हूं.
लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा
चंपकवन स्कूल के छात्र बड़े खुश थे. उन की टीचर सोनी हिरणी ने उन्हें बताया कि इस बार स्कूल के बच्चे 'नवाबों की नगरी लखनऊ' घूमने जाएंगे.
तालाब से झील तक
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