गिगी भालू, जीना लोमड़ी और पीपा मोर एक ही क्लास में पढ़ते थे. तीनों बचपन से बड़े अच्छे दोस्त थे और कभी किसी ने उन्हें लड़तझगड़ते नहीं देखा था.
टिल्लू कछुए ने भी स्कूल में एडमिशन लिया था. टिल्लू स्वभाव से बड़ा सरल और पढ़ाईलिखाई में बुद्धिमान था. गिगी को टिल्लू पसंद नहीं आया, क्योंकि वह हर काम धीमेधीमे करता था. उस ने टिल्लू का मजाक उड़ाया.
“कहो सुस्तराम, क्या हो रहा है?” उस ने पूछा.
“मैं क्लास में जा रहा हूं,” टिल्लू ने जवाब दिया. इस बात को नजरअंदाज करते हुए उस ने उस का मजाक उड़ाया.
"तुम्हें तो घर से यहां तक पहुंचने में घंटों लग जाते होंगे, ” गिगी ने कहा.
“तुम ठीक कह रहे हो, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, अब हर दिन अपना होमवर्क करने के लिए मुझे समय मिलता है,” टिल्लू ने जवाब दिया.
“होमवर्क तो मैं भी करता हूं,” गिगी ने उत्तर दिया.
“तुम धीरे चलते हो, क्योंकि तुम आलसी हो?”
टिल्लू ने कहा, "यह मेरा स्वभाव है और मैं हर काम ईमानदारी से करता हूं."
“तुम्हारी आदत के बारे में तुम जानो. मुझे उस से क्या लेनादेना?” कह कर उस ने बुरा सा मुंह बनाया और अपने दोस्तों के पास चला गया.
“पता नहीं, यह कछुआ अपने आप को क्या समझता है?"
“क्या हो गया ?” जीना ने पूछा.
“टिल्लू कह रहा था कि वह ईमानदारी से काम करता है. जैसे हम तो ईमानदार नहीं हैं."
"उस की इतनी मजाल जो तुम से इस तरीके से बात करे,” पीपा गुस्से से बोला.
“छोड़ो, इस बात को हमें उस की बात का बुरा नहीं मानना चाहिए और उस के मुंह नहीं लगना चाहिए," जीना बोली.
वे तीनों काफी देर तक टिल्लू के बारे में ही बातें करते रहे. अगले दिन गिगी टिल्लू को सबक सिखाना चाहती थी. उस ने सोचा, 'पता नहीं वह अपने आप को क्या समझता है?'
पूरे स्कूल में टिल्लू के बराबर बुद्धिमान कोई नहीं था. सब उस की बुद्धिमत्ता का लोहा मानते थे. पढ़ाईलिखाई से संबंधित हर प्रतियोगिता में हमेशा टिल्लू फर्स्ट आता, लेकिन गिगी जानता था कि वह दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेगा, क्योंकि वह स्वाभाविक रूप से धीरे चलता था.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin July Second 2022 sayısından alınmıştır.
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