अपने सामने की सीट पर लात मारते हुए इलैंगो बुदबुदाया, 'और उस के बाद मैं हंचल की बाह को उस की पीठ के पीछे ऐंठ कर मोड़ने जा रहा हूं. मैदान में उसे एक निंजा किक मार कर उस की तोंद पर एक जोरदार पंच मारूंगा.'
स्कूल बस की खिड़की से बाहर देखते हुए पर्निया ने सांस खींची. यह हर दिन वाली वही कहानी थी. हरेक दिन इस दुनिया का सब से घटिया लड़का हंचल, इलैंगो को धमकाया करता, हर दिन इलैंगो उस से बदला लेने का संकल्प लेता, हर दिन स्कूल के विलेन को पछाड़ने के सपने देखता और उस के अगले दिन कुछ भी नहीं करता था. कराटा किक या जूडो चौप मारने की भूल जाता, इलैंगो सिर्फ अपनी प्यारी सी जान बचाने के लिए दुम दबा कर भाग लेता जब उसे हंचल धमकाया करता था.
"तुम अभी देखना, मैं उस सुपर विलेन को ऐसा सबक सिखाऊंगा कि वह मुझ पर नजर उठाने से भी घबराएगा," इलैंगो ने कुंगफू स्टाइल में अपनी मुद्रा बनाते हुए कहा.
"हमेशा इतने हिंसक होते हो," पर्निया ने सिर हिलाते हुए कहा.
"और कोई रास्ता भी तो नहीं है." ठीक उसी समय एक ट्रैफिक सिग्नल पर स्कूल बस रुक गई और पर्निया की नजर गांधीजी की तसवीर वाले एक चमकदार बड़े और मोटे अक्षरों वाले होर्डिंग पर पड़ी, जिस पर लिखा था, 'बापू की 153वीं जयंती,' साथ में चमकदार बड़ेबड़े और मोटे अक्षरों यह भी में लिखा था, "आइए, उन के सिद्धांतों का पालन करते हुए इसे मनाएं."
और तभी अचानक उस के दिमाग में एक विचार कौंधा. वह इलैंगो की तरफ मुड़ी, उस की आंखें उत्साह और खुशी से चमक रही थीं. "यह एक अच्छा रास्ता है. अपनेआप से पूछो कि बापू ने क्या किया और उस के बाद इसे करो."
इलैंगो ने मुंह फेरते हुए कहा, "क्या?"
"मेरे पास एक आइडिया है, बहुत ही आसान सा है," पर्निया ने विस्तार से कहा, "गांधीजी की शिक्षाएं क्या हैं?"
"हर कोई इसे जानता है," इलैंगो ने जवाब दिया. "हमेशा सच बोलो, हमेशा इमानदार बने रहो..."
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin October First 2022 sayısından alınmıştır.
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दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"