"एक बार बहुत बड़ा, जंगल गहरी नदियों और खाइयों से भरा था. जंगल का नाम मिरानो था. वह 90 हिस्सों में बंटा हुआ था. हर प्रांत का एक प्रतिनिधि था. ये प्रतिनिधि समयसमय पर आपसी झगड़े निबटाने के लिए आपस में मिलते रहते थे.
अपनी अपार सैन्यशक्ति और समृद्धि के आधार पर कुछ प्रांत जैसे ड्रैगन (चीन) काला भालू (रूस) बलशाली शेर (अमेरिका) विषैला नागराज (फ्रांस) और फुर्तीला चीता (इंगलैंड) विशेष दर्जा रखते थे.
एक सभा में हिरण ने कांपती आवाज में पूछा, “आप सब प्रांतों को बराबर का दर्जा क्यों नहीं देते? तुम विशेष क्यों हो?”
बलशाली शेर गुर्राया, “यह जो हमारी संस्था है, यह मनुष्यों के संयुक्त राष्ट्र संघ के नक्शेकदम पर चलती है. इस को चलाने में हम अधिक से अधिक धन खर्च करते हैं. हम पांचों की सैन्यशक्ति का कोई मुकाबला नहीं है. इसीलिए हम वीटो पावर यानी किसी भी प्रस्ताव को रद्द करने की क्षमता रखते हैं."
ड्रैगन उड़ता हुआ आया. उस की नाक से गरम भाप निकल रही थी. जुकाम की वजह से उस की नाक भी बह रही थी. वह शर्मिंदा हुआ पर फिर भी बोला, "हम पांचों स्थायी और पहले सदस्य हैं. हमारे पास यह विशेषाधिकार होना ही चाहिए.”
अब जंगली भैंसे की बारी थी, उस का पेट खराब था. लेकिन वह सावधान था कि कहीं मंच पर गोबर न गिर जाए. उस ने पूछा, “क्या आप बता सकते हो कि हमारी इस संस्था का उद्देश्य क्या है? और क्या तुम उसे पूरा कर पाए हो?”
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin November First 2022 sayısından alınmıştır.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.