यह त्योहार पूरे भारत में बहुत धूमधाम और खुशी से मनाया जाता है और इस दिन बहुत सारे उत्तम पकवान बनाए जाते हैं और हरेक के साथ साझा यानी बांटे जाते हैं. आइए, कुछ खाद्य पदार्थों पर नजर डालते हैं जो त्योहार को पूर्ण बनाते हैं:
पोंगल - तमिलनाडु
पोंगल मुंह में पानी लाने वाले पकवान के साथ मनाया जाता है जिसे वेन पोंगल कहते हैं. इसे चावल में सूखे मेवे और मसाले डाल कर पकाया जाता है जब तक कि वे एक मनोरंजक मिश्रण के रूप में एकसाथ नहीं हो जाते हैं. चावल, गुड़ और मूंग की दाल से बने इस विविधता वाले पकवान को परोसा जाता है. इसे सक्कराई पोंगल कहा जाता है.
बिहु - असम
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin January First 2023 sayısından alınmıştır.
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मोबाइल वाला चूहा
रिकी चूहा अपने बिल से बाहर निकला और किसी काम के लिए चल पड़ा. कैटी बिल्ली ने उसे देखा और पकड़ने के लिए दौड़ी, लेकिन रिकी उस से ज्यादा स्मार्ट निकला.
हैलोवीन कौस्ट्यूम पार्टी
नंदू हैलोवीन पार्टी के लिए सोहम के घर पहुंचने वाला पहला व्यक्ति था.
सीधा सादा सौदा
मणि ने जब उसने हौल में प्रवेश किया तो था 'को अपने दोस्तों के साथ बहस करते हुए सुना.
आइए, रोबोटिक्स मार्बल्स से मिलिए
वेआम किशोरों की तरह देख सकते हैं, लेकिन 10 बच्चों की यह टीम हाईस्कूल के छात्रों के लिए दुनिया की सब से रोबोटिक्स चुनौती है. 13 से 17 वर्ष की उम्र के प्रत्येक सदस्य ने 26 से 29 सितंबर को एथेंस ग्रीस में संपन्न हुए फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज (एफजीसी) में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया.
भूतप्रेतों के आने का समय
बूआ 3 दिन के लिए गांव से हमारे साथ रहने आई थीं और मैं रोमांचित थी, क्योंकि वे हमें बहुत सारी कहानियां सुनाया करती थीं. उन के पास कहानियों का खजाना होता था. इस बार हैलोवीन यानी भूतों का त्योहार 3 दिन बाद आने वाला था.
एक घर पहाड़ी के उस पार
आसमान में शाम ढल रही थी. बैगनी रंग के घर के बाहर शरद ऋतु की ठंडी हवा बह रही थी, उस घर के चारों तरफ बिना पत्तों के कुछ पेड़ खड़े थे.
डरावनी रात
रात हो चुकी थी. डोडो हिरण शहर से जंगल की ओर लौट रहा था.
कौफी का स्वाद
गिन्नी बकरी मजे से एक खेत में घुस कर हरी घास का आनंद ले रही थी कि तभी खेत का मालिक डंडा ले कर उस के पीछे दौड़ा. गिन्नी ने तेजी से दौड़ लगाई और सड़क किनारे खड़े ट्रक के अंदर छिप गई. उस ने कुछ ज्यादा ही घास चर ली थी, इसलिए उसे सुस्ती आ गई और वह सो गई.
धूमधाम से रावण दहन
दशहरा आने वाला था, इसलिए टीचर्स और स्टूडेंट्स हर साल की तरह स्कूल में इस खास अवसर पर आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय मे की तैयारी में व्यस्त थे. इस बार मेले की तैयारी में रामलीला मंचन की जिम्मेदारी कक्षा 3, 4 व 5वीं के बच्चों को सौंपी गई थी, तो कक्षा 6, 7 और 8वीं के बच्चों को इस बार रावण के पुतले बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी.
आए गांधी बाबा
\"बाबा, इतनी सुबहसुबह आप कहां चल दिए?\" स्काई पार्क में बैठे गांधी बाबा के क्रांतिकारी साथियों ने पूछा. वह मुसकरा दिए...