"इम्तिहान सिर पर हैं, फिर भी तुम्हें कोई चिंता नहीं है. तुम्हारा शोर दूर तक सुनाई दे रहा है,” मैम ने अंदर आते ही कहा.
कक्षा में मैम ने बताया, “तुम सभी को एकएक प्रोजैक्ट तैयार करना है. हम ने पूरे साल जो भी टौपिक पढ़े हैं, उन में से किसी पर भी मौडल बनाना है. तुम्हारे पास 10 दिन का समय है, अपनी पसंद का टौपिक चुन कर मौडल बनाओ और ध्यान रहे इस के जो मार्क्स दिए जाएंगे वे तुम्हारी अर्द्धवार्षिक परीक्षा में जोड़े जाएंगे.”
उस के बाद सभी बच्चे अपने मौडल बनाने में जुट गए. 10 दिन बाद सोनाली मैम ने बताया, "कल सब अपने अपने मौडल ले कर आएंगे और उन्हें विज्ञान की लैब में रख देना. विज्ञान के पीरियड में सभी को अपने अपने मौडल के बारे में दो मिनट बताना भी है."
अगले दिन सभी अपने अपने मौडल लैब में रख कर एसेंबली में चले गए. जब वे एसेंबली से कक्षा में लौटे तो विहान कक्षा में ही था.
“तुम आज एसेंबली में शामिल नहीं हुए ?” अमित ने पूछा.
“आज मैं लेट हो गया था तो सीधा क्लास में ही आ गया,” विहान बोला.
विज्ञान के पीरियड में सभी अपने अपने मौडल के साथ खड़े थे. सोनाली मैम भी लैब में उन का इंतजार कर रही थीं.
"आप सब ने बहुत मेहनत की है और बहुत अच्छे मौडल बनाए हैं. अब मैं बारीबारी से सब के पास आऊंगी और प्रत्येक छात्र मुझे अपने मौडल के बारे में बताएगा,” सोनाली मैम ने कहा.
सोनम को संगीत का शौक था. इसलिए वह वाद्ययंत्र 'जलरंग' बना कर लाई थी. उस ने विभिन्न स्तरों पर पानी के कटोरे भरे थे और उन्हें लकड़ी की दो इंडियों से बजा कर हर कटोरे से अलग स्वर निकाले. उस उन से 'हम होंगे कामयाब एक दिन' गाने की धुन बजा कर दिखाई.
“अरे वाह, यह तो बहुत ही अच्छा है, क्या तुम इस के बारे में कुछ बताओगी? इस में अलगअलग स्व किस तरह निकलते हैं?” मैम ने पूछा.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin July First 2023 sayısından alınmıştır.
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