शिक्षक दिवस का उपहार
Champak - Hindi|September First 2023
बिली भालू अब बूढ़ा हो गया था और पिछले कुछ दिनों से उनकी सभाएं भी बंद हो चुकी थीं. अब वे दिनभर अपने घर पर रहते थे. उन का इधरउधर घूमना पूरी तरह बंद हो चुका था. उस की वजह से पिछले दो हफ्ते से उन की तबीयत बहुत खराब थी. वह दवा ले रहे थे, लेकिन इस से उन्हें कोई खा फायदा नहीं हो रहा था.
ललित शौर्य
शिक्षक दिवस का उपहार

चंदनवन में बिली की सभाएं प्रसिद्ध थीं. वह पिछले 4 दशकों से सभा कर रहे थे और उन्हें सुनने के लिए गांव के सभी बच्चे इकट्ठे होते थे. वह बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय थे. बिली बच्चों को जंगल की रोचक कहानियां सुनाया करते थे और बिली की सेना में अधिकारी थे. बिली अपनी जंगल सेना की शौर्य गाथाएं बड़ी शान से बताते थे.

उन्होंने कई युद्ध लड़े थे और जंगल सेना की ओर से उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका था. वह अपने घर पर अकेले ही थे और उन्होंने शादी भी नहीं की थी. इसलिए वह खुद ही अपना ध्यान रखते थे.

जब से बिली की सभाएं बंद हुई थीं तब से जंगल के सभी बच्चों में अजीब सी बेचैनी थी. वे सब उन से कहानियां सुनना चाहते थे, लेकिन उन की अस्वस्थता के कारण यह संभव न था.

शिक्षक दिवस आने वाला था. हर साल जंगल के सभी बच्चे शिक्षक दिवस पर बिली का खूब सत्कार करते थे और उन्होंने आभार प्रकट करने के लिए उन्हें तरहतरह के उपहार भेंट किए.

Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September First 2023 sayısından alınmıştır.

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जो ढूंढ़े वही पाए
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जो ढूंढ़े वही पाए

अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.

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एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
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डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.

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10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.

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तरुण की कहानी
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\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.

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फौक्सी को सबक
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एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.

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November Second 2024
बच्चे देश का भविष्य
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भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.

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पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
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“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"

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अद्भुत दीवाली
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डिक्शनरी
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