उस के पास इस का कोई उत्तर नहीं था. वह चुपचाप खड़ा रहा. टीचर ने उसे डांटा. क्लास के सब जानवर उसे देख कर हंस रहे थे.
पढ़ाई में सैम की कोई दिलचस्पी नहीं थी. दोपहर में स्कूल की छुट्टी हुई तो सब बच्चे घर की ओर जा रहे थे. नन्हा सैम उदास व सब से अलग चल रहा था.
"क्या बात है सैम? तुम्हारा क्या किसी से झगड़ा हो गया जो सब से अलग चल रहे हो?" डेला हिरण ने पूछा.
"मैं सड़क पर चुपचाप चल रहा हूं, तुम्हें इस से परेशानी है?" सैम ने जवाब दिया.
"परेशानी नहीं है. सब बच्चे आपस में हंसबोल रहे हैं. तुम भी खुश हो कर हमारे साथ शामिल हो जाओ."
"मुझे उपदेश देने की जरूरत नहीं है," सैम बोला और उस ने गुस्से में आ कर अपने सिर से डेला को पीछे से टक्कर मार दी, जिस से वह गिर पड़ी.
पेप्पी सुअर ने उसे उठाया और बोला, "तुम्हें चोट तो नहीं लगी?"
"नहीं, मैं ठीक हूं. सैम को क्या हो गया है? जब देखो, यह गुस्से में रहता है," डेला ने पूछा.
पेप्पी ने कहा, "जब तुम्हें पता है तो उस के मुंह नहीं लगना चाहिए था. वह हमेशा सभी से लड़ता है और मुश्किल से स्कूल आता है."
डेला को टक्कर मार कर सैम तेजी से अपने घर की ओर बढ़ गया. हर रोज वह किसी न किसी से उलझता रहता था. जब भी कोई बात उसे परेशान करती तो वह अपनी समस्या का समाधान ढूंढ़ने के बजाय क्रोधित हो जाता था.
पेप्पी और डेला उसे सबक सिखाने की सोच रहे थे, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उस से बगैर लड़े सबक कैसे सिखाया जा सकता है. ताकत में तो वे उस से जीत नहीं सकते थे.
रविवार के दिन डेला अपने मम्मीपापा के साथ घूमने गई. रास्ते में उसे एक बहुत शानदार घर दिखाई दिया. उस की चारदीवारी मोटी स्टील की चादरों से बनी थी. वह इतनी चमकदार थी कि उस में वे अपना प्रतिबिंब देख सकते थे.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...
औपरेशन चौकलेट कुकीज
\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"