उन्होंने कुछ टीचर्स को स्टैज पर एक नाटक की रिहर्सल करते हुए देखा और तभी अचानक उन के स्पोर्ट्स टीचर दिखावटी गुस्से में उन पर चिल्लाए, “तुम लोग यहां क्यों रुके हो? तुम को रिहर्सल नहीं देखनी चाहिए.”
बच्चे हंसते हुए वहां से कक्षा की ओर भाग गए. उन्होंने अपने बैग उठाए और स्कूल बस में चढ़ गए.
"ऐसा लगता है कि हमारे टीचर बाल दिवस के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं," सुमन ने कहा.
"हमारे लिए हैरानी की बात है कि कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे,” कहते हुए रीता और जानवी उत्साह से अपनी सीट पर कूद पडीं.
जब वे घर पहुंचे तो सुमन के 6 वर्षीय भाई सुजीत ने उस से पूछा, "ऐसी क्या बात है, जिसे ले कर तुम सभी खुश थे?”
“14 नवंबर को बाल दिवस है और हमारे टीचर इसे हमारे लिए एक उत्सव बनाएंगे,” सुमन ने उत्साहित होते हुए जवाब दिया.
"बाल दिवस क्या होता है?”
“हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का यह जन्मदिन है, क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था, से इसलिए इसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है."
सुजीत ने एक पल के लिए सोचा फिर अचानक बोला, “क्या कृष्णराधा शिक्षकों को पसंद करते थे?”
सुमन हैरान दिखने लगी थी. उस के बाद वह हंस पड़ी और सुजीत के बाल सहलाते हुए बोली, “अरे हां, तुम्हारा मतलब राधाकृष्णन से है? हां, वे एक प्रसिद्ध शिक्षक थे और उन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है."
“तुम्हारी क्लास और दूसरी कक्षाओं के बच्चों ने शिक्षक दिवस पर हमारे शिक्षकों के लिए नाटक प्रस्तुत किया और नृत्य किया था, है न?” सुजीत ने पूछा.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin November First 2023 sayısından alınmıştır.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.