इस वर्ष बर्फबारी जल्दी शुरू हो गई थी. नरम रोएंदार बर्फ हर जगह झाड़ियों, पेड़ों, पहाड़ियों, पगडंडियों, सड़कों, खिड़कियों और छतों को ढके हुए थी. बर्फ के फोहों पर पड़ती सूरज की किरणों से एक सुंदर शीतकालीन वंडरलैंड दिखता था.
हर कोई अपनी तैयारी में व्यस्त था. रूबी खरगोश और उस के परिवार ने गहरे बिल खोदे और उन में गाजर, डब्बे और अचार इकट्ठा किया था. फैन्नी लोमड़ी ने अपने स्टोररूम में खाना, लकड़ी, तेल, मेवे और किताबें भर कर सुनिश्चित कर लिया था. उस ने एक नया गद्दा और कुछ तकिए भी खरीदे थे.
पैम बेजर ने सुगंधित मोमबत्तियां और अपनी दादीमां के लिए ढेर सारे धागे और ऊन खरीदी. दादीमां को कंबल बुनना बहुत पसंद था जबकि वे सभी सर्दियों में लंबे समय तक लोककथाएं सुनाती रहती थीं. उस ने दादाजी को भी एक नया ट्रेडमिल दे कर भौंचक्क कर दिया. दादाजी को अपना इंडोर जिम बहुत पसंद था.
“भोजन की तलाश या खेलने के लिए कंपकंपाती ठंड और हवा में कौन बाहर जाना चाहता है? तुम तो खुद को व्यस्त रखने के लिए खाना और खेलों के स्टौक को जमा करने में लग जाते हो,” लिमो गिलहरी ने कहा.
“सर्दी ऊर्जा बचाने और संरक्षण के लिए है, व्यायाम करने के लिए नहीं,” मट्टो भालू ने कहा, के ने जबकि उस ने सर्दियों सोने की योजना बनाई थी. मट्टो ने यह सुनिश्चित किया था कि उस के पास सुरक्षा के लिए ताले और कोड्स थे. उस ने चोर जिंबा स्नोलेपर्ड के बारे में अफवाहें सुन रखी थीं. वह हमेशा अपने मुंह में चाकू छिपा कर ने रहता था.
रौक्सी गिलहरी जो अपने गालों में मुंह भर कर मोटे तौर पर 7 मेवों को बड़ी चतुराई से दबाए हुए इधरउधर भाग रही थी, यह सुन कर अपने रास्ते पर रुक गई. “तुम कैसे जानते हो कि वह अपने मुंह में चाकू दबाए हुए चलता है?”
“मैं ने स्वयं अपनी आंखों से उसे देखा है," मट्टो याद कर सिहर उठा.
“लेकिन तुम तो सर्दियों में हमेशा सोते रहते हो. फिर तुम ने कैसे देखा?” सन्नी हिरण ने मट्टो पर एक स्नोबौल फेंकते हुए कहा. मट्टो ने चालाकी से चकमा देते हुए कहा, “यह
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin December First 2023 sayısından alınmıştır.
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मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"