“सब से ऊपर केसरिया रंग और नीचे तल पर हरा रंग रखो,” दीया ने अका को समझाते हुए कहा.
“केसरिया रंग वीरता यानी पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है, सफेद का मतलब शांति और हरा रंग उन्नति दर्शाता है. झंडे के मध्य में स्थित नीला चक्र न्याय का प्रतिनिधित्व करता है,” दादाजी ने उन्हें ' भुने मीठे आलू एक कटोरी में देते हुए कहा.
“क्या दिल्ली बहुत दूर है?" अका ने अचानक पूछा.
“अगर तुम मानचित्र में देखोगी तो हम भारत के पूर्वी भाग में यहां पर हैं,” दीया ने दादाजी की एटलस बुक की ओर इशारा करते हुए कहा. "देखो, दिल्ली तो यहीं पर है. इंडिया गेट मध्य यानी सेंट्रल दिल्ली में है, जहां प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड होती है,” उस ने मानचित्र पर उंगली रखते हुए कहा.
" 26 जनवरी को ही क्यों?” अका ने शकरकंद का छिलका उतारते हुए पूछा.
"मुझे इस का जवाब देने दो,” दादाजी ने कहा, "स्वतंत्रता दिवस अंग्रेजी शासन से हमारे देश के स्वतंत्र होने का दिन है और हर साल इसे 15 अगस्त को मनाया जाता है," उन्होंने विस्तार से समझाया.
“मैं जानती हूं, हमें 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई,” दादाजी मुसकराए और उन्होंने कहना जारी रखो, “अब स्वतंत्रता के बाद हमें स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देश को चलाने के लिए अपने खुद के नियमकानून बनाने होंगे. इसलिए भारतीय संविधान बनाया गया. वह नियम पुस्तिका भारतीय संविधान के रूप में 26 जनवरी, 1950 को प्रभाव में आ गई. इस के भारत में मुख्य कानून और व्यवस्था के लिए हमारे अपने नियमों का पालन किया जाने लगा."
अका और दीया दोनों ने अपने सिर हिला दिए.
“इसलिए गणतंत्र दिवस वह दिन है, जब भारत का संविधान लागू हुआ. पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में हुई थी,” दीया ने उत्साहित हो कर कहा.
"चूंकि वह पहला गणतंत्र दिवस था,” अका अपने आलू समाप्त करते हुए मुसकराई.
अचानक तभी दरवाजे पर दस्तक हुई. यह उन का कजिन अजीत था, जो पूरी तरह भीग गया था. हमेशा की तरह बाहर बारिश हो रही थी. चेरापूंजी में पूरे साल बारिश होती है. यह दुनिया का सब से ज्यादा नमी वाला प्रदेश है, क्योंकि यहां सब से ज्यादा वर्षा होती है.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin January Second 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin January Second 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.