सोसायटी के अध्यक्ष एल्मो हाथी ने हेमा घोड़े को खेल गतिविधियों के आयोजन का प्रभारी बनाया था. उन के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद चट्टानों, लकड़ियों और पेड़ों की अधिकता के कारण एक लंबी ट्रैक रेस का आयोजन करना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि लंबे ट्रैक के लिए जगह ही नहीं थी.
इस साल हेमा ने एक किलोमीटर लंबा गोल ट्रैक बनाया था. इस के बीच में झाड़ियां, पत्थर व पेड़ थे.
फिर भी छाया चीता, हौली हिरन, रीना खरगोश और जौली जेबरा आदि बहुत से बच्चे इस में प्रतिदिन दौड़ कर अभ्यास कर रहे थे.
इस दौड़ को ले कर सभी में जोश था, क्योंकि इतनी लंबी दौड़ वन में पहली बार हो रही थी और इस में जीतने वाले को मैडल के साथ बड़ी धनराशि भी मिलने वाली थी. इस ने प्रतियोगिता को बहुत ही रोमांचक बना दिया था.
यों तो जौली जम कर अभ्यास कर रही थी, पर फिर भी उसे लग रहा था कि छाया, हौली और रीना से जीतना कठिन था. उस का दौड़ जीतना बहुत जरूरी था और दौड़ जीतने के लिए उस ने एक उपाय सोचा.
प्रतियोगिता वाला दिन आ गया. सभी प्रतियोगी अपने अपने स्थान पर तैयार खड़े थे. सब से अधिक उत्साह जौली में दिखाई दे रहा था. जैसे ही दौड़ शुरू हुई वह ताकत लगा कर सब से आगे निकल गई. थोड़ा दूर दौड़ने के बाद जौली ने ट्रैक छोड़ दिया और बीच के पथरीले व झाड़ियों वाले इलाके में दौड़ने लगी. कुछ देर बीच में दौड़ने के बाद वह वापस ट्रैक पर आ गई. बाकी प्रतियोगी उस से बहुत पीछे थे. जौली ने तेजी से दौड़ कर फिनिश लाइन को पार कर दौड़ जीत ली.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin February First 2024 sayısından alınmıştır.
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मानस और बिल्ली का बच्चा
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