जीरो की 100 तक की यात्रा
Champak - Hindi|February Second 2024
सुंदरवन के जीरो नाम का जेबरा में स्कूल एक पढ़ता था. जीरो गणित विषय में कमजोर था और वह हर बार फेल हो जाता था...
सतीश राय
जीरो की 100 तक की यात्रा

अगले महीने यूनिट टेस्ट होने वाले थे और जीरो इसे ले कर चिंतित था, 'कहीं इस बार भी गणित में मैं फेल न हो जाऊं?'

देखतेदेखते परीक्षा शुरू हो गई. गणित को छोड़ कर जीरो के सभी विषयों के पेपर अच्छे हुए थे और थे रिजल्ट का दिन भी आ गया. जीरो को जिस का डर था वही हुआ.

"जीरो, तुम दोबारा गणित में फेल हो गए हो," क्लास टीचर रीना मैडम ने रिपोर्ट कार्ड दे कर कहा.

जीरो उदास हो गया. रिपोर्ट कार्ड ले कर वह चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गया. उस के सहपाठी मफी बंदर, गिनी हिरण और जिग्गी हाथी उस का मजाक उड़ाते हुए हंसने लगे, "जीरो, जैसा तुम्हारा नाम है वैसे ही तुम्हारे नंबर भी आए हैं." 

छुट्टी की घंटी बजने के बाद भी जीरो अपनी सीट पर ही बैठा रहा. उस की आंखों से आंसू बह रहे थे.

तभी किसी ने जीरो की पीठ पर हाथ रखा. जीरो ने मुड़ कर देखा तो पीछे स्कूल के प्रिंसिपल रोमी भालू खड़े थे.

"जीरो, तुम रो क्यों रहे हो? घर नहीं जाना क्या?" रोमी ने पूछा.

Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin February Second 2024 sayısından alınmıştır.

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