सभी शोकेस आकर्षक गिफ्टों से भरे हुए थे. वहां मुलायम, रोएंदार खिलौने, बैग, किताबें, बढ़िया पोशाकें, टोपी स्वेटर, मग पतलून और कई अन्य चीजों की काफी वेराइटियां थीं. गिफ्ट की दुकानों पर ग्रीटिंग कार्ड के लिए काफी भीड़ थी, लेकिन टोयी के लिए वे उतने दिलचस्प नहीं थे, कम से कम उस की दादी मां के लिए तो उपयुक्त नहीं ही थे.
टोयी अपने मम्मीपापा के साथ टोरंटो शहर में रहती थी. यह स्थान पटना से बहुत दूर है, जहां उन की दादी मां आम के पेड़ों से घिरे घर में रहती थीं. टोयी दो साल में एक बार उन से मिलने जाती थी, लेकिन उस बूढ़ी महिला के साथ उस का एक खास रिश्ता था. वह अपनी सहेलियों से कहती थी, "मेरी अम्मां, जो मेरी दादी हैं, मेरी अच्छी दोस्त हैं. वह मेरी सभी फरमाइशें पूरी करती हैं, यहां तक कि वे भी जो मेरे मम्मी पापा पूरी नहीं करते," उस की क्लास की नीली आंखों वाली लड़की लिसा ने उस से पूछा, "ऐसा लगता है कि तुम उन से बहुत प्यार करती हो. क्या तुम महिला दिवस पर उन के लिए कोई अच्छा उपहार नहीं खरीद रही हो?" यह सुन कर उस के मन में एक विचार आया. टोयी दादीमां के लिए एक बहुत ही खास उपहार खरीदेगी और एयरमेल से उन्हें भेजेगी.
वह रविवार को उपहार मार्ट 'ग्लासीस्ट्रीट' गई. उस की मम्मी डिस्प्ले किए विभिन्न उपहारों को देखने के लिए उस के साथ गई, लेकिन वह कोई भी नहीं चुन सकी.
टोयी के पापा परेशान हो गए. वे बोले, "टोयी, तुम जल्दी से अम्मां के लिए कुछ क्यों नहीं ढूंढ़ लेती? अगर तुम ने अभी कोई उपहार नहीं चुना, तो हमें घर लौटने में देर हो जाएगी."
"सौरी पापा, उन में से कोई भी उतना खास नहीं है, जितना कि मैं चाहती हूं," टोयी ने निराश हो कर कहा.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin March First 2024 sayısından alınmıştır.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.