धब्बों और धारियों वाली पन्ना जैसी हरी चमकदार त्वचा के कारण उसे पहचानना लगभग असंभव हो जाता था. वह बहुत प्यारी थी, लेकिन अकेली थी. जानवरों की भाषा में पीरी का मतलब खतरनाक होता है, लेकिन पीरी नुकसानदेय सांप नहीं थी. उस ने कभी किसी पर हमला करने या परेशान करने के बारे में नहीं सोचा था.
वह दूसरे जानवरों से सिर्फ बात करने या उन्हें अपना दोस्त बनाने के बारे में सोचती थी, लेकिन जंगल के सभी जानवर उस का रूप देख कर ही डर जाते थे. वे सोचते थे कि अगर वे उस के पास जाएंगे तो पीरी उन्हें निगल लेगी.
एक दिन सफेद खरगोश बरगद के पेड़ के पास, जो पीरी का घर था, फुदक रहा था. पेड़ के नीचे हरी की घास उगी थी. हमेशा की तरह पीरी ने सुबह ताजी हवा का आनंद लेने के लिए खुद को एक शाखा के चारों ओर लपेट लिया था. उस ने जब खरगोश को देखा तो उसे बुलाया, " खरगोश भाई, क्या हम दोस्त बन सकते हैं? मैं तुम्हारे साथ खेलना चाहती हूं,” खरगोश ने यह सुन कर डर से कांपते हुए उसकी ओर देखा. वह बड़बड़ाते हुए बोला, 'मैं अजगर से दोस्ती नहीं कर सकता. मैं कोई मूर्ख थोड़े ही हूं. मैं जानता हूं कि तुम मुझे खा जाओगी.' इस से पहले कि पीरी कुछ कह पाती, खरगोश झाड़ियों में भाग गया.
अगले दिन पीरी बरगद की दूसरी शाखा पर आराम कर रही थी. सूरज की किरणें उस के चमकदार शरीर को चुभ रही थीं और उसे गरम कर रही थीं. वह दोस्ती करने के लिए लालायित थी. उस ने लाल और पीले रंग के एक जंगली मुर्गे को जंगल में भटकते मीठी घास की तलाश करते हुए देखा, जो केवल बरगद के पेड़ के नीचे उगती थी.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin March Second 2024 sayısından alınmıştır.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.