"तुम भी इस के अभ्यस्त हो जाओगे,” राजुल लोमड़ हंस कर बोला. "इस तरह बहुत मजा आता है. हमारा पहला पीरियड अकसर मिस हो जाता है."
"इस तरह हमें झूला झूलने के लिए ज्यादा समय मिलता है, जब हम दोपहर को देर होने पर अपनी बस का इंतजार करते रहते हैं,” मिफी बिल्ली बोली.
जिग्गी भूखा था. उस ने अपने लंच बौक्स से मोजारेला चीजस्टिक निकाली और बस का इंतजार करते हुए उसे खाने लगा. उस ने देखा तो बड़े बच्चे अपना होमवर्क कर रहे थे. कुछ अपने टैस्ट की अचानक तैयारी करने लगे थे, जिस से जिग्गी को भी अपने विज्ञान के टैस्ट की याद आ गई.
उस ने अपनी विज्ञान की किताब निकाली और पढ़ना शुरू कर दिया. अचानक उस के पेट से गड़गड़ाहट की आवाज आने लगी. उस ने इसे नजरअंदाज कर दिया और 'पाचनतंत्र शीर्षक वाले अध्याय को देखा.
राजुल ने मुसकराते हुए कहा, “पाचनतंत्र बिलकुल भी कठिन नहीं है, बस, याद रखें, पाचनतंत्र उस भोजन से शुरू होता है जिसे चबाने के लिए हम अपने मुंह में डाल कर दांतों और जीभ का उपयोग करते हैं. जीभ में स्वाद कलिकाएं होती हैं, जो हमें बताती हैं कि खाना स्वादिष्ठ है कि नहीं.'
"अगर यह नमकीन, मीठा, खट्टा या कड़वा है," मिफी ने इस में जोड़ा.
"मुझे मोजारेला चीजस्टिक बहुत पसंद है. मैं मोजारेला पनीर का एक टावर खा सकता हूं,"
जिग्गी ने कहा और उस के पेट से गड़गड़ाहट की आवाज आई, जिसे उस ने फिर से नजरअंदाज कर दिया.
अब स्कूल बस आती दिखाई दी और वे सभी तुरंत लाइन बना कर उस में चढ़ गए.
जिग्गी पीछे की आखिरी सीट पर बैठा. उस ने कुछ मोजारेला चीजस्टिक खाते हुए पढ़ना शुरू किया.
जल्दी ही उसे झपकी आ गई. स्कूल पहुंचने पर जब बस अचानक झटके से रुकी तो उस की नींद खुली.
उस के पेट से फिर वही गड़गड़ाहट वाली अजीब सी आवाज आई. उसे पेट में जकड़न महसूस हुई लेकिन वह कक्षा में चला गया. उस ने कक्षा से हंसीमजाक की खुशनुमा आवाज आती सुनी. विज्ञान की टीचर मिस बस्सी नहीं आई थीं. इसलिए आज कोई टैस्ट नहीं होना था, हुर्रे....
उन के बदले मैम मिस पाम कंगारू क्लास लेने आईं. क्लास में मूवी देखने के लिए सभी ने उन्हें परेशान कर दिया.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin March Second 2024 sayısından alınmıştır.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.