"पूछो मत भैया, बड़े बुरे हाल हैं. ऐसा लगता है सारी समझदारी हमारे जंगल में ही आ गई है. आजकल किसी को धोखा देना असंभव है. अब जब कोई हमारे जाल में फंसेगा ही नहीं तो हम जैसे जानवरों की रोजीरोटी कैसे चलेगी?" टिन्नी ने दुख प्रकट किया.
"बहन, तुम ने बिलकुल ठीक कहा. हमारी हालत खराब है. अगर यही हाल रहा तो मेरा बैंड बजना तय है," जोजो बोला.
जब वह दोनों आपस में बातें कर रहे थे तभी सामने से बंटी बंदर आता हुआ दिखा. उस ने उन दोनों की बातचीत सुन ली थी.
बंटी बोला, "इस तरह हिम्मत हारने से कुछ नहीं होगा. मेरे पास एक अच्छा आइडिया है, यदि तुम चाहो तो इसे अपना कर अपने बिजनैस को शुरू कर सकते हो. यह आसान है, तुम्हें बस एक छोटा सा काम करना होगा, बाकी सब मैं संभाल लूंगा. इस काम के बदले तुम्हें ढेर सारा पैसा मिलेगा," कहते हुए बंटी ने अपनी स्कीम बताई.
कम से कम काम कर के ज्यादा पैसा कमाने के आइडिया से सहमत होने पर टिन्नी और जोजो को उस ने गुप्त स्थान पर ले जा कर मिशन शुरू किया.
अगले दिन एक टूटी साइकिल के पीछे बैठे टिन्नी ने पुकारा, "भगवान के नाम पर कृपया कुछ दे दो," लंगड़ा हुआ चल रहा था. उस ने राहगीरों की तरफ हाथ बढ़ा कर भीख मांगी.
"क्या हुआ, तुम दोनों इस तरह दुखी और परेशान क्यों नजर आ रहे हो ? टिन्नी के पांव में प्लास्टर क्यों बांधा हुआ है?"
रास्ते में आनेजाने वाले सवाल पूछने लगे तो जो उन से रोनी सूरत बना कर बोला, "ऐक्सीडेंट में इस बेचारी बच्ची की टांग टूट गई है, इसलिए यह चलफिर नहीं सकती, मेरी जान भी जातेजाते बची है. हम दोनों से कोई कामकाज नहीं होता, इसलिए मजबूरी में भीख मांगनी पड़ रही है."
जोजो की मनगढ़ंत कहानी सुन कर राहगीरों का मन पिघल जाता और वे जेब से पैसे निकाल कर दे देते. शाम होने तक दोनों के पास अच्छेखासे पैसे आ जाते थे. उन पैसों से दोनों खूब गुलछर्रे उड़ाते.
एक दिन हमेशा की तरह टिन्नी और जोजो बाजार में भीख मांगते जा रहे थे. तभी सामने से पुलिस इंस्पैक्टर डिंगो हाथी ने उन्हें रोक लिया.
"इन को यहीं रोके रखो, हमें इन दोनों की गतिविधियां संदिग्ध लग रही हैं, " डिंगो ने कहा तो वे घबरा गए.
"लेकिन हमारी तलाशी क्यों? हम भिखारियों के पास भला क्या मिलेगा इंस्पैक्टर?" हिम्मत जुटा कर जोजो पूछा.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin March First 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin March First 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.
बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, \"मेरे पास वयस्कों के लिए भले ही समय न हो, लेकिन बच्चों के लिए पर्याप्त समय है.\"
दीवाली पोस्टर प्रतियोगिता
\"अरे जंपी, मैं ने सुना है कि हरितवन के राजा दीवाली पर बच्चों के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं,\" चीकू खरगोश ने जंपी बंदर से कहा.
डागाजी की पटाखा दुकान
\"तुम हर दुकान पर जा कर पटाखों की कीमत क्यों पूछ रहे हो, विदित? तुम्हारे पापा ने तुम्हारे लिए पहले ही हजार रुपए के पटाखे खरीद लिए हैं, चलो, मुझे अभी दीये और मिठाई भी खरीदनी है,\" विदित की मां ने झल्लाते हुए कहा.
मोबाइल वाला चूहा
रिकी चूहा अपने बिल से बाहर निकला और किसी काम के लिए चल पड़ा. कैटी बिल्ली ने उसे देखा और पकड़ने के लिए दौड़ी, लेकिन रिकी उस से ज्यादा स्मार्ट निकला.
हैलोवीन कौस्ट्यूम पार्टी
नंदू हैलोवीन पार्टी के लिए सोहम के घर पहुंचने वाला पहला व्यक्ति था.
सीधा सादा सौदा
मणि ने जब उसने हौल में प्रवेश किया तो था 'को अपने दोस्तों के साथ बहस करते हुए सुना.
आइए, रोबोटिक्स मार्बल्स से मिलिए
वेआम किशोरों की तरह देख सकते हैं, लेकिन 10 बच्चों की यह टीम हाईस्कूल के छात्रों के लिए दुनिया की सब से रोबोटिक्स चुनौती है. 13 से 17 वर्ष की उम्र के प्रत्येक सदस्य ने 26 से 29 सितंबर को एथेंस ग्रीस में संपन्न हुए फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज (एफजीसी) में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया.