अभी टौमी यह सोच ही रहा था कि पेन्नी मुसकराते हुए कहा, “टौमी, यह लो, मैं ने कपकेक्स बनाए हैं. मैं ने कुछ ही दिन पहले बेकिंग क्लासेस ज्वाइन की थी. सोचा अब घर पर भी अपने हाथों से कुछ बना कर देखा जाए. इसलिए ये कपकेक्स बनाए हैं. खा कर बताना, कैसे हैं," यह कह कर पेन्नी ने कपकेक्स का डब्बा टौमी के हाथ में पकड़ा दिया और फिर वहां से चली गई.
बेचारा टौमी इतना हैरान था कि उस ने पेन्नी को धन्यवाद भी नहीं दिया, पर वह मन ही मन बहुत खुश था. उस ने डब्बा खोल कर देखा. 1,2,3,4,5 पूरे 20 कपकेक्स थे, जो दिखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ठ लग रहे थे.
"मैं इतने सारे कपकेक्स अकेला नहीं खाना चाहता. इन बहुत बटर और चीनी होती है. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं. मैं अपने सारे मित्रों को बुला लेता हूं, फिर हम सब मिल कर यह केक खाएंगे. बड़ा मजा आएगा."
टौमी ने अपने कुछ मित्रों को फोन कर दिया. संयोगवश छुट्टी का दिन था. शीघ्र ही सब आ धमके. कपकेक्स देख कर सब के मुंह में पानी आ रहा था.
"वाह, मुझे तो ये बहुत स्वादिष्ठ लग रहे हैं,” सौफ्टी खरगोश ने कहा.
"मुझे तो इन का रंगरूप ही बहुत सुंदर लग रहा है," नीरू नेवला बोला.
"और इन की खुशबू के क्या कहने? मैं तो रास्ते से गुजर रहा था कि इन की खुशबू पा कर ही दौड़ा चला आया,” डेजी हिरण ने कहा.
"ठीक है, अब पार्टी शुरू करते हैं," टौमी ने कहा और झट से एक कपकेक उठा कर खाना शुरू किया.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin April First 2024 sayısından alınmıştır.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.