"मैं इस के इस्तेमाल के लिए इंतजार नहीं कर सकता,” समुद्रतट रिसौर्ट में अपने सप्ताहांत के लिए उत्साहित अखिल ने कहा.
निशा और निखिल भाईबहन थे और मैंगलोर में रहते थे. अखिल उन का चचेरा भाई था, जो रांची से उन से मिलने आया था. अखिल समुद्रतट पर घूमने गया था, लेकिन कभी भी समुद्रतट रिसौर्ट में नहीं रुका.
शनाया समुद्रतट वाली यानी बीच टैंट ला रही है, है न? मैं उस का भी लगाने के लिए इंतजार नहीं कर सकता. शनाया उन की दोस्त और पड़ोसी थी, जो यात्रा पर उन के साथ थी.
“अब सो जाओ, बच्चो, हम ट्रैफिक से बचने के लिए कल जल्दी निकलेंगे." उन के मम्मीपापा ने अंदर झांक कर कहा और बच्चों ने खुशी से शुभरात्रि कहा.
अगली सुबह वे शनाया को ले कर निकल पड़े और नाश्ते के लिए एक भोजनालय पर रुके.
अखिल ने अपने होंठों पर जीभ फिराई और अपना नाश्ता करने लगा. जब से वह मैंगलोर आया था, उसे स्थानीय कडाबुस बहुत पसंद था, जो कटहल या केले के पत्तों में पकाई गई इडली थी और मैंगलोर बन्स, जो खूब तले हुए मीठे बन्स थे, जिन्हें मसालेदार करी और चटनी के साथ खाया जाता था.
समुद्रतट रिसौर्ट वहां से तीन घंटे की दूरी पर था और सुंदर ड्राइव ज्यादातर समुद्र के किनारे थी. निशा को नजारे पसंद थे, क्योंकि उसे प्रकृति से प्यार था. उस ने अपनी आंखें दृश्यों पर टिकाए रखीं, ऐसा ही शनाया ने भी किया. लेकिन निखिल गैजेट का शौकीन था और अखिल के साथ फोन पर अपना पसंदीदा गेम खेलता था. उस की मम्मी ने इस का विरोध किया, लेकिन 5 मिनट बाहर देखने के बाद उस ने और अखिल ने फिर अपना खेल जारी रखा.
जल्दी ही वे अपने रिसौर्ट की ओर जाने वाले समुद्रतट पर थे. उन्होंने कई झोंपड़ियां देखीं, यह एक आम दृश्य था जो समुद्रतटों के पास देखे जा सकते हैं. झोंपड़ियों के साथसाथ छोटेछोटे घर भी थे, जिन में बच्चे इधरउधर भाग रहे थे और महिलाएं बाहर बैठी थीं. वे बरतन और कपड़े धो रही थीं.
निशा ने बस की खिड़की से बाहर टंगे कपड़ों की एक पंक्ति देखी जो एक जैसे चमकीले और डिजाइन वाले थे, लेकिन अलगअलग आकार के थे.
'हो सकता है कि वे एक ही परिवार के सदस्यों के हों. उन सभी को एक ही जैसे रंग का कपड़ा मिला , होगा, उस ने सोचा.
उस ने रेत पर मछली पकड़ने वाले कई जाल और उन के चारों ओर बहुत सारी गतिविधियां देखीं.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin August First 2024 sayısından alınmıştır.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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