इन खेतों के बीच में घर हैं, जहां खेतों के मालिक और उन के परिवार रहते हैं. अंबालूर मुख्य शहर से काफी दूर होने से यहां अकसर डकैती की छोटेमोटी घटनाएं होती रहती हैं. इसलिए खेत की मालकिन मरियम्मा जो हाल ही में अंबालूर चली गई थी. उस ने सुरक्षा के लिहाज से एक कुत्ता पालने का फैसला किया. इसी वजह से पैथोज मरियम्मा के घर रहने आ गया. जब वह पहली बार आया था तो एक छोटे से पिंजरे में रहने वाला एक पिल्ला था. पैथ्रोज मरियम्मा, बच्चों और दादी के साथ खेलते हुए बड़ा हुआ.
शुरू से ही पैथ्रोज ने मरियम्मा के बेटे उन्नी के साथ एक खास तरह का बंधन बनाया. उन्नी को जानवरों से बहुत लगाव था और पैथ्रोज के साथ उस ने हमेशा नम्रता का व्यवहार किया. वह हमेशा पिल्ले के साथ खेलता था, उसे सैर पर ले जाता था और छोटीछोटी बातें सिखाता था. पैथ्रोज को उन्नी का साथ काफी पसंद था और वह हर जगह उस का पीछा करता था.
हालांकि पैथोज अन्य कुत्तों से एकदम अलग था. वह लगभग वैसा ही था जिस का वे अकसर 'कायर' के रूप में वर्णन करते थे यानी उसे वे डरपोक कहा करते थे. वह हर चीज से डरता था जैसे पत्तों की आवाज, झाड़ियों, गिरगिट और यहां तक कि मरियम्मा के साथ दूर उन के खेतों में जाने से भी डरता था, लेकिन उन्नी ने कभी भी पैथ्रोज का मजाक नहीं उड़ाया, जबकि परिवार के सदस्य, पड़ोसी और यहां तक कि किको बिल्ली भी अकसर पैथोज को चिढ़ाती थी, उन्नी हमेशा उस का बचाव करता था.
"पैथ्रोज सब से खास है," उन्नी कहता था. "वह हुआ हो सकता है, लेकिन किसी दिन उसे अपना साहस मिल जाएगा."
एक दिन उन्नी अपनी गाय अम्मीनी को पैथ्रोज के साथ खेतों में चराने ले गया था. पैथ्रोज चंचलतापूर्वक गाय के चारों ओर दौड़ रहा था. वह उस का खाना लेने और उसे थपथपाने की कोशिश कर रहा था. पहले तो अम्मीनी ने सब्र किया, लेकिन जब उस ने एक बार फिर उस के घास को छुआ तो उस ने जोर से रंभाना शुरू कर दिया और उसे लात मार दी. पैथोज जितनी तेजी से भाग सकता था भागा, लेकिन बेचारे उन्नी को गाय द्वारा लात मार दी गई. पैथ्रोज ने दूर से झांक कर देखा कि उन्नी ठीक है और जब उस ने उन्नी को खड़ा देखा तो उस ने राहत महसूस करते हुए अपनी पूंछ हिलाई.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin September First 2024 sayısından alınmıştır.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
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बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
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