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![नेटाफिम : सिंचाई की उन्नत तकनीक नेटाफिम : सिंचाई की उन्नत तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/863513/28Xaaalpj1644320890649/crp_1644323998.jpg)
नेटाफिम : सिंचाई की उन्नत तकनीक
अच्छी उपज लेने के लिए खेत में अच्छे खादबीज के साथसाथ सही समय पर सही सिंचाई का होना भी बहुत जरूरी है. कई फसलों को ज्यादा पानी की दरकार होती है, तो कई फसलें ऐसी हैं, जो कम पानी में भरपूर उपज देती हैं.
![पशुपालकों के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना पशुपालकों के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/863513/9fo0DnC-z1644323474818/crp_1644324000.jpg)
पशुपालकों के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना
यह योजना पशुपालकों की आमदनी को ध्यान में रख कर बनाई गई है. योजना के तहत पशुपालक को ऋण यानी कर्ज का केवल 4 फीसदी के हिसाब से भुगतान करना होगा, वहीं ऋण का समय पर भगुतान करने पर 3 फीसदी ब्याज दर का अनुदान भी मिलेगा. पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों को बढ़ावा भी दिया जा रहा है.
![जाडे की अति वर्षा से खेती को हुए नुकसान और उस की भरपाई जाडे की अति वर्षा से खेती को हुए नुकसान और उस की भरपाई](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/863513/AXbKvZtKL1644322710856/crp_1644323993.jpg)
जाडे की अति वर्षा से खेती को हुए नुकसान और उस की भरपाई
रबी की खेती किसानों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होती है. इसी से उस के सारे काम व विकास निर्धारित होते हैं. इन दिनों अच्छीखासी ठंड होती है और अगर बारिश हो जाए तो कहीं तो ये फायदेमंद होती है, लेकिन कई दफा ओला गिरने आदि से फसल को बहुत ज्यादा नुकसान होता है. किसानों की मेहनत और कीमत दोनों ही जाया हो जाती हैं.
![कीट व रोग से करें सरसों फसल की सुरक्षा सुरक्षा कीट व रोग से करें सरसों फसल की सुरक्षा सुरक्षा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/863513/HNSy1HYFA1644322124884/crp_1644323992.jpg)
कीट व रोग से करें सरसों फसल की सुरक्षा सुरक्षा
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के सेवानिवृत्त प्राध्यापक (कीट विज्ञान) व अध्यक्ष डा. रवि प्रकाश मौर्य ने सरसों की खेती करने वाले किसानों को सलाह दी है कि इस समय सरसों में माहू यानी चंपा कीट मुख्य रूप से लगने का ज्यादा डर रहता है, इसलिए उन्हें उस की रोकथाम पर ध्यान देना जरूरी है.
![औटोनोमस ट्रैक्टर दुनिया का ऐसा पहला ट्रैक्टर, जो खुद ही चलेगा औटोनोमस ट्रैक्टर दुनिया का ऐसा पहला ट्रैक्टर, जो खुद ही चलेगा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/863513/Txy7YwOxO1644323262448/crp_1644323991.jpg)
औटोनोमस ट्रैक्टर दुनिया का ऐसा पहला ट्रैक्टर, जो खुद ही चलेगा
जॉन डियर कंपनी ने हाल ही में विदेश में अपना खुद चलने वाला औटोनोमस ट्रैक्टर प्रदर्शित किया है.
![हरित क्रांति (श्वेत क्रांति) बनाम गुलाबी क्रांति हरित क्रांति (श्वेत क्रांति) बनाम गुलाबी क्रांति](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/29kfFeeoe1643717429414/crp_1643797257.jpg)
हरित क्रांति (श्वेत क्रांति) बनाम गुलाबी क्रांति
यदि हम आजादी के बाद कृषि इतिहास की ओर नजर घुमाएं तो इस हकीकत को मानना पड़ेगा कि नेहरू युग के अंतिम साल में खाद्यान्न को ले कर देश में संकट इसलिए बढ़ा, क्योंकि केंद्र की पंचवर्षीय योजनाओं में कृषि पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया था. इस वजह से राज्यों में दंगे शुरू हो गए थे. अमेरिकी नीति 'फूड एंड पीस' के हिस्से के तौर पर उस समय भारत में पीएल 480 अनाज का सहारा लिया गया था.
![मिट्टीपानी की जांच कराएं कम लागत में अधिक मुनाफा पाएं मिट्टीपानी की जांच कराएं कम लागत में अधिक मुनाफा पाएं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/aqwi6keS61643715257685/crp_1643796870.jpg)
मिट्टीपानी की जांच कराएं कम लागत में अधिक मुनाफा पाएं
समयसमय पर किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि मिट्टी जांच से मिलने वाले नमूने के आधार पर अपनी खेती में जरूरी खाद, उर्वरक, बीज आदि की मात्रा तय कर सकें. ऐसा करने से किसानों को अपने खेत में अंधाधुंध खाद, उर्वरक देने से नजात तो मिलेगी ही, बल्कि खेत की मिट्टी को सही पोषक तत्त्व सही मात्रा में मिल सकेंगे.
![फार्म एन फूड अवार्ड ने किसानों का बढ़ाया हौसला फार्म एन फूड अवार्ड ने किसानों का बढ़ाया हौसला](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/o5N8YSXQH1643716082170/crp_1643796237.jpg)
फार्म एन फूड अवार्ड ने किसानों का बढ़ाया हौसला
फार्म एन फूड पत्रिका देश के किसानों को न केवल खेतीकिसानी से जुड़ी जानकारी मुहैया कराती है, बल्कि आम बोलचाल की भाषा में यह पत्रिका खेतीबारी की नई तकनीकी, बागबानी, पशुपालन, कुक्कुटपालन, मत्स्यपालन, डेरी व डेरी उत्पाद, फूड प्रोसैसिंग, खेती वगैरह से जुड़ी मशीनों सहित खेत से बाजार सहित ग्रामीण विकास और किसानों की सफलता की कहानियों और अनुभवों को अन्नदाता किसानों तक अपने लेखों और समाचारों के जरीए पहुंचाने का काम करती रही है. यही वजह है कि इस पत्रिका का प्रसार देश में तेजी से बढ़ रहा है और खेती में रुचि रखने वाले पाठकों की तादाद में भी तेजी से इजाफा हो रहा है.
![प्याज व लहसुन में पौध प्याज व लहसुन में पौध](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/jk4pewLCU1643716883995/crp_1643795936.jpg)
प्याज व लहसुन में पौध
हमारे यहां प्याज व लहसुन कंद समूह की मुख्य रूप से 2 ऐसी फसलें हैं, जिन का सब्जियों के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान है. देश में इन की खपत काफी है और विदेशी पैसा हासिल करने में इन का बहुत बड़ा योगदान है.
![पौधशाला में एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन पौधशाला में एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/NstFZ9BOJ1643718473495/crp_1643795713.jpg)
पौधशाला में एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन
सही समय पर किसान खेत की जुताई कर के उस में गोबर, कंपोस्ट व बालू मिला कर अच्छी तरह तैयार कर लें. पौधशाला की क्यारी बनाते समय यह भी ध्यान रखें कि वह जमीन से 6-8 सैंटीमीटर उठी हुई हो और चौड़ाई 80-100 सैंटीमीटर ही रखें.
![पोटैटो डिगर से आलू की खुदाई पोटैटो डिगर से आलू की खुदाई](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/-ntj4DzlI1643714733743/crp_1643795385.jpg)
पोटैटो डिगर से आलू की खुदाई
हमारे देश के कई हिस्सों में आलू की खुदाई शुरू हो चुकी है. लेकिन इस बार भी आलू की बंपर पैदावार के चलते किसानों को आलू की सही कीमत नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि कुछ किसानों ने तो कुछ दिनों के लिए अपने खेत से आलू की खुदाई रोक दी है. उन्हें इंतजार है कि आलू का बाजार भाव कुछ ठीक हो तो खुदाई करें.
![पशुओं में थनैला रोग और उस की रोकथाम पशुओं में थनैला रोग और उस की रोकथाम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/SGsPPvXic1643716497401/crp_1643794642.jpg)
पशुओं में थनैला रोग और उस की रोकथाम
दुधारू पशुओं में अकसर थनैला रोग हो जाता है. इस वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. समय पर उचित उपाय अपना कर इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है. पशु डाक्टर की देखरेख में ही उपचार करेंगे, तो आप का पशु भी सेहतमंद रहेगा.
![जनवरी माह के खास काम जनवरी माह के खास काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/856921/SQ9vNiomu1643718081656/crp_1643794257.jpg)
जनवरी माह के खास काम
नए साल का जनवरी महीना खेतीकिसानी के लिहाज से अहम
![मछलीपालन से स्वरोजगार का अच्छा मौका मछलीपालन से स्वरोजगार का अच्छा मौका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/PYI5MnN-D1643285772375/crp_1643287130.jpg)
मछलीपालन से स्वरोजगार का अच्छा मौका
उदयपुर : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संगठक मात्स्यकी महाविद्यालय में पिछले दिनों 25 नवंबर, 2021 को मीठे पानी की पालने योग्य मछलियां व पालन पद्धति पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ.
![बकरियों में पीपीआर बीमारी के लक्षण व बचाव बकरियों में पीपीआर बीमारी के लक्षण व बचाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/VM02wwcrZ1643286583595/crp_1643287129.jpg)
बकरियों में पीपीआर बीमारी के लक्षण व बचाव
बकरियां बीमार पड़ने पर खानापीना छोड़ देती हैं और आंख बंद कर किसी कोने में खड़ी हो कर हांफती नजर आती हैं.
![अदरक बने रहें गुण, बनाएं बहुतकुछ अदरक बने रहें गुण, बनाएं बहुतकुछ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/PAB3Uz3Zj1643283993620/crp_1643287126.jpg)
अदरक बने रहें गुण, बनाएं बहुतकुछ
मसालों के साथसाथ अदरक को दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. पहले किसान फसल को बाजार की मांग के मुताबिक बेचते थे और बाकी बचे अदरक की ओर ध्यान न दे कर उसे किसी इस्तेमाल में न ला कर उसे यों ही फेंक देते थे. जब किसान ताजा अदरक मंडी में भेजता है, तो उसे अपने उत्पाद के पूरे दाम नहीं मिल पाते थे, इसलिए इस अरदक के ऐसे व्यावसायिक पदार्थ बनाए जाएं तो फसल से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा उठाया जा सकता है. अदरक का इस्तेमाल अचार, चटनी और उद्योगों में भी किया जा सकता है.
![रास नहीं आई शहर की जिंदगी खेती को बनाया रोजगार का साधन रास नहीं आई शहर की जिंदगी खेती को बनाया रोजगार का साधन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/j2reIwd541643281770876/crp_1643287135.jpg)
रास नहीं आई शहर की जिंदगी खेती को बनाया रोजगार का साधन
हाल के दशक में युवाओं का खेती में रुझान तेजी से बढ़ा है, इसलिए तमाम बड़ी डिगरियों वाले भारीभरकम तनख्वाह को छोड़ खेती की तरफ रुख मोड़ रहे हैं, जिस से ऐसे लोग नौकरियों से कई गुना ज्यादा खेती से आमदनी ले रहे हैं.
![नीम पौध रोपण से किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण बचाने की कोशिश नीम पौध रोपण से किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण बचाने की कोशिश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/0EsyTDl-B1643285172941/crp_1643287133.jpg)
नीम पौध रोपण से किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण बचाने की कोशिश
मिट्टी और पर्यावरण के सुधार में नीम बहुत ही अधिक माने रखता है. हाल के सालों में नीम के पेड़ के महत्त्व को देखते हुए सरकारों और समुदाय दोनों में जागरूकता आई है. यही वजह है कि नीम के पौधे रोपने पर अब जोर दिया जाने लगा है.
![क्या लाभकारी है काले गेहूं की खेती? क्या लाभकारी है काले गेहूं की खेती?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/5vgu2NiLu1643282263826/crp_1643287127.jpg)
क्या लाभकारी है काले गेहूं की खेती?
अब तक के इतिहास में काले गेहूं की किसी भी किस्म को भारत सरकार ने अधिसूचित नहीं किया है और न ही सरकारी संस्थानों व मान्यताप्राप्त संस्थानों के द्वारा इस का बीज बेचा जा रहा है, इसलिए किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है कि वह जब तक सरकार द्वारा अनुमोदित बीज उपलब्ध न कराया जाए, तब तक ऐसे बीजों और भ्रामक प्रचार से बचा जाना चाहिए.
![एक्वेरियम में ऐसे रखें रंगीन मछलियां एक्वेरियम में ऐसे रखें रंगीन मछलियां](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/sQiaAWa6l1643282901794/crp_1643287132.jpg)
एक्वेरियम में ऐसे रखें रंगीन मछलियां
एक्वेरियम में रंगीन मछलियों को रखना और उस का पालन एक दिलचस्प काम है, जो न केवल घर की खूबसूरती बढ़ाता है, बल्कि मन को भी शांत करता है. रंगीन मछलियां व एक्वेरियम व्यवसाय स्वरोजगार के जरीए पैसे बनाने के मौके भी मुहैया कराता है.
![अजोला है पौष्टिकता से भरपूर जलीय चारा अजोला है पौष्टिकता से भरपूर जलीय चारा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/851247/jwrOdhMvC1643286104734/crp_1643287122.jpg)
अजोला है पौष्टिकता से भरपूर जलीय चारा
हमारे देश की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्त्वपूर्ण स्थान है. हमारे यहां जोत का आकार दिनप्रतिदिन छोटा होता जा रहा है और किसान चाह कर भी हरे चारे की खेती करने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं. यही वजह है कि देश में हरे चारे की उपलब्धता बहुत कम होती जा रही है.
![मोटे अनाजों की खेती मोटे अनाजों की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/834332/wpe1TQJsR1641553110205/crp_1641646575.jpg)
मोटे अनाजों की खेती
लघु या छोटी धान्य फसलों जैसे मंडुआ, सावां, कोदों, चीना, काकुन आदि को मोटा अनाज कहा जाता है. इन सभी फसलों के दानों का आकार बहुत छोटा होता है. लघु अनाज पोषक तत्त्वों और रेशे से भरपूर होने के चलते इस का औषधीय उपयोग भी है.
बैगन की खेती
भारत में बैगन को गरीबों की सब्जी कहा जाता है. बैगन हर तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, क्योंकि इस का पौधा काफी सहनशील होता है. देश के सभी हिस्सों में बैगन की खेती की जाती है. एक अनुमान के मुताबिक, चीन के बाद हमारे देश में सब से ज्यादा बैगन उगाया जाता है, जो दुनिया की कुल पैदावार का तकरीबन 30 फीसदी है.
महिला किसान उन्नत कृषि यंत्रों का अधिक उपयोग करें
समाचार
![दिसंबर महीने के खेतीबारी से जुड़े खास काम दिसंबर महीने के खेतीबारी से जुड़े खास काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/834332/UTdyPKHO81641551865161/crp_1641646579.jpg)
दिसंबर महीने के खेतीबारी से जुड़े खास काम
रबी सीजन के लिए दिसंबर का महीना सब से महत्त्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने में सब्जी, अनाज, फल वगैरह की अगेती फसलों की देखभाल से ले कर पछेती किस्मों की बोआई का काम किया जाता है.
![मृदा परीक्षण से कृषि उत्पादन लागत और उपज पर प्रभाव मृदा परीक्षण से कृषि उत्पादन लागत और उपज पर प्रभाव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/834332/c4KyN_rWO1641549760351/crp_1641646574.jpg)
मृदा परीक्षण से कृषि उत्पादन लागत और उपज पर प्रभाव
फसलों की वृद्धि और विकास के लिए 16 पोषक तत्त्वों की आवश्यकता पड़ती है, जिसे पौधे अपने जीवनकाल में वातावरण, मृदा और पानी के स्रोतों से प्राप्त कर भरपूर उत्पादन देते हैं. असंतुलन की स्थिति में यदि जैविक घटक जैसे मृदा, बीज, सिंचाई, उर्वरक, पेस्टीसाइड और अन्य प्रबंधन आदि अथवा गैरजैविक घटक जैसे वर्षा (कम या ज्यादा), तापमान (कम या ज्यादा), तेजी से चलने वाली हवाएं, कुहरा, ओले पड़ना आदि के कारण भी कृषि उत्पादन प्रभावित होता है.
![बरसीम एक पौष्टिक दलहनी चारा बरसीम एक पौष्टिक दलहनी चारा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/834332/UagT-NICh1641549109202/crp_1641646573.jpg)
बरसीम एक पौष्टिक दलहनी चारा
बरसीम हरे चारे की एक आदर्श फसल है. यह खेत की उर्वराशक्ति को बढ़ाती है. इसे भूसा के साथ मिला कर खिलाने से पशुओं के लिए निर्वाहक और उत्पादन दोनों प्रकार के आहारों में प्रयोग किया जाता है.
![एमएसपी : ठगा जा रहा है अन्नदाता एमएसपी : ठगा जा रहा है अन्नदाता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/834332/ojr16KEfG1641548283422/crp_1641646570.jpg)
एमएसपी : ठगा जा रहा है अन्नदाता
अगर किसान को उस की फसल की लागत से थोड़ा अधिक पैसा मिल जाए तो वह संतुष्ट हो कर अगली फसल के लिए बेहतर बीज, खाद और पानी का इंतजाम कर सकेगा. इस से फसल भी अच्छी, अधिक और उम्दा होगी और इस का सीधा असर उस की खुशहाली पर दिखेगा.
![सब्जियों की बरबादी को रोकने में मददगार सोलर कोल्ड स्टोर सब्जियों की बरबादी को रोकने में मददगार सोलर कोल्ड स्टोर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/824633/AnN24vtTz1640860453481/crp_1640863291.jpg)
सब्जियों की बरबादी को रोकने में मददगार सोलर कोल्ड स्टोर
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कई गांवों में हजारों किसान सब्जियों की खेती करते हैं, जिस को वे स्थानीय मार्केट के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ वगैरह राज्यों की मंडियों में भी भेजते हैं, लेकिन कई बार सब्जियों का अधिक उत्पादन और बाजार में रेट गिरने से किसानों को नुकसान होने का डर सताता रहता है. ऐसे में स्थानीय लैवल पर कोल्ड स्टोर की सुविधा न होने से किसान खराब होने वाली तैयार सब्जियों को लंबे समय तक रोक कर भी नहीं रख सकते हैं.
बस्ती जनपद के काला नमक धान का नाम पूरे भारत में है
7 नवंबर, 2021 को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती का भ्रमण डा. एके सिंह, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, गोविंद राजू एनएस, आयुक्त, बस्ती, मंडल बस्ती व डा. बीएन सिंह, चेयरमैन शोध एवं विकास केंद्र, गोरखपुर ने किया.