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दलित वोटों के दो युवा दावेदार
लोकसभा चुनाव के जो नतीजे आये हैं, वह भी यह संकेत दे रहे हैं कि दलितों का बहनजी से मोह भंग हो चुका है। यदि ऐसा नहीं होता तो आम चुनाव में दलित वोटर बसपा से छिटक कर कांग्रेस-सपा गठबंधन और भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के साथ नहीं जाते, जिन्होंने दलित बाहुल्य वाली नगीना लोकसभा सीट से चुनाव जीता था और यहां बसपा प्रत्याशी सुरेन्द्र पाल सिंह चौथे नंबर पर रहे।
योगी तीन साल में कितने बदल पायेंगे हालात!
2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं और तब योगी की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। 2027 के चुनाव में जहां राहुल गांधी और अखिलेश यादव बढ़े हुए मनोबल के साथ मैदान में उतरेंगे, वहीं बीजेपी को 2024 के नतीजे कचोटते रहेंगे, जबकि पार्टी 2024 जैसे चुनावी नतीजे 2027 विधानसभा चुनाव में नहीं देखना चाहती है। इसीलिए बीजेपी आलाकमान के साथ-साथ सीएम योगी आत्यिनाथ उन मुद्दों की धार कुंद करने में लग गये हैं जिसके सहारे कांग्रेस-सपा गठबंधन ने बीजेपी को आईना दिखाया था।
वर्ष 2026 में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुंच जाएगी रेल
रेल परियोजना की मुख्य सुरंगों के साथ आपात स्थिति के लिए निकास सुरंगों तथा इन दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए क्रास पैसेज तथा निकास सुरंगों को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए एडिट सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है। परियोजना में सभी तरह की सुरंगों की कुल लंबाई 213.4 किमी है। अब तक परियोजना के 213.4 किमी में से 153.6 किमी (73 प्रतिशत) सुरंगों की खुदाई का कार्य पूरा हो चुका है।
सीएम धामी के प्रदर्शन पर पीएम मोदी खुश - उत्तराखंड को मिलेंगी बड़ी सौगातें
सीएम धामी का बढ़ता राजनीतिक कद निश्चित रूप से उनके उज्ज्वल राजनीतिक जीवन के साथ ही उत्तराखंड को नई दिशा देने में लाभकारी सिद्ध होगा। इससे सीएम धामी अपने प्रभाव के बल पर उत्तराखंड को केन्द्र सरकार से विशेष आर्थिक व अन्य सहायता प्रदान कराने में निर्णायक भूमिका निभा सकेंगे। इसी कड़ी में सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से उत्तराखंड के विकास हेतु हजारों करोड़ की आर्थिक सहायता व कई परियोजनाओं को मूर्त प देने में आवश्यक सहायता मांगी है, जो उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
पीएम मोदी के सपनों के अनुरूप संवर रहा केदारनाथ
आज चारधाम यात्रा हर साल नये कीर्तिमान बना रही है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय कहते हैं कि केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में साल-दर-साल बढ़ोत्तरी हो रही है। तीर्थ यात्रियों के खाने-ठहरने व स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष तीर्थ यात्रियों की संख्या नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।
पांचों लोकसभाओं पर जीत के साथ - 47 से 60 विस पर पहुंचे धामी
राज्य विधानसभा के वर्ष 2022 में हुए चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। पार्टी ने विस की 70 में 47 सीटों पर विजय हासिल की। इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी के सामने राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन सुधारने की चुनौती थी। इसी क्रम में उन सीटों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया, जहां विस चुनाव में पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में आने के बाद तस्वीर साफ हुई कि राज्य में 60 विस क्षेत्रों में भाजपा को जीत मिली, जिसे मोदी के साथ-साथ धामी की बड़ी उपलब्धि के रूप में भी देखा जा रहा है।
भ्रष्टाचार और अपराध को ध्वस्त करेगा धाकड़ धामी का बुल्डोजर
कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन रहे अपराधियों पर अब सीएम पुष्कर सिंह धामी का बुल्डोजर चलने लगा है। पिछले दिनों रवि बडोला हत्याकांड में शामिल अपराधियों के खिलाफ बुल्डोजर कार्रवाई से एक बार फिर सीएम धामी चर्चा में हैं। सीएम धामी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचारियों पर ऐसा डंडा चला रहे हैं, जो न आईएएस, आईएफएस को बख्श रहा, न नेताओं को बेहद शांत स्वभाव के दिखने वाले सीएम पुष्कर सिंह धामी के इस एक्शन भरे अंदाज को खासा सराहा जा रहा है।
नीट नहीं 'क्लीन'
बहुत संभव है कि साल 2024 के पहले भी नीट परीक्षा में सेंधमारी हुई हो लेकिन तब वह प्रकाश में न आयी हो। लेकिन इस बार तो सब कुछ स्याहसफेद सामने दिख रहा है। इस मामले में सबसे पहले बिहार और गुजरात प्रांत से सेंधमारी की बात सामने आयी थी। उसके बाद पहली गिरफ्तारी भी बिहार से हुई लेकिन देखते ही देखते देश के अन्य राज्यों में भी यह 'गंदगी' फैली हुई साफ दिख रही है। सारा मामला खुलते ही पूरे देश में हड़कंप मच गया। अब मामले में कई स्तर पर समीक्षा और जांच चल रही है। बिहार व झारखंड में ईओयू व बिहार पुलिस की अलग-अलग टीमें छापेमारी कर रही हैं।
भाजपा को दक्षिण में जड़ें जमाने से रोकेंगी प्रियंका
कांग्रेस आलाकमान ने बहुत सोच-समझकर केरल की वायनाड सीट से गांधी परिवार की ही प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने का फैसला किया है। अब प्रियंका गांधी अपने बड़े भाई राहुल गांधी द्वारा छोड़ी गयी वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ेंगी। साफ है कि इसके पीछे कांग्रेस आलाकमान की यह सोच है कि राहुल गांधी को उत्तर भारत में तो प्रियंका गांधी को दक्षिण भारत में सक्रिय करने से भाजपा को चोट पहुंचायी जा सकती है।
आईपीसी-सीआरपीसी अब इतिहास
नये कानून में तय समय सीमा में एफआईआर दर्ज करना और उसे अदालत तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में व्यवस्था है कि शिकायत मिलने पर तीन दिन के अंदर एफआइआर दर्ज करनी होगी। तीन से सात साल की सजा के केस में 14 दिन में प्रारंभिक जांच पूरी करके एफआईआर दर्ज की जाएगी। 24 घंटे में तलाशी रिपोर्ट के बाद उसे न्यायालय के सामने रख दिया जाएगा। बानगी के तौर पर यदि दुष्कर्म के मामले लें तो ऐसे मामले में सात दिन के भीतर पीड़िता की चिकित्सा रिपोर्ट पुलिस थाने और कोर्ट भेजी जाएगी।
आईपीएल से दूर रहकर उर्वशी ने किया मायूस
उर्वशी रौतेला को निश्चित रूप से देश में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली, सम्मानित और चहेती शख्सियतों में से एक माना जाता है। इस साल कान्स में उर्वशी रौतेला का जलवा बरकरार रहा।
अपनी तमिल फिल्म के बारे में दिलचस्प अपडेट देगी सनी लियोनी
सनी लियोनी अपनी आगामी फिल्म 'कोटेशन गैंग' पर एक रोमांचक अपडेट का अनावरण करने को तैयार हैं।
अदा शर्मा ने रैंप पर शेयर किया ऊप्स मोमेंट
अदा शर्मा इस पीढ़ी की सबसे बहुमुखी अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने द केरल स्टोरी के साथ अपने यथार्थवादी अभिनय कौशल को साबित किया और इसके बाद कॉमेडी सनफ्लावर सीज़न 2 के साथ आईं और अब वह बस्तर द नक्सल स्टोरी में एक शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ आई हैं जिसके लिए उन्हें प्रशंसा मिल रही है।
सुपर-8 में भारत की हो सकती है ऑस्ट्रेलिया से टक्कर
टी20 वर्ल्डकप का आगाज हो चुका है। टूर्नामेंट में 28 दिन तक 55 मैच खेले जाएंगे। ग्रुप स्टेज में 2 से 18 जून तक 17 दिन में 40 मैच होंगे। सुपर-8 स्टेज में 19 से 25 जून तक 7 दिन में 12 मैच खेले जाएंगे। 27 जून को दोनों सेमीफाइनल, वहीं 29 जून को फाइनल होगा। टी-20 वर्ल्ड कप की होस्टिंग अमेरिका और वेस्टइंडीज को मिली है। अमेरिका के 3 वेन्यू पर कुल 16 मैच होंगे। न्यूयॉर्क में 8, वहीं डलास और फ्लोरिडा में 4-4 मैच खेले जाएंगे।
जीवन में प्रसाद का अभाव और अवसाद का प्रभाव
जीवन में प्रसाद का अभाव है और अवसाद का प्रभाव। अवसाद वस्तुतः पराजित मानसिकता का परिणाम है। मित्रता सुख देती है। मित्र परस्पर सुख-दुख बांटते हैं लेकिन मित्रता भी स्वार्थ निरपेक्ष नहीं है। एकाकी होने में दुख है। एकाकी अनुभव होने में और ज्यादा दुख है। बृहदारण्यक उपनिषद में सृष्टि के विकास का सुन्दर वर्णन है। ऋषि कहते हैं, पहले वह अकेला था। अकेला होने के कारण उसे आनंद नहीं मिला।
पिता एक रिश्ता है तो जिम्मेदारी का नाम भी
अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस (16 जून) पर विशेष
बच्चों को गैजेट नहीं, टाइम दें!
आजकल कम उम्र में बच्चे आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठाने से भी परहेज नहीं करते। इसकी बड़ी वजह है परिवार, संयुक्त परिवार की जगह एकांकी परिवार का बढ़ता चलन। बात यहीं तक सीमित नहीं है, समस्या यह भी है घर में रहते हुए भी लोगों का अधिकांश समय आपसी बातचीत से अधिक मोबाइल, टीवी में गुजरता है। इस वजह से आपस में सामाजिक दूरियां भी बढ़ रही हैं।
एनडीए की जीत पर पाकिस्तान सदमे में!
भारत में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा अकेले दम पर बहुमत आंकड़ा पार नहीं कर पाई तो सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तानी नेता नजर आए। 2019 के मुकाबले भाजपा की सीटें घटने पर पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने खुशी जताई। फवाद ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि भारत की जनता नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा को खारिज करेगी।
एनडीए ने 9, इंडिया ने 5 सीटों पर जमाया कब्जा
भाजपा को रांची, धनबाद, पलामू, कोडरमा, चतरा हजारीबाग, जमशेदपुर और गोड्डा सीट पर सफलता मिली तो आजसू एक बार फिर गिरिडीह सीट बचाने में सफल रहा। वहीं इस बार दुमका, राजमहल और सिंहभूम सीट झामुमो के खाते में गई तो वही लोहरदगा और खूंटी सीट कांग्रेस ने जीत ली। एनडीए और इंडिया के लिए प्रतिष्ठा बनी खूंटी और दुमका भी भाजपा ने गंवा दी। यहां से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और हाल ही में झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं सीता सोरेन दुमका सीट नहीं बचा सकी। दो बार चुनाव जीतने वाली लोहरदगा संसदीय सीट भी भाजपा ने गंवा दी।
लालू की रणनीति से गठबंधन के सहयोगी भी चित
बिहार में पूरे लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो इंडिया गठबंधन जिस तरह के जीत के दावे कर रहा था, वैसी सफलता नहीं मिली। हालांकि, उसे नौ सीटों मिली जीत छोटी नहीं है, क्योंकि पिछली बार महज एक सीट पर जीत मिली थी। इस जीत में बड़ी भूमिका तेजस्वी यादव की रही। पिता लालू प्रसाद की पूरी रणनीति पर उन्होंने काम किया और पूरे चुनाव प्रचार में वे बड़े स्टार प्रचारक के रूप में रहे। चुनाव प्रचार के दौरान पूरे इंडिया गठबंधन में राजद को छोड़ अन्य किसी बड़े नेता ने चुनाव प्रचार को बहुत गंभीरता से नहीं लिया।
नीतीश कुमार का साथ एनडीए पर भरोसा
एनडीए से भाजपा ने 17 तो जदयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दोनों ही दलों को 12-12 प्रत्याशी जीते। लोजपा (रामविलास) को पांच सीटें बंटवारे में मिली थीं। चिराग पासवान के नेतृत्व उसने सभी सीटों पर जीत हासिल की। एनडीए के अन्य सहयोगी जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को एक सीट दी गई थी। गया की एकमात्र सीट पर मांझी लड़े और उन्हें जीत मिली।
अब मंथन का दौर
जाति, धर्म, राम मंदिर, आरक्षण, मुस्लिम आरक्षण, संविधान, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, ईवीएम, किसान से लेकर वो जिहाद, मंगलसूत्र, मुजरा, कानून व्यवस्था, बाहुबली, मिट्टी में मिल गये माफिया, मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनायें, सब छाये रहे। एनडीए सरकार की सभी योजनाओं में से प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज प्रभावी और दूरगामी प्रतीत हुआ।
योगी के साथ किसने कर दिया 'खेला'!
राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि एक समय जब बीजेपी आलाकमान ने काफी गंभीरता के साथ यह तय कर लिया था कि उत्तर प्रदेश में खराब छवि वाले करीब ढाई दर्जन सांसदों के टिकट काटे जायेंगे तो फिर ऐसा क्या हुआ, जो ऐन वक्त पर करीब-करीब सभी खराब और दागी छवि वाले सांसदों को टिकट थमा दिया गया। कुछ लोग इसे योगी के खिलाफ साजिश बता रहे हैं। यह साजिशकर्ता कौन हैं?
देवभूमि में भाजपा की हैट्रिक से बढा धामी का कद
इस बार के लोकसभा चुनाव में भी राज्य की जनता भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी रही और पांचों सीटें फिर से उसकी झोली में डालने का काम किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राज्य में डबल इंजन का दम अभी भी बरकरार है। बीते 10 वर्षों के कालखंड में ही राज्य को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार से लगभग डेढ़ लाख करोड़ की लागत वाली तमाम परियोजनाएं, योजनाएं हासिल हुई हैं। इनके काम धरातल पर दिख भी रहे हैं, जिसने मतदाताओं के मन में विश्वास भरने का काम किया।
अबकी बार एनडीए सरकार
भाजपा ने 'राम' नाम के सहारे यूपी ही नहीं देश फतह करने के मंसूबे पाल रखे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूपी में भाजपा मात्र 33 सीटों पर सिमट गयी। यूपी में भाजपा और एनडीए को सबसे ज्यादा नुकसान विपक्ष के इण्डिया गठबंधन ने पहुंचाया। यहां 2019 में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार छह सीटों पर जीत का परचम लहराया तो वहीं समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीतकर चौंका दिया।
चुनाव और चारधाम यात्रा - धामी ने बेहतर तरीके से संभाला
मई महीने में धामी ने यूपी, झारखंड, दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल राज्य की विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया और उनके पक्ष में वोट डालने की अपील की।
देवभूमि में जनजातियों पर भी भाजपा की नजर
जनसंख्या के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड में जनजातियों की आबादी तीन लाख के लगभग है, लेकिन भाजपा का प्रयास है कि वह प्रत्येक जनजाति परिवार तक पहुंचे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसके लिए दस्तक देनी भी शुरू कर दी है। वे जनजाति बहुल गांवों व क्षेत्रों में जाकर उनके उत्थान को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दे रहे हैं। इस दौरान अति पिछड़ी जनजातियों के उत्थान को केन्द्र के प्रधानमंत्री जनजातीय एवं आदिवासी महाभियान (पीएम-जनमन) का विशेष तौर पर उल्लेख किया जा रहा है।
पलायन व पर्यावरण की चिंता नहीं बना मुद्दा
उत्तराखंड में वर्तमान में नगरीय क्षेत्रों की संख्या 102 है। इनमें नौ नगर निगम और शेष नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत हैं। इसके अलावा लगभग आठ नए नगरीय क्षेत्रों के लिए निकायों के गठन की प्रक्रिया गतिमान है। राज्य के इन शहरों की तस्वीर पर नजर दौड़ाएं तो यह अनियोजित विकास की मार से अछूते नहीं है। पहाड़ के गांवों से पलायन के चलते इन शहरों पर जनदबाव अत्यधिक है।
कहीं मोहरा तो नहीं बन गयीं स्वाती मालीवाल!
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने स्पष्ट आरोप लगाया कि बीजेपी ने साजिश रची। इसी साजिश के तहत बीजेपी ने स्वाति को केजरीवाल के आवास पर भेजा। इस साजिश का मकसद था केजरीवाल पर झूठा आरोप लगाना। स्वाति इस साजिश का चेहरा थीं। स्वाति बिना अपॉइंटमेंट लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंची थीं। उनका इरादा था कि सीएम पर आरोप लगाए जाएं मगर वो उस समय उपलब्ध नहीं ये तो वो बच गए। इसलिए स्वाति ने बिभव कुमार पर आरोप लगाए।
जानलेवा तापमान तोड़े सारे रिकॉर्ड
भारत ही नहीं दुनिया के तमाम शहरों में कुछ समय पूर्व चढ़ते पारे ने नया रिकॉर्ड बनाया। साल-दर-साल बढ़ती गर्मी ने हीटवेव को और जानलेवा बना दिया। दुनिया के तमाम देशों में लगातार तापमान बढ़ता ही गया। 2022 में इंग्लैंड का तापमान जुलाई में 40 डिग्री सेल्सियस के पार था। चीन में पिछले साल अधिकतम तापमान 52 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। इटली में तो 2021 में ही पारा 48.8 डिग्री पहुंच चुका था। इस साल भारत में भी तापमान के सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आये।