बीती 11 जुलाई को दोपहर एक बजे का वक्त था. जयपुर के आंबेडकर सर्किल के पास इंदिरा गांधी नहर मंडल में राजस्थान विप्र (ब्राह्मण) कल्याण बोर्ड के कार्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम चल रहा था. ठीक इसी दौरान यहां से तीन किलोमीटर दूर बजाज नगर की हरिजन बस्ती में आंबेडकर बालिका स्कूल की दीवारों पर रंग पोतकर विप्र कल्याण बोर्ड लिखा जा रहा था. इंदिरा गांधी नहर मंडल में जहां पूरे लवाजमे के साथ कार्यालय का उद्घाटन किया जा रहा था, वहीं बजाज नगर में गुपचुप तरीके से आंबेडकर के नाम को मिटाकर उस पर विप्र कल्याण बोर्ड लिख दिया गया.
इस स्कूल को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने समानीकरण योजना के नाम पर बंद कर दिया था. इस योजना के तहत जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या के एक निश्चित अनुपात से ज्यादा शिक्षक थे, उन्हें हटाया गया था और जहां शिक्षकों के अनुपात में बच्चे कम थे, उन स्कूलों को बंद किया गया था. हालांकि स्थानीय लोग इसके पक्ष में नहीं थे और वे पिछले छह साल से इस स्कूल को खुलवाने के लिए शिक्षा विभाग के दफ्तरों में चक्कर काट रहे हैं. लेकिन इस बीच यहां स्कूल की जगह विप्र कल्याण बोर्ड का कार्यालय बन गया है. बजाज नगर विकास समिति से जुड़े मदन लाल बैरवा कहते हैं कि उनके साथी स्कूल की जमीन को एक जातिगत संगठन के नाम पर बने बोर्ड को किसी भी सूरत में नहीं सौंपने देंगे और सरकार के इस कदम के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. शिक्षाविद् डॉ. प्रकाश चतुर्वेदी भी इस कदम को गलत मानते हैं और कहते हैं, “शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे सरकार के बुनियादी काम हैं, लेकिन यह पहली बार देखा जा रहा है कि शिक्षण संस्थाओं को बंद करके उनकी जमीन और संसाधनों को जातिगत संस्थाओं को सौंपा जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि सरकार शिक्षा की जगह जातिगत मूल्यों को बढ़ावा दे रही है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 10, 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 10, 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.