अचलाराम राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले की रामसर तहसील के इंद्रुई गांव के पशुपालक हैं. गाय-भैंस का दूध बेचकर वे अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं, लेकिन इन दिनों लगता कि जैसे अचलाराम पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. पिछले 10 दिन में लंपी वायरस की चपेट में आने से उनकी तीन गायों की मौत हो चुकी है और तीन गायें अभी-भी संक्रमित हैं. अपनी आंखों के सामने गायों को इस तरह मरता देखकर अचलाराम पूरी तरह टूट चुके हैं. यह दुखद कहानी सिर्फ अचलाराम की नहीं है. इंदुई में अब तक 70 से ज्यादा गायों की लंपी वायरस के कारण मौत हो चुकी है, 300 से ज्यादा गायें अभी संक्रमित हैं और इस सबके चलते यहां के तमाम पशुपालक डरे हुए हैं.
रामसर तहसील के ही लंगेरा गांव के किसान प्रभु सिंह के साथ तो और भी बुरा हुआ. प्रभु सिंह के पास चार दुधारू गायें थीं और चारों गायों की लंपी बीमारी के कारण मौत हो गई. वहीं बाड़मेर जिले की गिड़ा तहसील के सवाऊ मूलराज गांव में भी बीते एक हफ्ते में 70 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है और 400 गायें संक्रमित बताई जा रही हैं. सामाजिक कार्यकर्ता हुकमाराम जाखड़ कहते हैं, “सवाऊ मूलराज गांव में ऐसा कोई घर नहीं बचा, जिसमें किसी गाय की मौत न हुई हो."
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 24, 2022 sayısından alınmıştır.
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