जोधपुर के पाल गांव में 29 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कबड्डी के पाले में दांव आजमा रहे थे. तब किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि आने वाले कुछ ही दिनों में वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को इसी तरह सियासी पटखनी देते नजर आएंगे. राजस्थान में पिछले डेढ़ माह से जोर-शोर से चल रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों को सियासत से यूं ही नहीं जोड़ा जा रहा है. बात ये है कि इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद खेल के मैदान में पहुंचकर मतदाताओं की नब्ज टटोलते नजर आ रहे हैं. दरअसल, सरकार के मुखिया की यह भागदौड़ सीधे तौर के पर प्रदेश के उन सवा करोड़ से ज्यादा लोगों की सियासी नब्ज थामने की कवायद है जो किसी न किसी रूप से ग्रामीण ओलंपिक खेलों से जुड़े हैं. राजस्थान के इस सबसे बड़े खेल महाकुंभ में प्रदेशभर में दो लाख 25 हजार टीमें भाग ले रही हैं और उनसे 30 लाख खिलाड़ी जुड़े हैं. 29 अगस्त से 13 अक्तूबर तक चलने वाले राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग दर्शक के रूप में जुड़ने वाले हैं. खिलाड़ी और दर्शकों को शामिल कर लिया जाए तो ग्रामीण ओलंपिक खेलों से जुड़ी यह आबादी राजस्थान के कुल मतदाताओं की करीब 35-40 फीसद ठहरती है. यही वजह है कि सरकार इन खेलों के आयोजन पर करीब 40 करोड़ रुपए भी खर्च कर रही है.
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन का कहना है, "राजस्थान में ग्रामीण ओलंपिक का जबरदस्त माहौल बना है. बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, अमीर, गरीब हर कोई इन खेलों का आनंद ले रहा है. खेलों के साथ ही गांवों में वोटों की फसल भी पक रही है लेकिन यह फसल काटेगा कौन, यह भविष्य ही तय करेगा. खेलों के आयोजन के दौरान अगर सरकार अपनी योजनाओं को ठीक से लोगों तक पहुंचा पाई तो वह एक बड़े वर्ग को साधने में कामयाब होगी."
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin October 19, 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin October 19, 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.