मानसून जा चुका है लेकिन मध्य प्रदेश में घोषणाओं और वादों की झड़ी लगी हुई है। लगभग दो महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी एक के बाद एक नई योजनाएं लेकर आ रही है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस उतनी ही तेज रफ्तार से घोटालों का परदाफाश कर भाजपा सरकार को चुनौती दे रहा है। सियासी मौसम को देखते हुए कह सकते हैं कि आगामी चुनाव में दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर है। दूसरे चुनावी राज्यों के मुकाबले मध्य प्रदेश के चुनावी गणित को समझना सरल है। यहां विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। राज्य में हमेशा कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला होता रहा है। प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में 2018 का चुनाव संभवतः पहला मौका था जब परिणाम फोटो फिनिश जैसा रहा। इस बार के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री कर ली है। मुकाबला अब परंपरागत रूप से भाजपा-कांग्रेस के बीच होने के बजाय बहुकोणीय होता दिख रहा है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin October 02, 2023 sayısından alınmıştır.
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