उत्तर-पूर्व के राज्यों की चुनावी राजनीति अमूमन फीकी और बेरंग रहती आई है। माना जाता है कि केंद्रीय अनुदानों और सहयोग के भरोसे राजकाज चलाने वाले ये सूबे कभी केंद्र की सत्ता से प्रत्यक्ष वैर नहीं पालते। पहली बार यह मिथक मिजोरम में टूटता दिख रहा है, जहां 40 विधानसभा सीटों के लिए आगामी 7 नवंबर को मतदान होना है। मिजोरम में सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के मुखिया और मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने यह कहकर चुनावी माहौल गरमा दिया है कि वे 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। यह बयान इसलिए अहमियत रखता है क्योंकि एमएनएफ केंद्र में एनडीए का हिस्सा है, हालांकि वह पहले संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट कर चुका है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin November 13, 2023 sayısından alınmıştır.
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