अमूमन विश्व कप जैसा बड़ा टूर्नामेंट बड़े नामों की लड़ाई के लिए याद किया जाता है। भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड की कहानी है, तो रास्ता लंबा तय होगा। लेकिन स्कॉटलैंड, नामीबिया, जिम्बाब्बे, नीदरलैंड और अफगानिस्तान की चर्चा एक सीमा तक ही होगी। हालांकि 2023 की विश्व कप स्पर्धा कुछ कम चर्चित नामों की बड़ी उपलब्धियों का गवाह बना। इस विश्व कप में क्रिकेट के सबसे बड़े पटल पर अफगानिस्तान और नीदरलैंड के उदय की कहानी लिखी गई और इतिहास रचा गया। इसी मायने में विश्व कप 2023 खास रहा । इसे 'आश्चर्य' के एक्स फैक्टर ने भी अलग बनाया। एक तरफ डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड और पाकिस्तान, श्रीलंका जैसी टीमें उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं, तो अफगानिस्तान और नीदरलैंड ने कभी न भुलाया जाने वाला प्रदर्शन किया। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान, श्रीलंका, इंग्लैंड और नीदरलैंड को मात दी तो नीदरलैंड ने दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश को हार का मुंह दिखाया। आवश्यकता है कि बात इन कहानियों की भी हो, जिनकी वजह से विश्व कप में रोमांच का तड़का लग सका।
अफगानिस्तान का उदय
अफगानिस्तान टीम भले ही इस बार सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गई, लेकिन यह विश्व कप उसके उदय के लिए याद रखा जाएगा। टीम एक ही विश्व कप में तीन पूर्व विश्व चैंपियन टीमों को हरा देगी, टूर्नामेंट से पहले यह सोचना आसमान में तारे गिनने जैसा था। मगर, अफगान खिलाड़ियों ने क्रिकेट की अनिश्चिता को बनाए रखा। टीम पाइंट टेबल में चार जीत के साथ छठे स्थान पर रही। पिछले दो विश्व कप में मात्र एक मैच जीतने वाली टीम अब आगे बढ़ चुकी है। अपने स्पिनरों की खेप से विश्व में पहचानी जाने वाली अफगनिस्तान टीम अब तेज गेंदबाजी और बल्लेबाजी के लिए भी जानी जाती है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin December 25,2023 sayısından alınmıştır.
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डाल्टनगंज '84
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मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
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मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
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