अठारहवीं लोकसभा के लिए पंजाब की 13 में से 7 सीटों पर अप्रत्याशित जीत दर्ज कर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस फिर से यहां उभरी है। किसान आंदोलन, कानून-व्यवस्था, सिख बंदियों की रिहाई, नशा जैसे कई मुद्दों और एंटी-इनकंबेंसी से घिरी सत्ताधारी आम आदमी पार्टी तीन सीटों पर सिमट कर रह गई। भाजपा पहली बार अकेले मैदान में उतरी पर आंदोलनरत किसानों के भारी विरोध के चलते खाता भी नहीं खोल सकी। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के माफीनामे जैसे मुद्दों से घिरी शिरोमणि अकाली दल की पंथक सियासत भी एक सीट पर सिमट कर रह गई। आप, कांग्रेस, भाजपा और शिअद के बीच चौकोणीय मुकाबले में खालिस्तान समर्थक दो आजाद उम्मीदवारों की बड़ी जीत चौंकाने वाली है।
देशद्रोह एवं आठ अन्य आपराधिक मामलों के आरोप में पंजाब से 2700 किलोमीटर दूर असम के डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (रासुका) के तहत बंद खालिस्तानी संगठन 'वारिस पंजाब दे', के मुखिया अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब लोकसभा सीट पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर तमाम सियासी दिग्गजों को पछाड़ते हुए 38.6 प्रतिशत वोट हासिल कर पंजाब में सबसे अधिक मतों 1.97 लाख के अंतर से रिकॉर्ड जीत दर्ज की। कांग्रेस के कुलबीर जीरा के हिस्से सिर्फ 19.8 प्रतिशत मत आए।
फरीदकोट में अमृतपाल के अनुयायी खालिस्तान समर्थक आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा, जो दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं, ने आप उम्मीदवार करमजीत अनमोल पर 70,053 मतों से जीत दर्ज की।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin June 24, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin June 24, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
असद का अंत
बशर अल-असद के राज की शुरुआत में लोकतांत्रिक सुधारों से लेकर उससे पलटाव और फिर कट्टर ताकतों के कब्जे की कहानी
बालमन के गांधी
ऐसे दौर में जब गांधी की राजनीति, अर्थनीति, समाजनीति, सर्व धर्म समभाव सबसे देश काफी दूर जा चुका है, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का रंग-ढंग बदलता जा रहा है, समूचे इतिहास की तरह स्वतंत्रता संग्राम के पाठ में नई इबारत लिखी जा रही है, गांधी के छोटे-छोटे किस्सों को बच्चों के मन में उतारने की कोशिश वाकई मार्के की है। नौंवी कक्षा की छात्रा रेवा की 'बापू की डगर' समकालीन भारत में विरली कही जा सकती है।
स्मृतियों का कोलाज
वंशी माहेश्वरी भारतीय और विश्व कविता की हिंदी अनुवाद की पत्रिका तनाव लगभग पचास वर्षों से निकालते रहे हैं। सक्षम कवि ने अपने कवि रूप को पीछे रखा और बिना किसी प्रचार-प्रसार के निरंतर काव्य- सजून करते रहे हैं।
लाल और चमकीला का पंजाब
बॉलीवुड के लिए कहानियों और संगीत का समृद्ध स्रोत रहा राज्य अब परदे पर नशे, फूहड़पन का पर्याय बना
विवाह बाजार में आमद
भारत में महंगी और भव्य शादियों की चाह ने इसे एक अलग व्यापार बना दिया है, यह बाजार लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा और कंपनियों की पेशकश भी बढ़ रही
अकाली संकट के 'बादल'
श्री अकाल तख्त साहिब के दो दिसंबर को सुनाए फैसले से पंथक राजनीति पर सवाल
भुट्टो की नजर में नेहरू
नेहरू को कलंकित किए जाने के दौर में भारत के कटुतम आलोचकों में से एक नेता का उनके बारे में आकलन