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केंद्रीय बजट में बिहार को 59 हजार करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी गई है। दो राज्यों के लिए इस दरियादिली पर स्वाभाविक ही नजर उठनी थी। जाहिर है, बिहार में नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के सहयोग से केंद्र की सरकार चल रही है। बिहार के प्रति उदारता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष हमलावर है, तो बिहार में विपक्षी नेता विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की मांग उठा रहे हैं।
राजद ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए आंदोलन का ऐलान किया है। बिहार के लिए एक्सप्रेस वे, बिजली इकाई, बाढ़ सुरक्षा, पर्यटन वगैरह योजनाओं के मद में 59 हजार करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। हर साल बाढ़ की तबाही झेलने वाले बिहार को समेकित पैकेज से राहत मिलने की बात की गई है। हालांकि यह दीगर बात है कि इनमें कई परियोजनाएं बरसों पुरानी हैं और कई बार उनका ऐलान किया जा चुका है। मसलन, पीरपैंती में बिजलीघर परियोजना का ऐलान 2014 का है, मगर आज तक कुछ नहीं हुआ है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin August 19, 2024 sayısından alınmıştır.
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